Meerut News: तीन माह पहले नहर में मृत मिली किशोरी जिंदा निकली, इस आरोप में तीन जेल में हैं बंद
मेरठ से एक चौदह साल की किशोरी का अपहरण हो गया था। जिसकी लाश गंगनहर में पड़ी मिली थी। परिजनों ने इसकी पहचान की थी। लेकिन उसके तीन महीने बाद ही किशोरी को मेरठ में ही जिंदा देखा गया। इसके अपहरण के आरोप में तीन जेल में बंद हैं।
मेरठ, जेएनएन। चौदह साल की किशोरी अभी जिंदा हैं, जबकि दो माह पहले सरधना नहर में मिले शव को स्वजन ने किशोरी का मानकर आत्मा की शांति के लिए पूजा भी करा दी थी। पुलिस ने तीन आरोपितों को किशोरी के अपहरण में जेल भेज दिया। एक माह पहले अचानक नारी उद्धार केंद्र से परिवार को जानकारी मिली। उसके बाद पुलिस के साथ परिवार उद्धार केंद्र गए। किशोरी की पहचान कर परीक्षितगढ़ पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की। किशोरी के कोर्ट में बयान दर्ज कराए। किशोरी ने तीनों युवकों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए स्वजन के साथ जाने से इन्कार कर दिया। उसे उद्धार केंद्र में रखा गया है।
गंगनहर में मिला था किशोरी का शव: बागपत के खेकड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली चौदह वर्षीय किशोरी को स्वजन ने अक्टूबर 2020 में परीक्षितगढ़ स्थित नानी के घर छोड़ दिया था। पांच दिसंबर को अचानक किशोरी लापता हो गई। मां ने कपिल पुत्र सत्यवान निवासी हजूराबाद गढ़ी थाना सिंघावली अहीर को नामजद कर दिया। पुलिस की विवेचना में सामने आया कि किशोरी को अगवा करने में कपिल का भाई अमित और उसका दोस्त सरधना के छूर निवासी बालिंद्र पुत्र राजू भी मौजूद था। उन्हीं दिनों सरधना के गंग नहर में एक किशोरी का शव मिला। हाथ का कड़ा और कपड़ों के आधार पर स्वजन ने उसकी पहचान बेटी के रूप में की।
तीन को भेजा था जेल: पुलिस ने भी किशोरी को मृत मानकर तीनों आरोपितों को अपहरण की धारा में जेल भेज दिया। बरामद शव की डीएनए रिपोर्ट नहीं आने की वजह से तीनों पर हत्या की धारा नहीं लगाई गई थी। इसी बीच किशोरी लालकुर्ती क्षेत्र में लावारिस हालत में मिली तो पुलिस ने उसे नारी उद्धार केंद्र भेज दिया। यहां के कर्मचारियों ने एक माह पहले किशोरी का पता लगाकर परिवार को जानकारी दी। स्वजन पुलिस के साथ नारी उद्धार केंद्र पहुंचे। पुलिस ने केस की दोबारा विवेचना शुरू कर दी।
पाक्सों एक्ट में भी हो चुकी है कार्रवाई: पुलिस ने 15 दिन पहले किशोरी के कोर्ट में बयान दर्ज करा दिए, जिसमें किशोरी ने जेल गए तीनों आरोपितों पर अपहरण करने का आरोप लगाया। ऐसे में तीनों आरोपितों पर अपहरण और पोक्सो एक्ट में कार्रवाई की जा चुकी है। किशोरी ने स्वजन के साथ जाने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने किशोरी को दोबारा नारी उद्धार केंद्र भेज दिया।
डीएनए रिपोर्ट ने बचाई पुलिस की फजीहत: पुलिस दावा कर रही है कि सरधना नहर में शव पर मिले कड़े और कपड़ों से किशोरी की शिनाख्त उसकी मां ने की थी। दरअसल, इस शव का पहले ही लावारिस में अंतिम संस्कार हो चुका था। शिनाख्त के बावजूद पुलिस ने शव का सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजा। रिपोर्ट नहीं आने की वजह से पुलिस ने अभी तक आरोपितों पर हत्या की धारा नहीं बढ़ाई। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपितों पर कोई धारा बढ़ाई या घटाई नहीं जाएगी।
एक माह में ऐसे चला परिवार का पता: उद्धार केंद्र के कर्मचारी लगातार किशोरी से परिवार का अता-पता पूछ रहे थे। आखिरकार किशोरी ने अपनी मां का मोबाइल नंबर बता दिया। यह नंबर कई दिन से बंद पड़ा था। स्टाफ ने मोबाइल नंबर की आइडी निकालकर परिवार से खेकड़ा में संपर्क साध लिया।
परिवार के डर से घर जाने से किया इन्कार : पुलिस के अनुसार परिवार के डर की वजह से किशोरी ने घर जाने से इन्कार कर दिया।
किशोरी के जिंदा मिलने से स्वजन खुश, साधे हैं चुप्पी: महिला ने 2017 में मेरठ के परीक्षितगढ़ में नाना के घर गई 14 वर्षीय बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने नामजद तीन आरोपितों से पूछताछ की। बाद में गंगनहर से मिले एक किशोरी के शव की शिनाख्त मां ने बेटी के रूप में की थी।
एसएसपी अजय साहनी ने कहा: किशोरी के स्वजन ने ही नहर में मिले शव की पहचान बेटी के रूप में की थी। पुलिस ने डीएनए जांच कराई। रिपोर्ट आने के बाद ही आरोपितों पर हत्या का चार्ज बढ़ाया जाता। अब किशोरी ने भी आरोपितों पर अपहरण का आरोप लगाया है। ऐसे में तीनों आरोपितों पर अपहरण और पोक्सो एक्ट का अपराध बनता है, जिसके तहत उन पर कार्रवाई हो चुकी है। ऐसे में फिलहाल उन्हें केस में कोई राहत नहीं दी जाएगी।