पर्यटन के 'नवरत्न' में शामिल हुआ मेरठ
पर्यटन मंत्रालय ने प्रदेश के सबसे अधिक महत्वपूर्ण जिलों में मेरठ को शामिल किया है। 16 से 27 सितंबर तक पर्यटन पर्व मनाने की तैयारी स्थानीय स्तर पर शुरू कर दी गई है।
मेरठ (नवनीत शर्मा)। प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी है। सरकार ने प्रदेश में पर्यटन के मामले में सबसे धनवान जिलों की सूची तैयार की है। इसमें मुख्य रूप से नौ जनपदों को शामिल किया गया है। इसमें मेरठ को भी स्थान दिया है। इन जिलों को विश्व पटल पर चमकाने के लिए पर्यटन पर्व मनाने की तैयारी भी शुरू की दी गई है।
पर्यटन असीम संभावनाओं वाले जिलों को विश्व पटल पर चमकाने और देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना प्रदेश सरकार ने तैयार की है। उधर, केंद्र सरकार भी प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काफी गंभीर है। ऐसे में पर्यटन के लिहाज से प्रदेश के सबसे अधिक समृद्ध जिलों की सूची तैयार की गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक मात्र जनपद मेरठ का नाम भी शामिल किया गया है। महाभारतकालीन तमाम धरोहर यहां मौजूद होने के साथ क्रांतिधरा के तेवर माहौल में हैं। साथ ही तमाम इमारतें भी पर्यटकों को लुभाने के लिए बेताब हैं। ऐसे में मेरठ के लिए विशेष योजना तैयार करने के निर्देश भी जिला प्रशासन को जारी किए गए हैं। मुख्य रूप से पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर 16 से 27 सितंबर तक पर्यटन पर्व मनाने की तैयारी स्थानीय स्तर पर शुरू कर दी गई है।
नवरत्न में सबसे खास है मेरठ
प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई पर्यटन उद्योग की संभावनाओं वाले जिलों की सूची में मेरठ को विशेष रूप से शामिल किया गया है। सूची में मेरठ के साथ लखनऊ, आगरा, वाराणसी, मथुरा, गोरखपुर, इलाहाबाद, फैजाबाद और झांसी का नाम शामिल है, लेकिन जनपद का ऐतिहासिक महत्व और यहां स्थित पर्यटन स्थल अन्य के मुकाबले कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं।
पर्व में दिखेगा इतिहास
पर्यटन पर्व 11 दिनों तक चलेगा। इसमें जिले में स्थित पर्यटन स्थलों के बारे में सांस्कृति कार्यक्रमों का आयोजन कर जानकारी दी जाएगी। साथ ही हस्तशिल्प प्रदर्शनी के साथ पर्यटन को लेकर प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा। इसके अलावा जिले में आने वाले पर्यटकों को बेहतर माहौल देने और अतिथि सत्कार पर भी विशेष जोर दिया जाएगा।
जिले के पर्यटन स्थल
शहरी क्षेत्र में शहीद स्मारक, शाहपीर मकबरा, सेंट जॉन्स चर्च, जामा मस्जिद, सूरजकुंड पार्क शामिल हैं। हस्तिनापुर तीर्थ, द्रोपदी की रसोई, हस्तिनापुर अभयारण्य, जैन श्वेतांबर मंदिर, नौचंदी मेला आदि शामिल है। सरधना में रोमन कैथोलिक चर्च, किला परीक्षितगढ़ में गांधारी तालाब और परतापुर में नंगली तीर्थ मुख्य रूप से शामिल हैं।
जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि पर्यटन उद्योग की जिले में बड़ी संभावनाएं हैं। कई योजनाओं पर काम चल रहा है। पर्यटकों को भी सुविधा और सुरक्षा मिल रही है। पर्यटन पर्व मनाने के लिए संबंधित को निर्देशित किया है।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अंजू चौधरी ने कहा कि जिले में 16 से 27 तक पर्यटन पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पर्यटन स्थलों को लेकर प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा।