मेरठ में छेड़छाड़ के विरोध पर जलाई गई छात्रा ने तोड़ा दम, पुलिस पहरे में अंतिम संस्कार
सरधना में छेड़छाड़ का विरोध करने पर जलाई गई छात्रा ने करीब एक हफ्ते बाद आज राजधानी दिल्ली के प्रख्यात सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मेरठ (जेएनएन)। छेड़छाड़ का विरोध करने पर आग के हवाले की गई सरधना निवासी छात्रा की मंगलवार सुबह सात बजे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। वह 13 दिनों से अस्पताल के बर्न विभाग में भर्ती थी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। छात्रा की मौत की जानकारी लगते ही तनाव के मद्देनजर प्रशासन ने कस्बे को छावनी में तब्दील कर दिया। देर शाम संगीनों के साये में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मेरठ के सरधना कस्बे में बीती 17 अगस्त को छेड़छाड़ के विरोध पर छह लोगों ने केरोसीन उड़ेलकर छात्रा को आग लगा दी थी। संक्रमण बढऩे पर 22 अगस्त को उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया। बीते तीन दिन से छात्रा की हालत लगातार बिगड़ रही थी। मंगलवार सुबह छात्रा ने अंतिम सांस ली। शाम करीब 4.30 बजे शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया।
छात्रा की मौत की सूचना मिलते ही कस्बे का बाजार बंद हो गया। आरोपितों के घरों पर ताले लटक गए थे, तो मुख्य चौराहे पर फोर्स तैनाती कर दी गई। दोपहर से ही एडीएम वित्त आनंद कुमार शुक्ला और एसपी देहात राजेश कुमार कस्बे में कैंप किए हुए थे। कई थानों की पुलिस भी मौजूद रही।
इनके खिलाफ हुई थी रिपोर्ट दर्ज छात्रा के दादा ने राजवंश बागड़ी, रोहित सैनी, गजराज सैनी, अमन, दीपक उर्फ चेतन उर्फ दीपचंद और देवेंद्र बागड़ी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। पुलिस पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अमन की पहचान न होने के कारण उसकी गिरफ्तारी शेष है।
झुलसी छात्रा की मंगलवार सुबह सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। एहतियात के तौर पर कस्बे में फोर्स तैनात की गई थी। देर शाम शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अखिलेश कुमार, एसएसपी मेरठ
'सड़कों पर बेखौफ घूमें बहन-बेटी, ऐसा बने कानून
मेरठ : ऐसा कानून बने कि बहन-बेटियां सड़कों पर बेखौफ घूम सकें। बेटी को मारने वालों को ऐसी सजा मिले कि उनकी रूह कांप उठे। मौत से भी अगर आगे कोई सजा है तो आरोपितों को वह मिलनी चाहिए। श्मशान घाट पर छात्रा के अंतिम संस्कार के दौरान पीडि़त पिता ने आंसुओं में डूबी आवाज में यह बात कही।
श्मशान घाट पर नेताओं को आपस में उलझा देख पीडि़त पिता ने हाथ जोड़कर उन्हें चुप कराया। शव के पहुंचने से पहले ही सरधना विधायक संगीत सोम छात्रा के घर पहुंच गए थे। वहां उनका सामना सपा के जिला पंचायत सदस्य विनोद ङ्क्षसह से हो गया। विनोद सिंह ने मृतका के पिता से कहा कि इंसाफ न मिलने पर आंदोलन किया जाएगा।