मेरठ और आसपास बूंदाबांदी ने और बढ़ाई ठंड, जानिए मौसम का पूरा हाल
Meerut Weather News Update मेरठ और आसपास के जिलों में ठंड से अभी कोई राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। शनिवार की सुबह से हो रही बारिश से मौसम के मिजाज को और बिगाड़ दिया है। तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Weather Update मेरठ और आसपास के जिलों में शनिवार की सुबह से ही बारिश का दौर शुरू हो गया है। यह सिलसिला पूरे दिन जारी रह सकता है। अभी ठंड से राहत के संकेत नहीं हैं। एनसीआर में अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 22 और 23 जनवरी को बारिश की तीव्रता ज्यादा रहेगी। इसके अलावा सोमवार को भी बारिश जारी रह सकती है। शुक्रवार को सुबह कोहरा छाया रहा। इससे सड़कों पर वाहनों की गति धीमी हो गई और लाइट जलाकर गुजरना पड़ा। दोपहर 12 बजे के आसपास धूप निकली तो ठंड से कुछ हद तक राहत मिली। शुक्रवार को अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 15.9 और न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 5.7 डिग्री रहा।
जनवरी माह में 83.8 मिमी बारिश
वहीं मेरठ में इस बार अभी तक जनवरी माह में 83.8 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि 1980 के बाद जनवरी माह में इतनी बारिश कभी नहीं हुई। गुरुवार की भोर में चारों तरफ घने कोहरे की चादर ढकी रही। गुरुवार को मामूली धूप रही। जिस कारण हाड़ कंपा देने वाली ठंड से राहत नहीं मिल सकी। आज से 23 जनवरी तक हल्की बारिश के आसार हैं। वहीं शुक्रवार को सुबह की शुरुआत भी मेरठ और आसपास के जिलों में घने कोहरे के साथ हुई। आज भी धूप के निकलने के संकेत कम ही है।
आसमान पर बादलों का डेरा
भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के मौसम विज्ञानी डा. एन सुभाष ने बताया कि गुरुवार को न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य रहा। वहीं, अधिकतम तापमान 15.6 डिग्री दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि 21 जनवरी से आसमान में बादल डेरा डाल लेंगे। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बिगड़ेगा। कृषि विश्वविद्यालय के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा नोडल अधिकारी डा. उदय प्रताप शाही ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण मैदानों में बारिश लेकर आएगा। मेरठ समेत आसपास के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। बताया कि 21 जनवरी की सुबह भी घना कोहरा छाया रहेगा।
सूर्य देव भी हो गए बेबस
बागपत : सर्दी का सितम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बच्चे और बड़े ठंड में ठिठुर गए है। शुक्रवार को तापमान अधिकतम 15 और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। गर्म कपड़ों में सर्दी से निजात नहीं मिल रही है। कंपकपाते हुए रूटीन के काम को पूरा करना पड़ रहा है। सूर्य देव भी सर्दी के सामने बेबस हो गए है। दोपहर तक बादल छाए रहते है। कुछ देर के लिए सूर्य देव दिखाई तो देते है, लेकिन धूप बेअसर रहती है। सर्दी से हर कोई अब परेशान हो गया है। खेतों में किसान काम नहीं कर पा रहे है। फसलों की सिंचाई करते हुए भी दिक्कत होती है।
किसानों के चेहरे पर मायूसी
बागपत : मौसम में आए बदलाव के चलते शुरू हुई बारिश से किसानों के चेहरों पर मायूसी छाने लगी है। इस समय खेतों में खड़ी सरसों की फसल फलियों से लदी है। फसल गिरी तो पैदावार में भारी गिरावट आएगी। वहीं गन्ना किसानों एवं मिलों के लिए भी बारिश बड़ी समस्या बन रही है। गन्ना क्रय केंद्रों में पानी भरने से तौल बंद रहती है तो वहीं गन्ना छिलाई कार्य बंद रहने से किसान के सामने पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो रहा है।
मुजफ्फरनगर में शुकतीर्थ में सुने पड़े घाट
मुजफ्फरनगर : कड़ाके की ठंड व घने कोहरे का असर चारों ओर दिखाई दे रहा है। जिससे आम जनजीवन ठहर गया। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शुकतीर्थ में श्रद्धालुओं की कमी के कारण घाट भी सुने पड़े हैं। गंगा घाट पर बैठे दुकानदार व पण्डित श्रद्धालुओं का इंतजार करते रहे। उत्तराखंड की पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फ़बारी का असर मैदानी इलाकों में भी पड़ा है। शनिवार को आसमान में कोहरे की चादर होने व धूंप न निकलने के चलते तेज़ ठंड ने शरीर को कंपाकपा दिया। उत्तर भारत के पौराणिक तीर्थ स्थल शुकतीर्थ में गंगा घाट पर श्रद्धालु नदारद नज़र आये जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति गंगा घाट पर होती है वहीं शनिवार को तेज ठण्ड के कारण गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के न होने के चलते बन्दर ही अपनी उपस्थिति दर्ज करते दिखाई पड़े। तेज़ ठण्ड के कारण ग्रामीण शाम होते ही गर्म लिहाफो में दुबक गये तथा कुछ ने मोहल्ले के चौक में अलाव जलाकर राजनीतिक चर्चा में भाग लिया।बारिश के बाद अब कोहरे ने अपने वजूद को दिखाते हुवे ज़िन्दगी की रफ्तार को धीमा करने का काम किया है। मौसम विभाग ने अभी और एक सप्ताह कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना जताई है ग्रामीणों ने कड़ाके की ठंड के चलते नगरी के गंगा घाट बस स्टैंड व प्रमुख चौराहों आदि पर अलाव जलाने की भी मांग एसडीएम जानसठ से की है।