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मेरठ नहीं अब गाजियाबाद है जरायम का बादशाह

पिछले साल मेरठ में लगभग 12 हजार मुकदमे दर्ज हुए और गाजियाबाद में लगभग 11 हजार मुकदमे दर्ज हुए थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 12:58 PM (IST)
मेरठ नहीं अब गाजियाबाद है जरायम का बादशाह
मेरठ नहीं अब गाजियाबाद है जरायम का बादशाह

मेरठ (पंकज तोमर)। 1990 दशक के दो बड़े गैंग सतवीर गुर्जर और महेंद्र फौजी गुर्जर पर बनी फिल्म जिला गाजियाबाद भले ही फिल्मी पर्दे पर अपनी छाप नहीं छोड़ पाई हो लेकिन गाजियाबाद के अपराधियों ने धरातल के साथ सरकारी फाइलों में भी दबदबा कायम किया है। जरायम की दुनिया के बेताज बादशाह रहे मेरठ को पीछे छोड़ते हुए गाजियाबाद अब नंबर एक पर है।

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शांति व कानून व्यवस्था को लेकर हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। साल 2017-18 में एक अप्रैल-17 से 31 मार्च-18 तक मेरठ रेंज में कुल 42928 मुकदमे पंजीकृत हुए। आंकड़ों में ही सही लेकिन मेरठ वालों के लिए राहत की बात यह है कि यहां क्राइम ग्राफ पहले से थोड़ा कम हुआ है, जबकि गाजियाबाद अब सबसे ऊपर है। फिलहाल वहां पर अपहरण, लूट, हत्या और वाहन चोरी की ज्यादातर घटनाएं हो रही हैं। हालांकि, मेरठ दूसरे नंबर पर है। तीसरा स्थान गौतमबुद्ध नगर, जबकि चौथे नंबर पर बुलंदशहर है। पांचवें पर हापुड़ और बागपत छठे स्थान पर है। पिछले साल मेरठ में लगभग 12 हजार मुकदमे दर्ज हुए और गाजियाबाद में लगभग 11 हजार मुकदमे दर्ज हुए थे। माफिया गिरी में भी गाजियाबाद आगे

भू-माफिया, खनन, परिवहन, शराब, पशु और वन की माफियागिरी में भी गाजियाबाद आगे है। यहां 218 मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि बुलंदशहर में 94 पंजीकृत हुए। गौतमबुद्धनगर में 79, मेरठ में 38, हापुड़ में 28 और बागपत में 27 मुकदमे दर्ज हुए हैं। डकैती व दुष्कर्म में बुलंदशहर अव्वल

डकैती और दुष्कर्म में बुलंदशहर अव्वल है। यहां 2017-18 में 17 डकैती हुई और 144 दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज की गई। छह डकैती व 140 दुष्कर्म के साथ मेरठ दूसरे स्थान पर रहा। गौतमबुद्धनगर में चार डकैती और 51 दुष्कर्म, गाजियाबाद में तीन डकैती और 113 दुष्कर्म, हापुड़ में भी डकैती व 43 दुष्कर्म हुए। बागपत में एक डकैती और 37 घटनाएं दुष्कर्म की दर्ज की गई। जिला अपराध संख्या

गाजियाबाद 11435

मेरठ 10100

गौतमबुद्धनगर 9935

बुलंदशहर 6557

हापुड़ 2480

बागपत 2421 आइजी मेरठ रेंज रामकुमार का कहना है कि आबादी के लिहाज से गाजियाबाद बड़ा है। इसलिए यहां ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। दूसरा यह है कि पुलिस अब एक-एक अपराधी को सलाखों के पीछे डाल रही है। अपराध को खत्म करने के लिए पुलिस तन्मयता के साथ लगी है।


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