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भारत में हिदुओं से ज्यादा अल्पसंख्यकों को अधिकार : डा. सत्यपाल

नागरिकता कानून को मुस्लिमों के खिलाफ बताने वाले विरोधी दलों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बागपत के भाजपा सांसद डा. सत्यपाल सिंह जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भारत में बहुसंख्यकों से ज्यादा अधिकार अल्पसंख्यकों को मिले।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 06:04 AM (IST)
भारत में हिदुओं से ज्यादा अल्पसंख्यकों को अधिकार : डा. सत्यपाल
भारत में हिदुओं से ज्यादा अल्पसंख्यकों को अधिकार : डा. सत्यपाल

मेरठ, जेएनएन। नागरिकता कानून को मुस्लिमों के खिलाफ बताने वाले विरोधी दलों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बागपत के भाजपा सांसद डा. सत्यपाल सिंह जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भारत में बहुसंख्यकों से ज्यादा अधिकार अल्पसंख्यकों को मिले। केरल समेत अन्य राज्यों के अल्पसंख्यकों के स्कूलों में आरक्षण व सरकारी नियम लागू नहीं होते। डा. सत्यपाल ने कहा कि वो नागरिकता कानून की संयुक्त संसदीय समिति के चेयरमैन थे, इसकी हर बारीकी से वाकिफ हैं। स्पष्ट किया कि सीएए और एनआरसी से किसी भी वर्ग या पंथ के भारतीय को डरने की जरूरत नहीं। डा. सत्यपाल बाईपास स्थित एक होटल में नागरिकता कानून को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे।

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..उनकी दास्तां सुनकर कांप गई रूह

सांसद सत्यपाल सिंह की अगुआई वाली 30 सदस्यीय संसदीय समिति ने 2016 में तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इंदौर, अहमदाबाद समेत कई शहरों में पहुंचकर स्थितियों का आकलन किया। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धर्म के आधार पर सताए गए लोगों की आपबीती समिति के पास सुरक्षित है, जिसको सुनकर रूह कांप जाएगी। उन्हें भारत में बसाने के लिए कांग्रेस भी कहती रही, किंतु अब विरोधी दलों से मिलकर मुस्लिम समुदाय को भड़का रही है।

..दो डाक्टर तो प्रैक्टिस भी न कर पाए

इन तीन देशों से 2014 से पहले आए सिर्फ 31800 लोग नागरिकता की कतार में हैं, जिसमें 25 हजार हिदू, छह हजार सिख और पांच से कम पारसी व बौद्ध हैं। डा. सत्यपाल ने बताया कि इन्हें एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए परमिट लेना पड़ता था। ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल में दाखिले, डाक्टरों को प्रैक्टिस व वोटिंग समेत कोई अधिकार नहीं थे। इसे अब संसदीय समिति की सिफारिश के आधार पर मोदी सरकार ने दिया है।

..जब इस्लामिक देश बना तब क्यों चुप रही कांग्रेस

यह प्रश्न पूछने पर कि इन देशों से आने वाले मुस्लिमों को नागरिकता क्यों नहीं? इस पर डा. सत्यपाल ने कहा कि जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश ने स्वयं को इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया, तब कांग्रेस ने क्यों आपत्ति नहीं की।

1.5 करोड़ अवैध बांग्लादेशी..

सांसद ने कहा कि जो 1966 तक भारत आ गए, उन्हें कोई डाक्यूमेंट नहीं देना है। 1966 से 1971 के बीच आने वालों के बारे में जानकारी ली जाएगी। दस साल तक वोटिंग अधिकार नहीं होंगे। 1971 के बाद आने वाले सभी को बाहर किया जाएगा। संसद के रिकार्ड के मुताबिक देश में 1.5 करोड़ अवैध बांग्लादेशी हैं। केरल के राज्यपाल के साथ इतिहासकार इरफान हबीब के व्यवहार पर कहा कि उन्हें पुलिस को जल्द पकड़ना चाहिए। कहा कि देश सबसे ऊपर है।

भारत वैभव में दिखेगा बदला इतिहास

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ कर भारत को नीचा दिखाने का प्रयास हुआ। भारत को पांच हजार वर्ष पुराना देश बताया गया। पूर्वजों को अज्ञानी कहा। शंकराचार्य से लेकर चंद्रगुप्त मौर्य और सिंधु घाटी की जानकारी गलत दी गई। अब भारत वैभव नाम से इतिहास बनकर तैयार है, जो जल्द ही कैंपसों से लेकर लाइब्रेरी में उपलब्ध होगा। प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष अनुज राठी, पूर्व जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा, इंद्रपाल बजरंगी, कपिल शर्मा, संजीव बंसल आदि मौजूद रहे।


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