पलटन संग निकले सांसद, जाना एक्सप्रेस-वे निर्माण का हाल
सासद राजेंद्र अग्रवाल शुक्रवार को निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण किया।
मेरठ, जेएनएन। सासद राजेंद्र अग्रवाल शुक्रवार को निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण पर निकले। मकसद था, निर्माण का हाल जानना, एनएचएआइ के दावों की नब्ज टटोलना। सुबह 11 बजे से उनका निरीक्षण डासना से शुरू हुआ। उन्होंने डासना, कुशलिया, नाहल आदि गावों में चल रहे कार्यो का जायजा लिया। हालांकि गुरुवार रात हुई बारिश से पानी भर गया था, इसलिए सासद को भोजपुर में ही निरीक्षण यात्रा समाप्त करनी पड़ी। यहा से सांसद मोदीनगर होते मेरठ लौट गए। सासद से एनएचएआइ और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने दावा किया कि 31 मई तक एक्सप्रेस-वे का कार्य पूरा कर लेंगे। अधिकारियों ने जानकारी दी कि लक्ष्य तो अभी भी 31 मई ही है लेकिन बारिश आदि समस्या को देखते हुए 30 जून तक एक्सप्रेस वे शुरू करने का अतिरिक्त समय मिल गया है।
------------------ सांसद की नजर में
एक्सप्रेस-वे का काम
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने निरीक्षण के बाद कहा कि उन्हें भी अब लगता है कि31 मई तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने खुद भी देखा है और अधिकारियों के दावे पर यकीन भी हो रहा है। तीन बड़े स्ट्रक्चर बचे हैं, ये हैं डासना में एलिवेटेड रोड, रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज और परतापुर तिराहे का इंटरचेंज। हालांकि इन तीनों स्ट्रक्चर पर भी पिलर आदि का काफी काम हुआ है, इसलिए दो-तीन महीने में कार्य पूरा होने का यकीन हो रहा है। काफी हिस्से पर डामर कार्य हो चुका है। मिट्टी का भराव 25-30 फीसद बाकी है, जिसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है। दावा किया गया है कि अब संसाधन बढ़ाकर दिन-रात काम करेंगे। तीन जगह डिपो बनाए गए हैं, ऐसे में निर्माण सामग्री पहुंचने में भी दिक्कत नहीं है।
------------------ अब दिन रात चलेगा काम
एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद और कार्यदायी संस्था जीआर इंफ्रा लिमिटेड के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज गैरवा ने कहा कि अब काम दिन रात चलेगा। मशीनें मंगवा ली गई हैं। मई तक का समय भी उनके लिए पर्याप्त है, फिर भी जून तक का अतिरिक्त समय मिला है इसलिए काम हर हाल में पूरा करना ही है।
---------------------- डासना में इंजीनियरिग इंस्टीट्यूट के सामने से शुरू होगा एक्सप्रेस-वे
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे डासना में दिल्ली-हापुड़ रोड (वर्तमान में दिल्ली-हापुड़ एक्सप्रेस-वे) से शुरू होगा। यहां पर एक इंजीनियरिग इंस्टीट्यूट है। ठीक उसी के सामने मेरठ से जाने वाला एक्सप्रेस-वे शुरू होगा। इसके लिए इंस्टीट्यूट के सामने दिल्ली रोड पर एलिवेटेड स्ट्रक्चर के सहारे तिराहा बनाया जा रहा है।
---------------------- पहले भी शुरू किया जा सकता है ईपीई का जोड़
डासना में हापुड़ रोड तक एक्सप्रेस-वे की जो एलिवेटेड रोड बनाई जा रही है, उसमें अगर कुछ वक्त लगेगा तो डीएमई को ईपीई से जोड़ने वाली लेन खोल दी जाएगी। इससे मेरठ से जाने वाले वाहन ईपीई के डासना वाले लूप से उतरकर दिल्ली की ओर जाएंगे। दिल्ली-मेरठ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे (डीएमई) कुशलिया गांव के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) को ऊपर से फ्लाईओवर से क्रॉस करते हुए आगे बढ़ जाएगा जो कि डासना में दिल्ली-हापुड़ मार्ग में मिलेगा। कुशलिया में जहां से ईपीई के ऊपर फ्लाईओवर क्रॉस करेगा वहीं पर डीएमई को ईपीई से भी मिला दिया जाएगा। यहां से डासना का ईपीई वाला लूप करीब तीन किमी दूर है।
-------------------- चौथे चरण में है मेरठ से
डासना एक्सप्रेस-वे निर्माण
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य चार चरणों में किया जा रहा है। चौथे चरण में डासना से मेरठ तक 31.78 किमी के हिस्से का निर्माण चल रहा है। यह छह लेन का बन रहा है। डासना से मेरठ तक का यह हिस्सा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे कहलाएगा। तीसरे चरण में डासना से हापुड़ के बीच 22.27 किमी एक्सप्रेस-वे का निर्माण जारी है। इस बीच चार लेन का एनएच, दो-दो सर्विस लेन और छह लेन एक्सप्रेसवे बनना है। दूसरे चरण में यूपी गेट से डासना के बीच 19.28 किमी. एक्सप्रेस-वे का निर्माण चल रहा है। इस हिस्से में आठ लेन का एनएच और छह लेन का एक्सप्रेसवे बन रहा है। पहले चरण में निजामुद्दीन से यूपी गेट के बीच 8.36 किमी का निर्माण पूरा हो चुका है। इस पर आवागमन चालू भी किया जा चुका है।
-------------------- 18 गाड़ियों का काफिला
लेकर पहुंचे सासद
एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण में सासद के साथ 18 गाड़ियों का काफिला था। इनमें भाजपा महानगर और मंडल पदाधिकारी शामिल थे।
-------------------- - परियोजना का नाम : ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
- कुल दूरी : 32 किमी
- लेन : छह लेन का एक्सप्रेस-वे
- कहां से कहां तक : डासना से मेरठ परतापुर तिराहे तक
- कुल लागत : 1130 करोड़ रुपये
- काम कब से शुरू : अप्रैल 2018
- पूरा करने का आवंटित समय : शुरू करने के बाद 18 माह
- कार्य पूरा करने का लक्ष्य : पहले अगस्त बाद में सितंबर 2019
- फिर दिसंबर 2019
- उसके बाद मार्च 2020
- इसके बाद मई 2020
- अब जून 2020