वरीशा प्रकरण: सूटकेस में मिली युवती की गलत पहचान करने वाले मां और दो भाइयों को जेल भेजा
वरीशा प्रकरण गाजियाबाद के साहिबाबाद में मिली एक युवती की लाश की गलत शिनाख्त करने के आरोप में तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है।
बुलंदशहर, जेएनएन। गाजियाबाद के साहिबाबाद में मिली एक युवती की लाश की गलत शिनाख्त करने के आरोप में तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है। जिन तीन लोगों ने लाश की शिनाख्त अपने परिवार की महिला के रूप में की थी। उनके खिलाफ दो दिन पहले मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। जिस महिला के रूप में आरोपितों ने पहचान की थी। वह जिंदा मिल गई थी। वहीं, शुक्रवार को महिला के बयान अदालत में कराए गए। उसने अपने पिता के साथ जाने की इच्छा जताई। जिसके बाद पुलिस टीम महिला को उसके पिता के पास छोड़कर आ गई।
यह था पूरा मामला
26 जुलाई को गाजियाबाद के साहिबाबाद में एक सूटकेस में एक युवती की लाश मिली। जिसकी पहचान अलीगढ़ के हरदुआगंज थानाक्षेत्र के कस्जा जलील निवासी बूंदो ने इस युवती की पहचान अपनी बेटी वरीशा के रूप में की थी। पहचान करने में बूंदो के दो बेटे इस्माइल और इजराइल भी थे। इन तीनों ने बताया था कि उनकी बेटी वरीशा की शादी इस्लामाबाद निवासी आरिफ के साथ हुई थी। इन लोगों ने हत्या करके उसकी लाश को सूटकेस में रखकर साहिबाबाद में डाल दिया। बाद में वरीशा जिंदा लौट आई थी। पुलिस ने जांच की तो वरीशा जिंदा थी और अपने ससुरालियों के उत्पीड़न से परेशान होकर नोएडा चली गई थी। इस मामले में सीओ दीक्षा सिंह की तरफ से शहर कोतवाली में बूंदो, इजराइल, इस्माइल के खिलाफ गलत पहचान करने का मुकदमा दर्ज कराया था। अब सीओ ने बताया कि तीनों को जेल भेज दिया है। उधर, वरीशा की लाश मिलते ही उसके पति आरिफ, ससुर इस्माइल और सास को जेल भेज दिया गया था।
कोर्ट में वरीशा ने यह दिया बयान
शुक्रवार को वरीशा के अदालत में बयान हुए। उसने अपने बयानों में कहा कि उसे 21 जुलाई को उसके ससुराल वालों ने खूब पीटा था। 22 को वह नोएडा में चली गई थी। क्योंकि, उसे डर था कि उसके मायके वाले भी उसे नहीं रखेंगे। वरीशा ने बताया कि दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करते थे। इसलिए उसने अपनी ससुराल को छोड़ा था। अब वरीशा ने अदालत में कहा कि वह ससुराल में नहीं जाएगी। अपने पिता के पास जाना चाहती है। सीओ सिटी ने बताया कि अदालत के आदेश के बाद पुलिस की एक टीम वरीशा को अलीगढ़ में छोड़ आई है।