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    छेड़छाड़ का विरोध करने पर मां-बेटी को जान से मारने की धमकी, मुजफ्फरनगर पुलिस ने शुरू की जांच

    By Parveen VashishtaEdited By:
    Updated: Mon, 11 Apr 2022 05:37 PM (IST)

    एक बुजुर्ग महिला सोमवार सुबह पुरकाजी थाने पहुंची। पुलिस से शिकायत कर बताया कि उसकी बेटी पति की मौत होने पर उसके पास आकर रहने लगी। उससे गांव का युवक छेड़छाड़ करता है। आरोपित के कारण उसने खेत पर जाना छोड़ दिया है।

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    छेड़छाड़ का विरोध करने पर मां-बेटी को जान से मारने की धमकी

    मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। विधवा महिला और बेटी गांव में दबंग युवक से परेशान हैं। महिला ने बताया कि युवक उसकी बेटी से छेड़छाड़ करता है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 

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    यह है मामला 

    बुजुर्ग महिला सोमवार सुबह पुरकाजी थाने पहुंची। पुलिस से शिकायत कर बताया कि बेटी की शादी पड़ोस के जनपद में हुई थी। कुछ दिन पहले पति की मौत हो जाने पर विधवा बेटी मां के पास आकर रहने लगी। आरोप लगाया कि बेटी खेत पर काम करने जाती है तो गांव का ही नामजद आरोपित छेड़छाड़ करता है। बताया कि इसके चलते बेटी ने खेत पर जाना छोड़ दिया है। विरोध करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है। बताया कि मां-बेटी को दोनों आरोपितों से जान का $खतरा बना हुआ है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

    बाइपास न निकलने पर भूमि का अधिग्रहण खत्म करने की मांग

    मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। जानसठ क्षेत्र में पानीपत खटीमा मार्ग के फोरलेन में कस्बे से बाइपास न निकलने पर बाइपास के लिए अधिग्रहण की गई भूमि को मुक्त करने की मांग की गई है। इस संबंध में भाजपा नेता ने परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर अधिग्रहण खत्म करने की मांग की है। भाजपा नेता व तालडा निवासी मनीश ऐरन ने सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडगरी को पत्र लिखकर बताया कि पहले कस्बे से बाहर की ओर बाइपास का निर्माण करने के लिए उनकी व कई गांवों के लोगों की जमीन को अधिग्रहण किया गया था। लेकिन बाद में बाइपास के निर्माण का कस्बे के लोगों द्वारा विरोध करने के कारण मार्ग को कस्बे से ही निकाला जाने की सूचना मिल रही है। उन्होंने पत्र में बताया कि उक्त क्षेत्र में फैक्ट्रियां आदि लगाने के लिए लोग जमीन की मांग कर रहे है लेकिन उनकी जमीन का अधिग्रहण होने के कारण उसकी 143 नहीं हो पा रही है। जिससे वहां पर फैक्ट्रियां लगाने के इच्छुक लोगों को अपनी जमीन तक नहीं बेच पा रहे है। उन्होंने मांग की है कि यदि बाइपास नहीं बनाया जा रहा है तो उनकी भूमि को अधिग्रहण से मुक्त की जाए।