Love Jihad: पति ने छोड़ा, परिवार ने नाता तोड़ा और बेरहम आशिक ने मार डाला, प्यार में मिला छल Meerut News
बेरहम आशिक ने एक साल पहले ही प्रिया के कत्ल की पटकथा लिख ली थी। दस अप्रैल 2019 को प्रिया ने अपने प्रेमी पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था।
मेरठ, [सुशील कुमार]। बेरहम आशिक ने एक साल पहले ही प्रिया के कत्ल की पटकथा लिख ली थी। दस अप्रैल 2019 को प्रिया ने अपने प्रेमी पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद शमशाद ने प्रिया की हर बात मानकर समझौता कर लिया। साथ ही उसे अपने नए मकान में साथ ले आया। यहां आकर लगातार इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव भी बना रहा था। प्रिया ने इन्कार किया तो उसके साथ हर रोज मारपीट की जाने लगी थी। 29 मार्च को योजना के तहत उसकी हत्या कर दी गई।
प्रिया की अनबन रहने लगी
मूलरूप से लोनी की रहने वाली प्रिया चौधरी की शादी दस साल पहले गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र के खंजरपुर निवासी राजीव से हुई थी। प्रिया चौधरी को एक बेटी कशिश पैदा होने के बाद विवाद होने लगा। पति से तलाक लेने के बाद वह अपने मायके आ गई। परिवार के लोगों से भी प्रिया की अनबन रहने लगी। आठ साल पहले मायके से नाता तोडऩे के बाद मोदीपुर के गोविंदपुरी में अपनी सहेली चंचल के मकान में बेटी के साथ किराए पर रहने लगी। वहीं पर प्रिया ने एक ब्यूटी पार्लर भी खोल दिया। पांच साल पहले प्रिया की मुलाकात मोदीनगर में शमशाद से हो गई। शमशाद बुक बाइडिंग का काम करता है। शमशाद ने प्रिया को भरोसा दिलाया कि उसे नौकरी दिलाएगा। उसके बाद से प्रिया और शमशाद की बातचीत होने लगी।
नाम अमित गुर्जर बताया
शमशाद ने अपना नाम अमित गुर्जर बताया था। बात इतनी बढ़ी कि प्रिया अपनी बेटी के साथ शमशाद के कहने पर मोदीनगर को छोड़कर मेरठ आ गया। कई कालोनियों में किराए के मकान में रहने के बाद उसने लोहिया नगर के एक फ्लैट खरीद लिया। उसके बाद शमशाद के साथ इसी फ्लैट में रहने लगी। 2019 में शमशाद और प्रिया में विवाद बढ़ गया। प्रिया ने शमशाद के खिलाफ खरखौदा थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। तत्कालीन एसओ कुलवीर ङ्क्षसह ने शमशाद और प्रिया का समझौता करा दिया। उसके बाद शमशाद प्रिया को लेकर अपने घर भूड़बराल में आ गया। आरोप है कि यहां पर प्रिया को शमशाद के असली नाम का पता चला गया। तब शमशाद उस पर इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए दबाव बनाने लगा।
बाद में सक्रिय हुई पुलिस
प्रिया ने विरोध किया तो उसकी पिटाई की जाती थी। 28 मार्च को 11 बजे प्रिया ने अपनी सहेली चंचल को फोन पर पूरे मामले की जानकारी दी। उसके बाद से प्रिया का मोबाइल बंद हो गया। तभी चंचल ने परतापुर थाने में मामले की सूचना दी। तब भी पुलिस सक्रिय नहीं हुई। हिंदू संगठनों के विरोध करने पर पुलिस सक्रिय हुई। मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू हुई। शमशाद ने बताया कि 29 मार्च की रात प्रिया से रात में विवाद हो गया था। उसकी हत्या कर शव को घर में ही दफन कर दिया। उसके बाद चंचल पर प्रिया और उसकी बेटी कशिश को ले जाने का आरोप लगा दिया।
मांग में सिंदूर नहीं भरा, गला दबाकर सांस रोक दी
जालिम शमशाद से लगातार प्रिया शादी करने की जिद करती थी। उसने शादी तो नहीं की। बल्कि लिव इन में प्रिया को अपने साथ रखने लगा। प्रिया को उसके असली नाम की जानकारी हुई तो प्रिया का उससे भरोसा उठ गया था। उसके बाद दोनों में मारपीट तक होने लगी थी। चंचल ने बताया कि प्रिया अक्सर शमशाद से मांग में सिंदूर भरने के लिए दबाव बनाने लगी थी। उसने शादी से इन्कार किया तो उसने खरखौदा में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया था। थाने में शादी करने को तैयार हुए शमशाद की बात प्रिया ने मानी और मुकदमे में समझौता कर लिया।
फ्लैट और प्लाट बेचकर रकम कब्जे में ली
मां-बेटी की हत्या करने से पहले शमशाद ने लोहिया नगर स्थित फ्लैट को भी बेच दिया। फ्लैट बेचकर प्रिया के खाते में आई रकम को भी हड़प गया। उसके साथ ही मोदीनगर के गोविंदपुरी प्लाट था। शमशाद ने उसे भी बेच डाला। यानि शमशाद ने हत्या पूरी प्लानिंग से की। उसने प्रिया को झांसे में लेकर उसकी संपति को ठिकाने लगाया। उसके बाद मां-बेटी की हत्या कर दी।