जीत की जश्न में डूबा मेरठ-किला-धनौरा
पाकिस्तान के खिलाफ मैच चाहे जूनियर का हो या सीनियर का हार मंजूर नहीं है। देशवासियों की इस आकांक्षा से हमारे खिलाड़ी भी भलीभांति परिचित हैं। मंगलवार को अंडर-19 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम को करारी हार देकर वापस क्या भेजा मेरठ में जश्न शुरू हो गया।
मेरठ, जेएनएन । पाकिस्तान के खिलाफ मैच चाहे जूनियर का हो या सीनियर का, हार मंजूर नहीं है। देशवासियों की इस आकांक्षा से हमारे खिलाड़ी भी भलीभांति परिचित हैं। मंगलवार को अंडर-19 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम को करारी हार देकर वापस क्या भेजा, मेरठ में जश्न शुरू हो गया। मैच में भारतीय बल्लेबाजों की धीमी शुरुआत से दर्शकों को मजा कम आया लेकिन थोड़ी ही देर बाद सभी की जुबां पर 10 विकेट से जीत की मांग निकलने लगी। हुआ भी कुछ ऐसा ही। कप्तान प्रियम गर्ग की बेहतरीन कप्तानी और गेंदबाज कार्तिक त्यागी की शानदार गेंदबाजी की तारीफ करते हुए लोगों ने इस जीत का आतिशबाजी के साथ और एक-दूसरे को केक खिलाकर बनाया।
टिकी रहीं खिलाड़ियों व कोच की निगाहें
भामाशाह पार्क में मंगलवार को खिलाड़ियों का ध्यान बंटा हुआ सा था। एक ओर रोजाना के अभ्यास में भी ध्यान देना था तो दूसरी ओर पाकिस्तान टीम के खिलाफ चल रहे मैच का स्कोर और अपने सीनियर्स प्रियम गर्ग और कार्तिक त्यागी को भी खेलते हुए देखना था। कोच संजय रस्तोगी और क्यूरेटर रविंद्र चौहान के साथ बच्चों ने बीच-बीच में मैच भी देखा। इसके अलावा भी शहर के क्रिकेट खिलाड़ी और क्रिकेट प्रेमियों ने मैच देखा। अंडर-19 मैच का क्रेज सीनियर क्रिकेट की तुलना में कम जरूर दिखा लेकिन जिन्हें पता था उन्होंने पूरा मैच देखा। मैच के बाद एक-दूसरे को बधाई दी और देर रात बेगमपुल चौराहे पर आस-पास के युवाओं व व्यापारियों ने आतिशबाजी करते हुए जीत का जश्न मनाया।
चमक उठा प्रियम का इलाका
किला परीक्षितगढ़ निवासी प्रियम गर्ग की इस जीत कर क्षेत्र के युवाओं ने एक-दूसरे को केक खिलाकर खुशी जाहिर की। दोपहर से मैच देखते हुए सभी युवा विकेट गिरने और चौका-छक्का उड़ने पर शोर मचाते दिए। अपने पड़ोस के कप्तान को खेलता देख सभी के लिए सुखद अनुभव रहा। किसी ने परिवार के साथ मैच देखा तो कुछ लोगों ने दोस्तों का झुंड बनाकर एक साथ मैच देखा। शानदार जीत की ओर बढ़ते मैच के साथ लोगों का उत्साह भी देखते बन रहा था। मैच खत्म होते ही सभी रास्ते पर निकल आए और एक-दूसरे को बधाई देते हुए केक काटा और मुंह मीठा किया। लोगों का जश्न थोड़ा अधूरा इसलिए रह गया क्योंकि वह प्रियम गर्ग के परिजनों को बधाई नहीं दे सके। प्रियम की बड़ी बहन का ऑपरेशन होने के कारण कोई भी नहीं नहीं पहुंचा। सभी देर रात तक अस्पताल में ही रहे। कुछ रिश्तेदार अस्पताल में ही पहुंचे और वहीं पर परिजनों को बधाई दी।
शादी छोड़कर लौटे कार्तिक के परिजन
हापुड़ के धनौरा गांव का नजारा मंगलवार को बदला हुआ था। पिछले मैच के हीरो रहे कार्तिक त्यागी को एक बार फिर एक्शन में देखने के लिए परिजनों के साथ ही गांव वालों ने भी उत्साह दिखाया। कार्तिक के परिजन शाम को एक रिश्तेदार की शादी में गए थे लेकिन अधिक समय खुद को वहां नहीं रोक सके। सभी फिर लौटे और आस-पास के लोगों ने साथ बैठक कार्तिक के घर में ही मैच देखा। कार्तिक के दोनों विकेट लेने के दौरान तो माहौल पूरे जश्न का मैच खत्म होने के पहले ही बन गया। मैच खत्म होते ही बधाइयों का सिलसिला चला। सभी बाहर निकले और अनार जलाकर आतिशबाजी के साथ मैच में जीत का जश्न बनाया।
इनका कहना है..
-उत्तर प्रदेश के सभी खिलाड़ी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें प्रियम और कार्तिक का योगदान सराहनीय है।
-डा. युद्धवीर सिंह, सचिव, यूपीसीए -मुझे अपने बच्चों पर पूरा भरोसा है। प्रियम को मैच जीतना आता है और हर मैच के साथ वह यह साबित भी कर रहा है।
-संजय रस्तोगी, कोच व उप-सचिव, एमडीसीए -प्रियम और कार्तिक का प्रदर्शन इस बात की गवाह है कि मेरठ का क्रिकेट कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। आशा है कि दोनों बच्चे और अच्छा प्रदर्शन करेंगे और मेरठ का नाम वर्ल्ड कप विजेताओं की सूची में शामिल होगा।
-सुरेंद्र चौहान, सचिव, एमडीसीए -यह मैच प्रियम गर्ग ने अपनी सूझ-बूझ से जिताया है। जिस तरह से प्रियम ने गेंदबाजी में अदला-बदली की उसका असर रिजल्ट भी पड़ा।
-राकेश गोयल, कोषाध्यक्ष, एमडीसीए -मेरठ के दोनों खिलाड़ियों के साथ ही जिस तरह से दोनों बल्लेबाजों ने शुरू से अंत तक मैच को अपने कंधे से अंतिम छोर तक पहुचाया, उसकी जितनी तारीफ हो कम है।
-रविंद्र चौहान, क्यूरेटर, एमडीसीए -अब तो एक ही इच्छा है कि वर्ल्ड कप मेरठ में आए और हमारे शहर का नाम और छा जाए। हम लगातार बच्चों की सफलता के लिए कामना कर रहे हैं और आशा है कि हर कोई ऐसा ही कर रहा होगा।
-नरेश कुमार गर्ग, प्रियम के पिता -यह मैच तो जीतना ही था। कार्तिक को दो विकेट मिलना और भी गौरव की बात है। अब फाइनल में यही जोर लगाकर बच्चे कप लेकर लौटे तो जोश और बढ़ जाएगा।
-योगेंद्र त्यागी, कार्तिक के पिता