Pranavayu Pranayama: श्वसन तंत्र मजबूत बनाने में उपयोगी प्राणवायु प्राणायाम, चार बिंदु में जाने इसके लाभ
रोना से मुकाबले के लिए शरीर स्वस्थ रखने के लिए साथ ही सकारात्मक रहना जरूरी है। योग को अपनाकर इन दोनों को हासिल किया जा सकता है। योग प्रशिक्षक सुनील सैन ने बताया कि प्राणवायु प्राणायाम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ आक्सीजन का स्तर दुरुस्त रहता है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना से मुकाबले के लिए शरीर स्वस्थ रखने के लिए साथ ही सकारात्मक रहना जरूरी है। योग को अपनाकर इन दोनों को हासिल किया जा सकता है। यह कहना है योग प्रशिक्षक सुनील सैन का। उन्होंने बताया कि प्राणवायु प्राणायाम से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ शरीर में आक्सीजन का स्तर दुरुस्त रहता है। प्राणायाम की विधा के तीनों घटकों पूरक, रेचक और कुंभक का बढ़ते क्रम में अभ्यास होता है। जिसमें सामान्य सांस की अपेक्षा आठ गुना आक्सीजन इन्हेल करते हैं। आंतरिक कुंभक की अवस्था सांस भरने की अवधि से अधिक हो जाती है। आइए जानते हैं इसे करने के तरीके व लाभ के बारे में-
ऐसे करें प्राणवायु प्राणायाम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में रीढ़ को सीधा कर बैठ जाएं। दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें और आंखें कोमलता से बंद रखें। दोनों नासिकाओं द्वारा धीर-धीरे सांस को भरते जाएं और छाती को ऊपर उठाते जाएं। यह तब तक करें जब तक फेफड़ों में और सांस भरने की जगह न बचे। अब गर्दन को पीछे की ओर थोड़ा सा मोड़कर आंतरिक कुंभक में सहज रूप में रुकें।
प्राणवायु प्राणायाम के लाभ
- श्वसन तंत्र मजबूत होता है और प्राणवायु (आक्सीजन) ग्रहण और धारण करने की अवधि बढ़ती है।
- आंतरिक कुंभक में सांस रोकने की क्षमता बढ़ती है। इससे फेफड़े पुष्ट होते हैं।
- सांस भरते समय छाती को फुलाने से सामान्य सांस की अपेक्षा करीब आठ गुना अधिक मात्र में आक्सीजन ग्रहण करते हैं।
- पिट्यूटरी ग्लैंड सही ढंग से कार्य करने लगती है। इससे तनाव दूर होता है व मन सकारात्मक रहता है।