Meerut Weather चिलचिलाती गर्मी के लिए हो जाएं तैयार, बारिश ने ठंडा किया नौतपा का ताप, अब झुलसाएगा बढ़ता तापमान
ठंडी हवाओं और बूंदाबांदी से सराबोर रहे नौ दिन। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि जहां जनमानस ने अब तक ठंडी फुहारों का आनंद लिया है तो वह आने वाले जून के शेष दिनों व जुलाई माह में होने वाली तेज गर्मी को सहने के लिए भी तैयार रहें।
मेरठ, जागरण टीम। मौसम के बदलाव के चलते चल रहे नौतपा के ताप का इस बार कुछ पता नहीं चल पाया। पूरा मई माह ठंडी हवाओं व बूंदाबांदी से सराबोर होने के कारण नौतपा के ताप के नौ दिन पूरी तरह बेअसर रहे। नगीना मौसम वेधशाला ने इस वर्ष मई माह में रिकॉर्ड तोड़ 144.8 एमएम वर्षा दर्ज हुई है। मौसम प्रेक्षक की मानें तो ऐसा वर्षो बाद हुआ है, जब नौतपा पूरी तरह बेअसर रहा है।
नौतपा की ये है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि नौतपा को मानसून का गर्भकाल माना जाता है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृषभ राशि के दस अंश से 23 अंश 20 कला तक रहते हैं, तब नौतपा होता है। इस नक्षत्र में सूर्य करीब 15 दिनों तक मौजूद रहता है,‚ जिसके चलते पहले नौ दिनों में अधिक गर्मी होती है। लेकिन इस बार मई माह में हुई रिकॉर्ड तोड़ वर्षा ने जहां पिछले कई वर्षो के रिकार्ड तोड़ा है, वहीं वर्षा के चलते नौतपा भी बेअसर रहा।
मई में सूरज कम हुआ गरम
कृषि अनुसंधान मौसम वेधशाला के प्रेक्षक सतीश कुमार ने बताया कि 1 मई को 24.6 एमएम‚ 2 को 39.6 एमएम‚ 3 को 50.6 एमएम‚ 18 को 5.0 एमएम‚ 24 को 12 एमएम‚ 31 को 13.0 एमएम तथा मई माह में कुल 144.8 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई। सेवानिवृत्त मौसम प्रेक्षक आरके शर्मा बताते हैं कि 12वे वर्ष में सूर्य गर्म होता है तथा जब नौतपा बेअसर रहता है तो आने वाले माह में सूर्य गर्म होने के कारण अपनी तपिश छोड़ता है।
नौतपा के नौ दिनों में सबसे अधिक तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंच पाया। आगामी दिनों में आग उगलेगा सूर्य, 12वें वर्ष में सूर्य रहता है गर्म, मौसम प्रेक्षक नंदकिशोर।
बारिश से तरबूज व खरबूजे की मिठास से वंचित रह गए लोग
इस बार बेमौसम बरसात ने गर्मी के मौसम में लोगों को ठंडक का अहसास करवा दिया। सुबह के समय बरसात के साथ साथ ठंडी हवा चलती रहती थी, जिससे मौसम सुहावना बना रहा। दूसरी ओर बारिश की वजह से जहां खरबूजे व तरबूज की मिठास कम हो गई है वहीं स्थानीय खो नदी‚ रामगंगा नदियों में पानी आने के कारण पलेज पानी के तेज बहाव में बह गई जिससे लोग तरबूज व खरबूजे की मिठास से वंचित रह गए।
नदी में खेती करने वाले राजेश सैनी बताते हैं कि वर्षा से तरबूज और खरबूजे की मिठास कम हो गई है‚। यदि गर्मी अधिक होती है और लू चलती है तो ही तरबूज व खरबूजे में मिठास होती है। इस बार मौसम ठंडा ही रहा है, इस कारण से खरबूजे में मिठास कम रही है। आगे और भी कम होने के आसार हैं।