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    Period of Changes : 10 साल में बदल जाएगा मेरठ, मुंबई-दिल्ली जैसी होगी लाइफस्टाइल

    By Pradeep Diwedi Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 02:05 PM (IST)

    मेरठ में अगले 10 सालों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। शहर में मुंबई और दिल्ली जैसी लाइफस्टाइल होगी। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और शहरीकरण के चलते मेरठ ...और पढ़ें

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    आर्किटेक्ट एसोसिएशन द्वारा साकेत स्पोर्ट्स क्लब में आयोजित एक्सपो के अन्तर्गत पैनल डिस्कशन करते असित गुप्ता। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। एनसीआर में मेरठ को सबसे संभावनाशील शहर यूं ही नहीं कहा जाता। इस शहर के लोग मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों की तरह आधुनिक और विकसित जीवनशैली अपनाने के लिए जमकर खर्च कर रहे हैं। हाईवे और एक्सप्रेसवे का मजबूत नेटवर्क और दिल्ली से रैपिड रेल की कनेक्टीविटी से नगरवासियों का मनोबल भी बढ़ा है। मेरठ आर्किटेक्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक्सपो के मंथन में सामने आया कि अगले दस साल में मेरठ में क्रांतिकारी परिवर्तन देखा जा सकेगा।

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    टियर-वन शहरों व अमेरिका जैसे देशों में अपनाई जाने वाली सुविधाओं का मेरठ के लोग उपयोग करने लगे हैं। घर पहुंचने से पहले एसी चालू कर देना, कहीं भी रहते हुए सीसीटीवी की मोबाइल से निगरानी करना, कुछ मिनटों में सामान मंगा लेना, स्टार्टटप शुरू करने से न डरना जैसे कदम ऐसे ही बड़े बदलावों की नींव रख चुके हैं।

    छोड़कर जाना चाहते थे मेरठ, अब तो बाहर से आएंगे
    परंपरा, तकनीक व कौशल पर टियर-टू शहरों की सोच में बदलाव को लेकर विशेष सत्र आयोजित हुआ। असित गुप्ता, सिद्धार्थ मनोहर, चिराग गुप्ता, उत्कर्ष गोयल, रजत भट्टर, अग्रिमा मांगलिक, प्रशांत मनोहर व अपूर्व अग्रवाल के बीच इस विषय पर मंथन हुआ।

    चर्चा में सामने आया कि जो इस शहर को छोड़कर दूसरे शहर जाना चाहते थे, वो अब रुक गए हैं। दूसरे शहरों के लोग यहां आकर बसने लगे हैं। यह भी चर्चा हुई कि शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर जैसे जिलों के लोग मेरठ से अधिक गाजियाबाद व नोएडा को प्राथमिकता देते थे, लेकिन अब उनका ध्यान मेरठ की ओर है। नए-नए शोरूम खुल रहे हैं। होटल, मंडप की संख्या बढ़ रही है। हर तरफ कालोनियां विकसित हो रही हैं।

    अब दिल्ली वालों से कहेंगे रुकिए मैं आ गया
    देश की पहली रीजनल ट्रेन यानी नमो भारत अब मेरठ की स्थिति में बड़ा बदलाव लाएगी। लखनऊ व कई शहरों से आए आर्किटेक्ट ने कहा कि कुछ लोग दिल्ली से आए तो कुछ लोग एक्सप्रेसवे से होकर आए हैं। कनेक्टिविटी के कारण ऐसा लग रहा है कि मेरठ अब कभी भी पहुंचा जा सकता है। उप्र आर्किटेक्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकित अग्रवाल ने कहा कि पहले दिल्ली से आना या फिर यहां से दिल्ली जाना एक बड़े लक्ष्य के रूप में देखा जाता था। दिल्ली जाने के लिए पूरे दिन की योजना बनानी पड़ती थी। अब कह सकते हैं कि रुकिए मैं आ गया। जिस तरह नोएडा के लोग दिल्ली पहुंच रहे हैं, उसी तरह से मेरठ के लोग कहेंगे। ये बदलाव आने वाले 10 साल की दशा-दिशा अत्याधुनिक सुविधाओं की ओर ले जाएंगे।