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सीबीसीआइडी एडीजी के निरीक्षण में मेरठ पुलिस पास

मेरठ का नोडल अफसर नियुक्त किए गए सीबीसीआइडी के एडीजी आदित्य मिश्रा ने पहले दिन पुलिस लाइन जेल और सदर बाजार थाने का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 04:00 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:20 AM (IST)
सीबीसीआइडी एडीजी के निरीक्षण में मेरठ पुलिस पास
सीबीसीआइडी एडीजी के निरीक्षण में मेरठ पुलिस पास

मेरठ,जेएनएन। मेरठ का नोडल अफसर नियुक्त किए गए सीबीसीआइडी के एडीजी आदित्य मिश्रा ने पहले दिन पुलिस लाइन, जेल और सदर बाजार थाने का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद एडीजी पुलिस के कार्य से पूरी तरह संतुष्ट दिखाई दिए। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में भी इस बात को दोहराया था।

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सवाल है कि एडीजी को जो दिखाया गया, वहीं देख पाए, या फिर वह कुछ देखना नहीं चाह रहे थे। पुलिस लाइन में उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर से लेकर शस्त्रों तक का निरीक्षण किया। उसके बाद पुलिस लाइन में सर्किल के सभी सीओ और एएसपी तथा एसएसपी के साथ मीटिंग की। सभी से परिचय किया। उसके बाद अपराध पर बहुत कम समय के लिए चर्चा हुई। वहां से एडीजी पुलिस अमले के साथ जेल के निरीक्षण को निकल गए। जेल में बैरक से लेकर रसोई और अस्पताल तक सभी देखे गए। बंदियों के खाने से लेकर मिलाई तक का रजिस्टर चेक किया। इसके बावजूद एडीजी को जेल में कोई खामी नहीं मिली। एडीजी मिश्रा जेल से सीधे सदर बाजार थाने पहुंचे। थाने में उन्होंने मुंशी से बातचीत की। फिर थाना प्रभारी से पुलिस के अभी तक किए कार्यो के बारे में बातचीत की। उसके बाद कंप्यूटर रूम में आए, जहां पर कंप्यूटर की कनेक्टिविटी भी नहीं थी। उसके बाद धनसिंह कोतवाल के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। थाना प्रभारी के ऑफिस में थाने के स्टाफ से बुलाकर बातचीत की। उसके बाद सीधे सर्किट हाउस पहुंच गए। नमाज सड़क से हटाई और मुठभेड़ में टॉप स्थान

जनपद की पुलिस ने कुछ दिनों में काम भी किया है। सड़क से नमाज को हटाकर मस्जिदों के अंदर अदा कराने का एतिहासिक कार्य मेरठ पुलिस ने किया है, जिससे पूरे प्रदेश ने सबक लिया। मुठभेड़ में भी जोन में मेरठ पुलिस प्रथम स्थान पर है। तीन माह में सात बदमाशों को ढेर किया जा चुका है। हालात यह हैं कि बदमाश मेरठ में सरेंडर करने से भी कांपने लगे हैं। मेडिकल थाने का निरीक्षण करते तो रिपोर्ट बदल जाती?

जनपद में सिर्फ सदर बाजार थाने का ही निरीक्षण क्यों होता है? मंत्री से लेकर डीजीपी तक सभी सदर बाजार थाने का निरीक्षण करते हैं। यदि मेडिकल, सिविल लाइन, नौचंदी थाने का निरीक्षण करते तो शायद खामियां दिखाई देती। मेडिकल थाने की विवेचना की पेडिंग स्थिति देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। क्राइम मीटिंग में सबसे ज्यादा कटघरे में मेडिकल थाना रहता है।


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