कोरोना काल में टूट रहीं धार्मिक वर्जनाएं, बेटा नहीं आ पाया तो मुस्लिम युवक ने ससुर को दी मुखाग्नि
मंगलवार को एक मुस्लिम युवक ने सुरजकुंड श्मशान घाट में अपने हिंदु ससुर के शव को मुखाग्नि देकर इंसानियत और रिश्ते की नई परिभाषा गढ़ दी। हिंदु युवती से प्रेम विवाह किया था।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना काल में धार्मिक और सामाजिक वर्जनाएं टूटती दिख रही हैं तो रिश्तों और मानवीयता के नायाब पहलू भी सामने आ रहे हैं। मंगलवार को एक मुस्लिम युवक ने सुरजकुंड श्मशान घाट में अपने हिंदु ससुर के शव को मुखाग्नि देकर इंसानियत और रिश्ते की नई परिभाषा गढ़ दी। ससुर को कोरोना पॉजिटिव होने पर अलीगढ़ से लाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
मेडिकल कालेज में शव गृह पर खड़े मुस्लिम युवक ने बताया कि उसने एक हिंदु युवती से प्रेम विवाह किया था। बताया कि सास और ससुर अलीगढ़ में रह रहे थे, जबकि उनका बेटा दुबई में है। ससुर चार साल से खांसी और श्वास रोगी थे। 13 जून की रात आठ बजे कोरोना संक्रमण होने के अंदेशे के चलते मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद चिकित्सकों ने दोनो फेफड़ों में निमोनिया बताया था। मेडिकल कालेज में भर्ती के 10 घंटे बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक के परिजन क्वारंटाइन सेंटर में हैं। बेटा दुबई से आ नहीं सका। शव को मर्चरी में रखे एक दिन हो चुका था। ऐसे में मुस्लिम युवक ने सूरजकुंड श्मशान घाट पर विधि-विधान से अपने ससुर का अंतिम संस्कार किया। शव को मुखाग्नि दी।