Molested Victim Burnt: बुलंदशहर में गम और गुबार के बीच हुआ बिटिया का अंतिम संस्कार
Molested Victim Burnt Case बुलंदशहर में दुष्कर्म पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान गांव में तैनात रही भारी पुलिस फोर्स डीएम-एसएसपी भी पहुंचे। कांग्रेस सपा और आसपा के नेताओं ने परिवार को दी सांत्वना।
बुलंदशहर, जेएनएन। जनपद की जहांगीराबाद कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में अनुसूचित समाज की दुष्कर्म पीड़ित किशोरी को मंगलवार की सुबह जिंदा जला दिया गया था। मंगलवार की देर शाम ही दिल्ली में उपचार के दौरान किशोरी की मौत हो गई। बुधवार की देर शाम किशोरी का शव जैसे ही गांव पहुंचा, ग्रामीण गम और गुस्से से भर गए। हालांकि भारी पुलिस फोर्स तैनात होने के कारण माहौल शांत ही रहा। रात में किशोरी का गांव के शमशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर, दिनभर गांव में विभिन्न राजनीति दलों के लोगों को आवागमन जारी रहा। डीएम और एसएसपी भी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
यह था मामला
गांव निवासी किशोरी से 14 अगस्त को गांव धामनी निवासी हरिचंद्र ने अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया था। उधर, आरोपित के स्वजनों ने किशोरी के परिजनों पर समझौते के लिए दवाब बनाना शुरू किया और समझौता न करने पर मंगलवार की सुबह पेट्रोल डालकर ने जिंदा जला दिया। पुलिस-परिजनों ने किशोरी को गंभीर हालत में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर शाम उसकी मौत हो गई। परिजनों ने रात में ही किशोरी का पोस्टमार्टम कराने की गुहार लगाई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कोरोना जांच की बात कहकर टाल दिया। बुधवार की दोपहर किशोरी का पोस्टमार्टम हुआ और शाम करीब सात बजे शव गांव पहुंचा। किशोरी का शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया, जबकि ग्रामीणों के चेहरे गुस्से से तमतमा गए। हालांकि कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात होने और अधिकारियों के समझाने पर ग्रामीण शांत ही रहे। बाद में तमाम प्रक्रिया पूर्ण कर गांव के मोक्ष धाम में मृतका के भाई ने मुखाग्नि देकर 7.30 बजे अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों ने बताया कि रात में अंतिम संस्कार करने के लिए किसी ने कोई दवाब उनपर नहीं बनाया है।
सांत्वना देने पहुंचे राजनीनिक दल
बुधवार को दिनभर विभिन्न राजनीतिक दलों का पीड़ित के घर पर आवागमन होता रहा। सुबह के समय सपा के पूर्व विधायक गुडडू पंडित समर्थकों के साथ पहुंचे, इसके बाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष टूक्कीमल खटीक भी पहुंचे और सांत्वना देकर लौट गए। दोपहर के समय आजाद समाज पार्टी के नेता भी पहुंचे और अंतिम संस्कार होने तक गांव में ही रहे। इस दौरान नेताओं ने पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर से पीड़ित परिवार के सदस्यों की बातचीत भी कराई। साथ ही परिवार की ओर से आठ सूत्रीय मांग पत्र भी एसडीएम को अासपा ने ही सौंपा।
मिली सुरक्षा और मुआवजा
दोपहर के समय डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी संतोष कुमार सिंह गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार के सदस्यों से बातचीत कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा देने के साथ अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 3.75 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी पीड़ित परिवार के खाते में भेज दी गई।