महीनों पहले मुजफ्फरनगर गंग नहर में डूबीं दो कार अब मिलीं, दोनों में मानव कंकाल बरामद
मुजफ्फरनगर गंगनहर में महिनों पहले डूबी दो कार अब मिली हैं। एक कार रतननपुरी तो दूसरी सिखेड़ा क्षेत्र में गंग नहर में मिली है। मारे गए दोनों लोग दोस्त की कार मांगकर ले गए थे हुई शिनाख्त ।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जिले के रतनपुरी और सिखेड़ा थाना क्षेत्र से गुजर रही गंग नहर में सोमवार को जो दिखा वह शायद ही पहले कभी दिखा हो। दोनों थाना क्षेत्र में गंगनहर में दो कार डूबीं मिलीं और दोनों में मानव कंकाल थे। एक कार पांच माह पहले और दूसरी कार चार माह पूर्व गंग नहर में गिरीं और अब पानी कम होने पर मिलीं। यह भी संयोग ही है कि दोनों कार दोस्तों से मांगी गईं थीं। पुलिस ने मिले कागजात के आधार पर रतनपुर क्षेत्र से निकाली गई कार में मिले कंकाल की शिनाख्त तितावी थाने के गांव लखान निवासी दिलशाद अंसारी के रूप में की। दिलशाद का कंकाल कार की पिछली सीट पर था। सिखेड़ा गंग नहर से निकाली गई कार में जो कंकाल मिला उसकी शिनाख्त एचडी आत्रे निवासी वैशाली कालोनी गढ़ रोड मेरठ, हाल निवासी वसुंधरा मुजफ्फरनगर के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी है।
जल स्तर कम हुआ तो मिली कार
हरिद्वार के मायापुर रेग्युलेटर से पानी रोकने के कारण गंगनहर का जलस्तर कम हुआ है। सोमवार सुबह रतनपुरी क्षेत्र में राहगीरों ने गंगनहर में कार देखकर पुलिस को सूचना दी। इंस्पेक्टर विध्यांचल तिवारी ने क्रेन से कार को बाहर निकलवाया तो पिछली सीट पर मानव कंकाल पड़ा था। मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड और ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस से उसकी शिनाख्त तितावी थाने के गांव लखान निवासी दिलशाद अंसारी पुत्र यूनुस के रूप में हुई। छानबीन में पता चला कि दिलशाद 16 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात अपने मित्र नितिन कुमार निवासी धनसैनी, तितावी की टाटा जैस्ट कार लेकर नई मंडी क्षेत्र के कूकड़ा गया था। वहां से उसी रात दिल्ली के लिए निकला था, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया। 18 जनवरी को स्वजन ने नई मंडी थाने में कार समेत उसके लापता होने की सूचना दर्ज कराई गई थी। नितिन ने यह कार दिल्ली के अशोक विहार एंकलेव निवासी राहुल ठाकुर से खरीदी थी। शाम को दिलशाद के स्वजन रतनपुरी थाने पहुंचे। पुलिस ने कंकाल को मर्चरी भिजवाया। थानाध्यक्ष ने बताया कि ऐसा लगता है कि किसी वाहन को बचाने के प्रयास में कार गंग नहर में गिर गई होगी। यहां सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब दिलशाद अकेले कार लेकर गया था तो उसका शव पिछली सीट पर कैसे पहुंच गया। दिलशाद अपनी बोलेरो स्वास्थ्य विभाग में किराए पर चलाता था।
उधर, सिखेड़ा थाना क्षेत्र के चित्तौड़ा गांव के समीप गंगनहर से पुलिस ने सफेद कार को बाहर निकाला। इस कार में भी मानव कंकाल था। कंकाल के कपड़ों की जेब से एक इंश्योरेंस कंपनी का विजिङ्क्षटग कार्ड मिला। उस पर लिखे नंबर पर काल करने के बाद पुलिस की स्वजन से बात हुई। मौके पर पहुंचे स्वजन ने बताया कि कार में मिला कंकाल एलआइसी के रिटायर्ड कर्मचारी एचडी आत्रे निवासी वैशाली कालोनी गढ़ रोड मेरठ का है। वह वर्तमान में वसुंधरा कालोनी मुजफ्फरनगर में रहते थे। एसओ सुभाष गौतम ने बताया कि एचडी आत्रे फरवरी में अपने दोस्त की कार लेकर मुजफ्फरनगर से मीरापुर जाने के लिए कहकर निकले थे। जिसके बाद उनका पता नहीं चला। फरवरी में ही नई मंडी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने शव मर्चरी भिजवाया।
इनका कहना है...
गंगनहर में रतनपुरी और सिखेड़ा थाना क्षेत्र में गंग नहर से दो कार और उनमें दो लोगों के शव मिले हैं जो लगभग कंकाल बन चुके हैं। मारा गया एक व्यक्ति जनवरी और दूसरा फरवरी से कार सहित लापता था। दोनों प्रकरण की पुलिस जांच कर रही है।
- अतुल श्रीवास्तव, एसपी देहात