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एक ही IMEI नंबर के हजारों मोबाइल के मामले में अफसरों ने गृह मंत्रालय भेजी रिपोर्ट, पढि़ए कैसे हुआ राजफाश

मोबाइल के इस फर्जीवाड़े से भारत की आंतरिक सुरक्षा में सेंध की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा रहा। इसे देखते हुए पुलिस के आला अफसरों ने शासन को अवगत कराया।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 12:30 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 12:30 PM (IST)
एक ही IMEI नंबर के हजारों मोबाइल के मामले में अफसरों ने गृह मंत्रालय भेजी रिपोर्ट, पढि़ए कैसे हुआ राजफाश
एक ही IMEI नंबर के हजारों मोबाइल के मामले में अफसरों ने गृह मंत्रालय भेजी रिपोर्ट, पढि़ए कैसे हुआ राजफाश

मेरठ, जेएनएन। चीन की मोबाइल कंपनी वीवो ने उत्तर प्रदेश में एक आइएमईआइ अर्थात इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आइडेंटी नंबर से 13,557 मोबाइल फोन बाजार में उतार दिए। यह राजफाश साइबर सेल की जांच में हुआ है। एडीजी ऑफिस में तैनात एक दारोगा के मोबाइल का आइएमईआइ नंबर बदलने पर हुई जांच में यह मामला पकड़ में आया। अब यह भी देखा जा रहा है कि पूरे देश में कितने मोबाइल एक ही आइएमईआइ पर चल रहे है।

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ऐसे हुआ राजफाश

एडीजी ऑफिस में तैनात दारोगा आशाराम ने नौ मार्च 2017 में वीवो कंपनी का एक मोबाइल फोन खरीदा था। मोबाइल खराब होने पर 24 सितंबर 2019 को ब्रह्मपुरी के शारदा रोड स्थित वीवो के सर्विस सेंटर पर सही कराने के लिए दिया। उनसे स्क्रीन, डिस्प्ले, एफएम बोर्ड बदलने की बात कहकर 2650 रुपये लिए गए। घर पर आकर देखा तो मोबाइल का आइएमईआइ नंबर बदला हुआ था। दारोगा ने मामले की शिकायत एडीजी से की। उनके निर्देश पर साइबर सेल की टीम ने 24 सितंबर 2019 को आइएमईआइ रन कराई, जिसमें सामने आया कि सुबह 11 से 11:30 बजे तक प्रदेश में वीवो मोबाइल के इसी आइएमईआइ नंबर पर 13557 फोन चलते मिले। अंतत: एसएसपी अजय साहनी ने खुद मॉनीटरिंग शुरू की। दारोगा की तहरीर पर बुधवार को मेडिकल थाने में वीवो कंपनी के मेरठ सर्विस सेंटर के एक अज्ञात कर्मचारी के खिलाफ 420 आइपीसी (धोखाधड़ी कर आइएमईआइ नंबर बदला, इसमें सात साल सजा) व 66 आइटी एक्ट (इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में छेड़छाड़, इसमें पांच साल की सजा) में मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना इंस्पेक्टर सिविल लाइन को स्थानांतरित कर दी गई है।

गृहमंत्रालय को भेजी रिपोर्ट

मोबाइल के इस फर्जीवाड़े से भारत की आंतरिक सुरक्षा में सेंध की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा रहा। इसे देखते हुए पुलिस के आला अफसरों ने शासन को अवगत कराया। वहां से रिपोर्ट गृहमंत्रालय को भी भेजी गई है। एडीजी राजीव सभरवाल का कहना है कि अकेले यूपी में 13,557 मोबाइल चल रहे तो देश में कितनों का संचालन हो रहा होगा। पुलिस ने वीवो के सर्विस सेंटर मैनेजर को नोटिस जारी किया लेकिन उन्होंने आइएमईआइ नंबर बदलने से इन्कार कर दिया। उसके बाद वीवो इंडिया के नोडल अधिकारी हरमनजीत सिंह को 91 सीआरपीसी का नोटिस दिया गया है। अभी जवाब नहीं आया है। इस धारा में जवाब देना अनिवार्य होता है।

मामला संज्ञान में है

कंपनी के एरिया मैनेजर अमित राज ने बताया कि आइएमईआइ बदलने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। सर्विस सेंटर के इंचार्ज राहुल को कॉल की गई लेकिन उनका नंबर बंद चल रहा है। आइएमईआइ नंबर कैसे बदले गए, इसपर अमित राज ने प्रदेश के प्रभारी अंबुज वर्मा का नंबर देने की बात कही, लेकिन बात नहीं हुई। रात में मेरठ जनपद के वितरक राहुल ने बताया कि अंबुज वर्मा से बात हुई है, उनका कहना है कि नोएडा के अफसरों के संज्ञान में मामला आ चुका है, देखा जा रहा है कि नंबर कहां से बदले गए हैं।

इनका कहना है

वीवो के सर्विस सेंटर पर दारोगा के मोबाइल का आइएमईआइ नंबर बदल दिया गया था। साइबर सेल की जांच में सामने आया है कि एक ही आइएमईआइ नंबर पर साढ़े तेरह हजार मोबाइल यूपी में चल रहे हैं। मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा होने की वजह से मुकदमा दर्ज कराने के बाद एसएसपी को मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। साइबर सेल और सिविल लाइन इंस्पेक्टर जांच कर रहे हैं।

- राजीव सभरवाल, एडीजी जोन


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