कैसे रुके सड़क हादसे? कार में बच्चे न खेलें वीडियो गेम,जानिए मंत्री जी ने क्या दी सलाह Meerut News
परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मेरठ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश को दुघर्टना में जीरो मौत वाला प्रदेश बनाना है। बच्चे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 10:01 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 10:01 AM (IST)
मेरठ़, जेएनएन। सड़क सुरक्षा जागरूकता सप्ताह को लेकर आयोजित कार्यक्रम में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने स्कूली बच्चों से कहा कि वे स्कूल आते-जाते समय वाहन चालक पर पैनी निगाह रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश को दुघर्टना में जीरो मौत वाला प्रदेश बनाना है। बच्चे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण और पौधरोपण को संयुक्त अभियान बनाने की अपील की। उन्होंने बच्चों एवं अभिभावकों को सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई।
हादसों पर CM भी हैं चितिंत
डीएन इंटर कालेज में हुए कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों से मुख्यमंत्री बेहद चिंतित हैं। स्कूली बच्चों को फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि यात्रा के समय आपकी तेज निगाह वाहन चालक पर होनी चाहिए। उन्होंने बच्चों को गाड़ी में मजाक,वीडियो गेम,फिल्म नहीं देखने की सलाह दी। इससे चालक डिस्टर्ब होता है। आज की कारें अत्यधिक तेज गति से दौड़ती हैं। इससे हादसे और जान बचने की संभावना बेहद कम रह जाती है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर जोर
उन्होंने कहा कि भविष्य में जल की समस्या विकराल रूप धारण करेगी,इसलिए अभी से जलसंरक्षण जरूरी है। स्कूल-कालेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने सड़क सुरक्षा पार्क और आडिटोरियम का निरीक्षण किया। इससे पहले उप परिवहन आयुक्त संजय माथुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं।
हादसों में मृत्यु का औसत पांच
इसमें परिवहन, ट्रैफिक पुलिस पीडब्लूडी, बेसिक शिक्षा समेत पांच विभागों पर मुख्य जिम्मा है। सड़क हादसों में प्रदेश में मृत्युदर का औसत 11 है, जबकि मेरठ में यह पांच प्रतिशत है। आरटीओ डा. विजय कुमार ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं में ट्रैफिक नियमों के अनुपालन का जज्बा पैदा होता है। डा. विभा नागर ने रोड सेफ्टी क्लब के कार्यो के बारे में जानकारी दी।
ये लोग रहे मौजूद
विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, सोमेंद्र तोमर, दयानंद गुप्ता, आरटीओ प्रवर्तन ओमप्रकाश सिंह, आरएम नीरज सक्सेना, सेवा प्रबंधक एसएल शर्मा, दयानंद गुप्ता, प्रधानाचार्य सुशील सिंह एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेयी, बीएसए, एआरटीओ श्वेता वर्मा, दिनेश कुमार, आलोक सिसौदिया, अमित नागर, सुनील शर्मा मौजूद रहे। वहीं, मंत्री ने प्रदेश की यातायात व्यवस्था पुणे की तर्ज पर बनाने की अपील की। अगर सड़क पर आपकी बाइक अथवा कार से टक्कर लग जाने से रिक्शा चालक आपको गाली देता है,तो अनसुना कर आगे निकल जाओ।
नर्सिग होम को फ्री करना होगा इलाज
परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सड़क हादसे में बचाव कार्य करने वालों को परेशान नहीं किया जाए। उसे नेक आदमी घोषित किया जाएगा। हादसे में घायल व्यक्ति के परिजनों के आने तक सरकारी ही नहीं, नर्सिंग होम को फ्री उपचार करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर रोडवेज चालक फोन पर बात करता है तो उसका फोटो खींच कर भेजें, एक हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
हादसों पर CM भी हैं चितिंत
डीएन इंटर कालेज में हुए कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों से मुख्यमंत्री बेहद चिंतित हैं। स्कूली बच्चों को फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि यात्रा के समय आपकी तेज निगाह वाहन चालक पर होनी चाहिए। उन्होंने बच्चों को गाड़ी में मजाक,वीडियो गेम,फिल्म नहीं देखने की सलाह दी। इससे चालक डिस्टर्ब होता है। आज की कारें अत्यधिक तेज गति से दौड़ती हैं। इससे हादसे और जान बचने की संभावना बेहद कम रह जाती है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर जोर
उन्होंने कहा कि भविष्य में जल की समस्या विकराल रूप धारण करेगी,इसलिए अभी से जलसंरक्षण जरूरी है। स्कूल-कालेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने सड़क सुरक्षा पार्क और आडिटोरियम का निरीक्षण किया। इससे पहले उप परिवहन आयुक्त संजय माथुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं।
हादसों में मृत्यु का औसत पांच
इसमें परिवहन, ट्रैफिक पुलिस पीडब्लूडी, बेसिक शिक्षा समेत पांच विभागों पर मुख्य जिम्मा है। सड़क हादसों में प्रदेश में मृत्युदर का औसत 11 है, जबकि मेरठ में यह पांच प्रतिशत है। आरटीओ डा. विजय कुमार ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं में ट्रैफिक नियमों के अनुपालन का जज्बा पैदा होता है। डा. विभा नागर ने रोड सेफ्टी क्लब के कार्यो के बारे में जानकारी दी।
ये लोग रहे मौजूद
विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, सोमेंद्र तोमर, दयानंद गुप्ता, आरटीओ प्रवर्तन ओमप्रकाश सिंह, आरएम नीरज सक्सेना, सेवा प्रबंधक एसएल शर्मा, दयानंद गुप्ता, प्रधानाचार्य सुशील सिंह एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेयी, बीएसए, एआरटीओ श्वेता वर्मा, दिनेश कुमार, आलोक सिसौदिया, अमित नागर, सुनील शर्मा मौजूद रहे। वहीं, मंत्री ने प्रदेश की यातायात व्यवस्था पुणे की तर्ज पर बनाने की अपील की। अगर सड़क पर आपकी बाइक अथवा कार से टक्कर लग जाने से रिक्शा चालक आपको गाली देता है,तो अनसुना कर आगे निकल जाओ।
नर्सिग होम को फ्री करना होगा इलाज
परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सड़क हादसे में बचाव कार्य करने वालों को परेशान नहीं किया जाए। उसे नेक आदमी घोषित किया जाएगा। हादसे में घायल व्यक्ति के परिजनों के आने तक सरकारी ही नहीं, नर्सिंग होम को फ्री उपचार करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर रोडवेज चालक फोन पर बात करता है तो उसका फोटो खींच कर भेजें, एक हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
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