कक्षा में मोबाइल ठीक नहीं..जानते तो सब हैं पर मानते नहीं
विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं परिसर में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
मेरठ,जेएनएन। विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं परिसर में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। कक्षा या परिसर में पढ़ाई के समय मोबाइल या वाट्सएप का इस्तेमाल करते पकड़े गए तो उनके मोबाइल जब्त हो जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय के इस आदेश के बाद कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालयों में मंगलवार को चर्चा शुरू हो गई है, लेकिन मोबाइल पर अभी कोई रोक नहंी लग पाई है। शहर के सभी कोएड कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं मोबाइल का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं, हालांकि कुछ कॉलेजों ने कक्षा में मोबाइल का इस्तेमाल पहले से रोक है। कॉलेज और विश्वविद्यालय में कुछ छात्र-छात्राओं से बात हुई तो सभी ने माना कि पढ़ाई में मोबाइल बाधा डालता है। फिर भी मोबाइल को लेकर मन है कि मानता नहीं। ये कहना है छात्र- छात्राओं का
-परिसर में मोबाइल पर रोक लगाने का आदेश बिलकुल सही है। कक्षा में मोबाइल बजने से ध्यान भंग होता है। इससे पठन पाठन का माहौल बेहतर ही होगा।
तान्या, बीए आनर्स, सीसीएसयू परिसर -पढ़ने वाले किसी भी परिस्थति में पढ़ सकते हैं, मोबाइल और इंटरनेट का सकारात्मक उपयोग कर ज्ञान बढ़ा सकते हैं। मोबाइल पर प्रतिबंध लगने से युवा संभव है कि दूसरे कामों में लिप्त होने लगे। मनीषा राना, एमफिल, सीसीएसयू -कॉलेज और विश्वविद्यालय में जब कंप्यूटर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं तो फिर मोबाइल का क्या काम। हां मोबाइल लेकर आने पर रोक नहीं लगनी चाहिए। क्योंकि हम छात्राओं को अपने परिजनों से संपर्क रखना पड़ता है।
अपूर्वा डोगरा, एमफिल, सीसीएसयू -कक्षा में अनुशासन बनाए रखने के लिए मोबाइल पर रोक जरूरी है। इससे पठन पाठन का माहौल बेहतर होगा। यह जरूरी है।
आकाश, बीए, मेरठ कॉलेज -एक सीमा तक इसका इस्तेमाल ठीक है, कक्षा में मोबाइल चलाना उचित नहीं है। इस पर रोक लगाने का आदेश सही है।
फैज, बीए, मेरठ कालेज -कई बार क्लास में खाली बैठने पर या किसी विषय को समझने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल किया जाता है। मोबाइल उपयोगी है, लेकिन सोशल साइट से बचना चाहिए।
गौरव, बीए, मेरठ कॉलेज
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बाक्स में..
अब कॉलेज करेंगे सख्ती
मेरठ कॉलेज की प्राचार्य डा. संगीता गुप्ता का कहना है कि पहले से ही कक्षा में छात्र- छात्राओं को मोबाइल स्वीच आफ कर आने के लिए कहा जाता है। कक्षा शुरू होने पर मोबाइल बजने से ध्यान भंग होता है। इस आदेश के बाद और इसे और सख्ती से लागू किया जा सकेगा। डीएन कॉलेज के प्राचार्य डा. बीएस यादव ने बताया कि बुधवार को उन्होंने प्राक्टोरियल बोर्ड की बैठक बुलाई है। इसमें मोबाइल को लेकर किस तरह से सख्ती किया जाए, उस पर निर्णय होगा। एनएएस कॉलेज के प्राचार्य डा. बीपी राकेश ने छात्र मोबाइल लेकर आ रहे हैं, इस आदेश के बाद सख्ती की जाएगी।