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हैकर्स के निशाने पर मेरठ पुलिस, ठगों के तार राजस्थान और झारखंड से जुड़े Meerut News

छात्रों नौकरीपेशा और व्यापारियों के बाद अब पुलिस भी ठगों के निशाने पर आ गई है। एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस जांच कर रही है।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 02:54 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 02:54 PM (IST)
हैकर्स के निशाने पर मेरठ पुलिस, ठगों के तार राजस्थान और झारखंड से जुड़े   Meerut News
हैकर्स के निशाने पर मेरठ पुलिस, ठगों के तार राजस्थान और झारखंड से जुड़े Meerut News

मेरठ, [अभिषेक कौशिक]। मेरठ पुलिस इन दिनों हैकर्स के निशाने पर है। एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। तीन दिन के अंदर ही एक और दारोगा की फर्जी आइडी बनाकर दोस्तों और रिश्तेदारों से रुपये मांगे गए हैं। करीब दो माह पहले भावनपुर थाना प्रभारी की भी ठगों ने फर्जी आइडी बना ली थी। तीनों ही मामलों में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कार्रवाई चल रही है। जांच में ठगों के तार राजस्थान और झारखंड से जुड़ रहे हैं।

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फेसबुक की फर्जी आइडी

छात्रों, नौकरीपेशा और व्यापारियों के बाद अब पुलिस भी ठगों के निशाने पर आ गई है। ठगों ने खरखौदा थाने की बिजली बंबा चौकी पर तैनात दारोगा सुनील सिंह की फेसबुक की फर्जी आइडी बना ली और उनके दोस्तों और रिश्तेदारों से रुपये मांग लिए। दारोगा के पास परिचितों के फोन आए तो इसकी जानकारी हुई। दारोगा ने साइबर सेल में शिकायत कर आइडी बंद करा दी है। साइबर सेल प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि फर्जी आइडी को बंद कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

बेखौफ हुए ठग, खाकी पर भी डाल रहे हाथ

ठगों का दुस्साहस देखिए कि वह खाकी पर भी हाथ डालने से नहीं चूक रहे हैं। दो माह पहले भी इसी तरह ठगों ने तत्कालीन थाना भावनपुर प्रभारी सत्येंद्र यादव की फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर उनके परिचितों से रकम की मांग की थी। किसी को शक न होने इसलिए उक्त आइडी में थाना प्रभारी का ही फोटो लगाया गया था। इसके अलावा गत रविवार को एसओ सदर बाजार की फर्जी आइडी बनाकर भी ठगों ने कई लोगों से रुपये मांगे। तीनों ही मामलों में रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। साइबर सेल प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में दूसरे प्रदेशों राजस्थान व झारखंड से मामले के तार जुड़ रहे हैं। ठग फर्जी आइडी बनाने के बाद सबसे पहले फ्रेंड लिस्ट से नाम लेते हैं फिर उनको दोस्ती की रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके बाद मैसेंजर के जरिए मदद के नाम पर रुपये मांगे जाते हैं।


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