Anand Hospital के एमडी हरिओम आनंद : कारोबार में चमके, कर्ज में डूबे और हार गए जिंदगी Meerut News
हरिओम आनंद ने परिवार का स्थापित ब्रांड छोड़कर अपना ब्रांड स्थापित किया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ का नाम रोशन किया। लेकिन बढ़ता कर्ज उनके लिए आखिरकार जानलेवा बन गया।
मेरठ, [सुशील कुमार]। कुछ कर गुजरने का जज्बा ही मंजिल तक पहुंचाता है। आनंद अस्पताल के प्रबंध निदेशक हरिओम आनंद भी ऐसे ही थे। उनकी आंखों में कुछ ऐसा करने का सपना था, जो लोगों की भलाई के साथ देश-दुनिया में नाम-पहचान दिला दे। हरिओम आनंद ने परिवार का स्थापित ब्रांड छोड़कर अपना ब्रांड स्थापित किया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ का नाम रोशन किया। कारोबार में शिखर पर पहुंचे। इसके बाद कर्ज में इस कदर डूबे कि उबर नहीं पाए। 66 साल की उम्र में जिंदगी को अलविदा कह कर चले गए। जाते-जाते कह गए, ‘मेरे परिवार का ध्यान रखना।’
1995 में खंदक बाजार का कारोबार छोड़ा
खंदक बाजार में हरिओम आनंद के पिता जगदीश राम की खद्दर की छोटी सी दुकान थी। हरिओम के छोटे भाई सुशील आनंद अभी भी वही कारोबार कर रहे हैं। हरिओम आनंद ने 1995 में खंदक बाजार का कारोबार छोड़ दिया। उसके बाद अतुल कृष्ण के साथ मिलकर लोकप्रिय अस्पताल में पार्टनरशिप की। वर्ष 2000 में नियम आया कि डॉक्टरी की पढ़ाई न करने वाला व्यक्ति भी चैरिटेबल ट्रस्ट में ट्रस्टी बन सकता है। उन्होंने अतुल कृष्ण के साथ मिलकर सुभारती मेडिकल कॉलेज की नींव रखी। इसके बाद अतुल कृष्ण से उनका विवाद हो गया। सुभारती के ट्रस्टी पद से हरिओम आनंद को अलग कर दिया गया। उसके बाद हरिओम आनंद अपना अस्पताल बनाने में जुट गए।
29 अगस्त, 2007 को आनंद अस्पताल
कुछ साल खाली रहने के बाद उन्होंने मेरठ शहर में शानदार अस्पताल खड़ा कर डाला। 29 अगस्त, 2007 को आनंद अस्पताल की शुरुआत हुई। गढ़ रोड पर बेहतरीन सुविधाओं के साथ यह अस्पताल बुलंदियों पर है। हरिओम आनंद ने अस्पताल तो खड़ा किया ही लखनऊ में भी कामयाबी का झंडा गाड़ा। वहां इन्होंने सिप्स (एसआइपीएस) के नाम से सर्जरी का बड़ा अस्पताल खोला। मेरठ में आनंद हॉस्पिटल सुविधाओं के नाम पर काफी आगे निकल गया था। दूर-दूर से लोग यहां उपचार के लिए आते हैं।
कर्ज में डूबते चले गए
अस्पताल के नाम पर बैंक लोन के साथ अन्य लोगों का शेयर भी लगाया। इसके बाद कर्ज में डूबते चले गए। चार मई, 2019 में भी घर की दूसरी मंजिल से गिर गए थे। उस समय भी उन्होंने सुसाइड की कोशिश की थी। हालांकि उस समय इसे हादसा बताया गया। उसके बाद कई ऐसे विवाद भी हुए, जिसमें पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। शनिवार को हरिओम आनंद ने 66 साल की उम्र में जिदंगी से हार मान ली और अलविदा कहकर निकल गए।
बड़ी बेटी की कर चुके शादी
हरिओम आंनद के बच्चों में सबसे बड़ी बेटी निधि आनंद, उसके बाद मानसी और छोटा बेटा गौतम आनंद है। 2001 में बड़ी बेटी निधि की शादी दिल्ली में संदीप से कर चुके है। मानसी तो पिता के साथ कारोबार में हाथ बंटा रही हैं। मानसी पिता के साथ हर कार्य में आगे रहती हैं। मानसी की तरफ से ही कई मामले दर्ज कराए गए हैं।
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