फरार कैदी:: सुरक्षा राम भरोसे, बंदी तो भागेंगे ही
मेरठ :कमान में जिस प्रकार से ड्यूटी की जा रही थी, उसे देख लगता है कि काफी बंदियों के भागन
मेरठ :कमान में जिस प्रकार से ड्यूटी की जा रही थी, उसे देख लगता है कि काफी बंदियों के भागने की योजना थी। संदीप के साथियों ने बताया कि दस बजे भागने का प्लान था। उसी समय प्रधान बंदी रक्षक चेकिंग के लिए आ गया। 12 लोगों के भागने की योजना थी। उसके बाद भागने के लिए दूसरा दिन निश्चित किया गया, पर संदीप नहीं माना और भाग गया। हर कोई ड्यूटी पर सवाल उठा रहा था। अंदरखाने यह भी चर्चा थी कि जेल अधिकारी अंदर अपने करीबी बंदी रक्षकों को ड्यूटी पर रखते है, जबकि बाहर ड्यूटी पर अफसरों से नहीं जुड़े रहने वाले बंदी रक्षकों को लगाया जाता है। नियम यह है कि एक सप्ताह अंदर तो दूसरे सप्ताह बंदी रक्षक की ड्यूटी बाहर लगाई जाएगी। लेकिन इसका पालन नहीं होता है। आरोप है कि जेल के अंदर ड्यूटी करने वाले बंदी रक्षकों बंदियों से मिलने आने वाले लोगों से वसूली करते रहते है। बंदी रक्षक की फरारी के बाद भी बाहर की ड्यूटी सही नहीं मिली। जेल के बाहर पीएसी पोस्ट तक तैनाती नहीं थी। बाहर की चारदीवारी पर भी बंदी रक्षक नहीं थे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक संत लाल यादव का कहना है कि स्टाफ की कमी है।
मनीषा मैं जेल से भाग आया हूं :
जेल से भागने के बाद संदीप ने पत्नी मनीषा को मोबाइल से काल की, जिसमें बताया कि मनीषा मैं जेल से भाग आया हूं। तीस मिनट में तुझसे मिलने आऊंगा। संदीप की काल के बाद मनीषा के पास पुलिस पहुंच गई। मनीषा को थाने में लाकर पूछताछ की गई। साथ ही संदीप ने जिस मोबाइल नंबर से काल आई थी। पुलिस ने उसकी सीडीआर ले ली है।
ये हुआ मुकदमा
जेलर अजय कुमार की ओर से मुख्य बंदी रक्षक ठाकुर सिंह पुत्र नैन सिंह निवासी धुणा गंगोली हाट पिथौरोगढ़, राजवीर सिंह पुत्र गोविंद निवासी ब्यारा किरावली आगरा, श्री कृष्ण पुत्र श्रीचंद निवासी बौद्ध आश्रम फिरोजाबाद, बनवारी लाल पुत्र रामजीत निवासी खप्परपुर मथुरा, होमगार्ड संजीव कुमार निवासी नारंगपुर परीक्षितगढ़, जगवीर सिंह निवासी आलमगीरपुर परीक्षितगढ़, धर्मेद्र कुमार मीवा मवाना, भूरे खां निवासी सौदंत परीक्षितगढ़, के खिलाफ धारा 223,224 (लापरवाही)आइपीसी में मुकदमा दर्ज करा दिया।