माता-पिता समेत पांच लोगों की हत्या के बाद छोड़ा था घर, अब सात साल बाद हो रही है घर वापसी
सात साल बाद दोबारा गांगनौली गांव लौट रहा है फौजी परिवार। माता-पिता समेत पांच लोगों की हत्या होने पर किया था गांव से पलायन।
बागपत, जेएनएन। योगी राज में गु्ंडों और बदमाशों पर सख्ती करने का असर रंग लाया है। कुख्यात एक लाख रुपए के इनामी रह चुके प्रमोद गांगनौली के परिवार पर खाकी का शिकंजा कसने के बाद अब पुलिस के साथ रविवार को फौजी और उसके परिजन अपने गांव गांगनौली पहुंचे और घर का दरवाजा खोलकर कब्जा लिया। घर पर कब्जा लेने के बाद पुलिस ने जंगल में जाकर फौजी को खेत की जमीन पर कब्जा दिलाया।
यह है मामला
थाना दोघट के ग्राम गांगनौली निवासी प्रवेश राठी सेना में जवान है। उनकी माता सराेज व पिता रामवीर की 13 नवंबर 2013 को पुलिस सुरक्षा में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। 12 सितंबर 2012 को उनके भाई प्रवीण तथा 12 अक्टूबर 2012 को तहेरे भाई संजीव उर्फ संजू की हत्या की गई थी। 18 अगस्त 2014 को तहेरे भाई पप्पू की हत्या की गई थी। 13 अगस्त 2012 को ताऊ राजेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था। मकान पर कई बार फायरिंग की गई। इन घटनाओं के बाद ही फौजी प्रवेश राठी ने अपने परिवार के साथ गांव से पलायन कर दिया था। करीब सात साल बाद दोबारा गांव में आकर बसने के लिए उन्होंने गत दिवस बागपत एसपी से सुरक्षा मांगी थी।
उधर एएसपी मनीष सिंह मिश्र के निर्देश पर रविवार को थाना दोघट पुलिस फौजी और उनकी पत्नी वंदना सिंह को लेकर गांगनौली पहुंची और मकान का ताला खुलवाया। खेत पर भी कब्जा दिलाया। सात साल बाद गांव में लौटने पर फौजी और उनकी पत्नी के चेहरे पर खुशी दिखाई दी। वहीं फौजी प्रवेश राठी ने कहा कि वह जयपुर में तैनात है। गांव में उनकी पत्नी वंदना सिंह व दो बच्चों है। जो कभी जयपुर तो कभी रिश्तेदारी में सरधना में रहते है। वह मेरठ आइजी प्रवीण कुमार के भरोसे पर अपने गांव लौटे हैं। वहीं गांव में उनके शुभचिंतकों में भी उनके गांव लौटने से खुशी का ठिकाना नहीं है।
योगी जी का जताया आभार
वहीं उन्होंनें सीएम योगी जी का धन्यावद करते हुए कहा कि यदि कुख्यात बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो शायद वह अपने गांव नहीं लौट पाते। वहीं कई ग्रामीणों को कहते सुना गया कि यह योगीराज में ही संभव हुआ है।