समाधान खोजने में मेरठ को हो रही 'समस्या'
आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण को लेकर प्रदेश सरकार काफी गंभीर है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहां शिकायतों का निस्तारण करने में मेरठ स्थिति बेहद खराब है। प्रदेश स्तर पर जारी सूची में जिले को 44वां स्थान मिला है।
मेरठ, जेएनएन। आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण को लेकर प्रदेश सरकार काफी गंभीर है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहां शिकायतों का निस्तारण करने में मेरठ स्थिति बेहद खराब है। प्रदेश स्तर पर जारी सूची में जिले को 44वां स्थान मिला है। सोमवार को समीक्षा कर नोडल अधिकारी अपर आयुक्त ने चेतावनी देने के साथ एडीएम प्रशासन से स्पष्टीकरण तलब किया।
आइजीआरएस की मंडलीय नोडल अधिकारी अपर आयुक्त ने वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सामने आया कि शासन स्तर पर हर माह किए जाने वाले मूल्यांकन में जनपद गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर व गाजियाबाद को छोड़कर मंडल अन्य जनपद जनपदों की स्थिति खराब है। प्रदेश स्तर पर हापुड़ को 19वां, बागपत को 34 वां स्थान मिला है, वहीं मेरठ सूची में 44 वें स्थान पर है। जनपद की हालत देखते हुए अपर आयुक्त ने अधिकारियों को सुधार न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। साथ ही जनपद की खराब रैकिंग आने पर एडीएम प्रशासन से स्पष्टीकरण भी तलब किया। इसके अलावा गाजियाबाद के काफी शिकायत लंबित होने पर एक सप्ताह में निस्तारण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया।
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फर्जी निस्तारण करने वाले होंगे चयनित
अपर आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आवेदकों से फोन पर वार्ता कर फीडबैक जिया जा रहा है। कई मामले ऐसे आए हैं जिसमें पोर्टल पर की गई शिकायत निस्तारित होने के बाद भी आवेदन असंतुष्ट ही है। ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा फर्जी रूप से भी कई शिकायतों का निस्तारण होना सामने आया है। ऐसा करने वाले कर्मियों का चयन कर सूची तैयार की जा रही है। शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।