योगी आदित्यनाथ की 'लव जिहाद पर टिप्पणी' के बारे में PFI सदस्यों से पूछताछ, रिमांड पर लाई मेरठ पुलिस
Interrogation of PFI members एसएसपी मेरठ के अनुसार पीएफआइ के सदस्य शादाब अजीज कासमी मुफ्ती शहजाद मौलाना साजिद व मोहम्मद इस्लाम कासमी को जिले की खरखौदा पुलिस ने चार अक्टूबर को लखनऊ कोर्ट से सात दिन की रिमांड पर लिया था।
मेरठ, जागरण संवाददाता। पीएफआइ के सदस्यों ने रिमांड पर भी अहम राज खोले हैं। पुलिस और एटीएस की पूछताछ में सामने आया कि पीएफआइ के मंसूबे देश के लिए बड़े ही खतरनाक हैं। गजवा-ए-हिंद साहित्य के बाद उनके कब्जे से बरामद पेन ड्राइव से भी मिली कई जानकारी पर एटीएस और पुलिस संयुक्त पूछताछ कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लव जिहाद पर टिप्पणी और दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 में हुए मुंबई दंगे और कश्मीरी मुजाहिद की वीडियो पर सघन पूछताछ की गई है। उन वीडियो और लव जिहाद की टिप्पणी को लेकर पीएफआइ की क्या मंशा थी, उसके बारे में भी पूछताछ की जा रही है।
चार अक्टूबर को लिया सात दिन की रिमांड पर
एसएसपी रोहित सजवाण ने बताया कि पीएफआइ के सदस्य शादाब अजीज कासमी निवासी ग्राम सोंटा रसूलपुर शामली, मुफ्ती शहजाद निवासी ग्राम नेकपुर गाजियाबाद, मौलाना साजिद ग्राम मामोर शामली और मोहम्मद इस्लाम कासमी निवासी ग्राम जोगियाखेड़ा परसौली मुजफ्फरनगर को खरखौदा पुलिस ने चार अक्टूबर को लखनऊ कोर्ट से सात दिन की रिमांड पर लिया था। बुधवार को पुलिस की टीम चारों सदस्यों को मेरठ लेकर आ गई। उसके बाद एटीएस और खरखौदा पुलिस संयुक्त रूप से पीएफआइ सदस्यों से पूछताछ कर रही है।
कब्जे से मिली पेन ड्राइव
सीओ अमित राय ने बताया कि पीएफआइ सदस्यों के कब्जे से एक पेन ड्राइव मिली है, जिसमें सात डाक्यूमेंट फाइल, 179 फोटो और 11 वीडियो हैं। वीडियो में आइएसआइएस, गजवा-ए-हिन्द की एक वीडियो, भड़काऊ भाषण की वीडियो, इस्लामिक स्टेट्स की कुछ वीडियो जो 1993 के दंगों से संबंधित हैं। साथ ही कश्मीरी मुजाहिद से संबंधित है, जो कि हिन्दू दंगों के बारे में है। पीएफआइ को जिहाद के लिए जकात देने के ऊपर एवं हिजाब से संबंधित भी एक वीडियो भी मिली है।
कई फोटो भी मिले
उन्होंने बताया कि पेन ड्राइव में हिन्दी, अंग्रेजी व उर्दू भाषाओं में पीएफआइ के प्रेस नोट, बैनर, प्रोटेस्ट व मीटिंग संबंधित फोटो हैं। इसके अलावा योगी की 'लव जिहाद पर टिप्पणी', वोट बैंक की खातिर नफरत फैलाने और विभाजन का प्रयास संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। ईडी, आरएसएस का हथियार बनना बंद करो, ईडी की राजनैतिक छापेमारी पर देशभर में जताया गया आक्रोश की फोटो भी मिली हैं। पेन ड्राइव में उक्त साक्ष्य किस उद्देश्य से रखे गए थे। उसके लिए एटीएस और खरखौदा पुलिस पीएफआइ सदस्यों से पूछताछ कर रही है।
गुमराह करते रहे आरोपित
पीएफआइ के सदस्य कई मामलों में पुलिस और एटीएस की टीम को गुमराह भी करते रहे हैं। हालांकि उनके सामने साक्ष्य रखकर पुलिस पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि सदस्यों से मिले साक्ष्य किस उद्देश्य से लिए गए हैं। उनकी पड़ताल एटीएस की टीम कर रही है।
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