बैठक से गुपचुप गायब हुए नगर आयुक्त, भड़के पूर्व मंत्री
बैठक से गुपचुप गायब हुए नगर आयुक्त, भड़के पूर्व मंत्री विकास भवन के सभागार में बुधवार को आयोजित जिला विकास समन्वय निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में अफसरों की हनक कई बार सामने आई। चलती बैठक के बीच से नगर आयुक्त गायब हो गए। फोन करने के बाद भी वे वापस नहीं आए। ऐसे ही ऊर्जा निगम और जन निगम के अधिकारी भी अपनी-अपनी बात को लेकर उलझे। बैठक में अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के बीच जोरदार तर्क-कुतर्क का दौर भी चला।
मेरठ : विकास भवन के सभागार में बुधवार को आयोजित जिला विकास समन्वय निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में अफसरों की हनक कई बार सामने आई। चलती बैठक के बीच से नगर आयुक्त गायब हो गए। फोन करने के बाद भी वे वापस नहीं आए। ऐसे ही ऊर्जा निगम और जन निगम के अधिकारी भी अपनी-अपनी बात को लेकर उलझे। बैठक में अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के बीच जोरदार तर्क-कुतर्क का दौर भी चला।
दिशा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और सांसद संजीव बालियान ने विकास कार्यो की समीक्षा शुरू की। इस बीच शहर में गंदगी और अमृत योजना के तहत होने वाले कार्यो को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए। इस पर नगर आयुक्त मनोज चौहान से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन जवाब अधूरा मिला। इसके बाद अन्य बिंदुओं को लेकर बैठक आगे बढ़ी, तभी कुछ लोगों ने शहर से संबंधित समस्याओं को लेकर फिर से सवाल उठा दिया। इसका जवाब देने के लिए नगर आयुक्त से कहा गया, लेकिन दो बार आवाज लगाने के बाद भी नगर आयुक्त की ओर से कोई जवाब नहीं आया। बाद में पता चला कि नगर आयुक्त काफी देर पहले ही चलती बैठक को छोड़कर गुपचुप गायब हो गए थे। नगर आयुक्त की खाली कुर्सी देख सांसद ने गहरी नाराजगी जताते हुए डीएम अनिल ढींगरा से सवाल करते हुए पूछा कि किसकी इजाजत से नगर आयुक्त बैठक से भाग गए हैं। डीएम ने एडीएम ई और सीडीओ से पता करने के लिए कहा। कई बार फोन किया गया, लेकिन जवाब नहीं मिला। इसी बीच विभिन्न विभागों के दो अधिकारी नगर आयुक्त को खोजने के लिए सभागार से बाहर निकले, लेकिन बैठक समाप्त होने तक नगर आयुक्त वापस नहीं आ सके। इस प्रकार नगर आयुक्त के चले जाने को लेकर सांसद संजीव बालियान ने गुस्से में कहा कि मेरठ का नगर आयुक्त बैठक को बीच में छोड़कर भाग गया है, जबकि मुजफ्फरनगर में आज तक ऐसा नहीं हुआ। बैठक में मुख्य रूप से सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक सत्यवीर त्यागी, जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर सिंह आदि शामिल रहे। चुनाव सिर पर हैं, बेइज्जत कराओगे क्या
विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान कई विभागों की बड़ी लापरवाही सामने आई। इस पर दोनों सांसदों ने अधिकारियों को फटकार लगाई और कई बार कहा कि चुनाव सिर पर हैं। आपकी वजह से जनता के बीच जाना मुश्किल हो गया है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने ऊर्जा निगम पर बरसते हुए कहा कि सरकार को सबसे अधिक बिजली वालों ने बदनाम किया है। विधायक बोले, धमकी देते हैं अधिकारी
बैठक में कुछ देरी से पहुंचे किठौर विधायक सत्यवीर त्यागी ने आते ही जल निगम को आडे़ हाथ लिया। विधायक ने कहा कि गांवों में हैंडपंप और टंकी निर्माण के लिए कहने पर अधिकारी धमकी देते हैं। कई बार जल निगम के अधिकारी ही उन्हें कार्रवाई और ट्रांसफर कराने का चैलेंज तक दे चुके हैं। इस दौरान जल निगम के अधिकारी से उनकी हल्की झड़प भी हुई। जांच क्या खाक करेंगे, ये खुद भ्रष्टाचारी हैं
बैठक में मौजूद ब्लाक प्रमुखों ने भी राशन वितरण आदि की शिकायत कर आपूर्ति विभाग पर आरोप लगाए। जिस पर डीएम ने जांच के लिए आपूर्ति विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया। इस पर पूर्व मंत्री ने एतराज करते हुए कहा कि आपूर्ति विभाग के अफसर तो खुद भ्रष्टाचारी हैं, ये क्या खाक जांच करेंगे। बाद में डीएम ने एडीएम प्रशासन रामचंद्र को जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा।