14 वें वित्त आयोग की बैठक : 200 नहीं, सिर्फ 16 करोड़ से होगा कचरा निस्तारण Meerut News
कूड़ा निस्तारण के लिए अब प्रस्तावित प्लांट महज 16 करोड़ रुपये में स्थापित होंगे। विकास भवन में हुई बुधवार को 14 वें वित्त आयोग की बैठक में इसकी स्वीकृति दे दी गई।
मेरठ, जेएनएन। लंबे समय से ठेका एजेंसी के जरिये 200 करोड़ में प्लांट स्थापित कर कूड़ा निस्तारण का जो ख्वाब दिखाया जा रहा था। अब उसे नगर निगम अपने खर्चे पर दो स्थानों पर प्लांट लगाकर पूरा करेगा। यह प्लांट महज 16 करोड़ रुपये में स्थापित होंगे। बुधवार को 14 वें वित्त आयोग की बैठक में इसकी स्वीकृति दे दी गई।
67 करोड़ के कार्यो के प्रस्ताव
बुधवार को विकास भवन के सभागार में हुई बैठक में नगर निगम की ओर से लगभग 67 करोड़ के कार्यो के प्रस्ताव रखे गए, जिसमें लगभग 55 करोड़ के कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें कूड़ा निस्तारण प्लांट का प्रस्ताव अहम रहा। नगर निगम अपने खर्चे पर गांवड़ी और लोहिया नगर में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाएगा। दोनों स्थानों पर प्लांट लगाने के लिए आठ-आठ करोड़ रुपये खर्च होंगे। सबसे पहले गांवड़ी में प्लांट लगेगा। आठ करोड़ में से 3.44 करोड़ रुपये की मशीनें खरीदी जाएंगी, जिसमें बैलेस्टिक सेपरेटर, थ्रेडर, कंपोस्टिंग समेत अन्य मशीनें शामिल होंगी।
गांवड़ी में चार शेड बनेंगे
कूड़ा निस्तारण के लिए गांवड़ी में चार शेड बनाए जाएंगे। शेष खर्चा सिविल कार्य में होगा। जैसे स्टॉफ और ऑपरेशन के लिए कुछ कमरों का निर्माण कराया जाएगा। गांवड़ी में एक महीने के भीतर यह काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद लोहिया नगर डपिंग ग्राउंड में प्लांट स्थापित किया जाएगा। दोनों प्लांटों से प्रतिदिन 300 टन कूड़ा निस्तारण किया जा सकेगा। दोनों स्थानों पर सफलता मिलने पर मंगतपुरम में डंप कचरे के निस्तारण और नंगलाताशी कंकरखेड़ा में भी यह प्लांट दूसरे चरण में लगाया जाएगा। इस तरह शहर में प्रतिदिन उत्पन्न 900 टन कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था बनाने की तैयारी है। 14 वें वित्त आयोग की बैठक महापौर सुनीता वर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें डीएम अनिल कुमार ढींगरा, नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया, एमडीए सचिव, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता, जलनिगम के अधिकारी, नगर निगम के मुख्य अभियंता समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
शहर के दो चौराहों का होगा सौंदर्यीकरण
स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शहर के दो चौराहों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। हापुड़ अड्डा तथा एक और चौराहे को प्रस्तावित किया गया है। इसके लिए 50 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं।
हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेंगे रिपोर्ट
नगर आयुक्त ने बताया कि हाईकोर्ट ने सात दिन के भीतर गांवड़ी में प्लांट लगाने की स्वीकृति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। सोलापुर की आर्गेनिक रिसाइक्लिंग और आइएलएंडएफएस का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। आर्गेनिक रिसाइक्लिंग ने 148 करोड़ में और आइएलएंडएफएस ने 200 करोड़ में प्लांट लगाने के प्रस्ताव दिए थे।
कसेरूखेड़ा नाले पर आरसीसी दीवार के लिए 2.50 करोड़
कसेरुखेड़ा खटकाना पुल से मवाना रोड पुल तक रोड पटरी किनारे 14 इंच मोटी आरसीसी दीवार बनाई जाएगी। इसमें 320 मीटर दीवार के लिए पूर्व में एक करोड़ स्वीकृत हुए थे। शेष कार्य के लिए 14 वें वित्त आयोग की बैठक में 2.50 करोड़ रुपये और स्वीकृति कर दिए गए। वहीं, रोहटा रोड पर छूटे हिस्से में दोनों तरफ नाले का निर्माण व इंटरलाकिंग पर 3.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दो करोड़ रुपये से घंटाघर से गुजरने वाले कोटला नाले के निर्माण पर खर्च होंगे। समर गार्डन और इरशाद गार्डन में नाला और सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
तीन करोड़ से होगा छह तालाबों का जीर्णोद्वार
नगर निगम अपनी सीमा के छह तालाबों का जीर्णोद्वार करेगा। इनपर 3.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें काशी, दांतल, जिटौली, औरंगशाहपुर, रोहटा, अच्छरौंडा का तालाब शामिल किया गया है। तालाब किनारे पार्क भी विकसित होंगे।
50 डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी खरीदेगा निगम
बैठक में 50 डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। इसके साथ 300 हाथ ठेला, पांच जेसीबी और एक पोर्कलेन मशीन खरीदी जाएगी। हालांकि 20 ट्रैक्टर ट्रॉली खरीदने के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। करीब सात करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
12 करोड़ से सुधरेगी जलापूर्ति
नगर निगम शहर में जलापूति व्यवस्था को सृदृढ़ करने के लिए 12 करोड़ रुपये खर्च करेगा। शहर में स्थापित स्काडा सिस्टम से संचालित 157 नलकूपों को नगर निगम स्थित कंट्रोल रूम से ही ऑपरेट किया जा सकेगा। पूरी व्यवस्था आटोमेटिक रहेगी।
गीले कचरे से बनेगी खाद
यहां पर गीला और सूखा कचरा अलग किया जाएगा। गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी। वहीं सूखे कचरे से ईंट, गिट्टी समेत अन्य मैटेरियल अलग और प्लास्टिक, जूता-चप्पल, लकड़ी जलने वाला कूड़ा अलग किया जाएगा। जलने वाले कचरे को वेस्ट टू इनर्जी के तहत बिजली बनाने के लिए उपयोग में लाया जाएगा। इसके लिए दिल्ली रोड स्थित बीके बायोमास एजेंसी से अनुबंध किया जाएगा।