जरा संभलिए, पारा गिरने के साथ ही विषाक्त होती जा रही है शहर की आबोहवा Meerur News
हिमालय की ठंडी हवाएं जैसे-जैसे वातावरण में ठंडक घोल रही हैं वैसे-वैसे ही वायु प्रदूषण विकराल रूप ले रहा है। चिकित्सकों ने भी ऐसे में एहतियात बरतने की सलाह दी है।
मेरठ, जेएनएन। हिमालय की ठंडी हवाएं जैसे-जैसे वातावरण में ठंडक घोल रही हैं, वैसे-वैसे ही वायु प्रदूषण विकराल रूप ले रहा है। बुधवार को न्यूनतम तापमान लुढ़क कर 7.4 डिग्री पर चला गया। यह सीजन का न्यूनतम है। वहीं वायु के विषक्त होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन नवंबर की रात 12 बजे से चार नवंबर की रात 11 बजे तक पीएम 2.5 का सबसे न्यूनतम स्तर 269 शाम 4 बजे दर्ज हुआ। और इसी तरह पल्लवपुरम में न्यूनतम 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर शाम पांच बजे रहा। इतनी जहरीली हवा में सांस लेना जनपद वासियों के स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद गंभीर है। चिकित्सकों ने जरूरी होने पर ही बाहर न निकलने और मास्क लगाने की सलाह दी है।
पीएम का सबसे अधिक लेवल
बुधवार को गंगानगर में सुबह नौ बजे पीएम 2.5 का सर्वाधिक स्तर 465 रहा। सुबह के समय धुंध भी छायी रही। शाम चार बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी बुलेटिन में मेरठ का एक्यूआइ 330 रहा यह दिल्ली से अधिक रहा। तीन दिसंबर की रात 12 बजे से चार की रात 10 बजे तक एक घंटे भी हवा की गुणवत्ता ठीक नहीं रही। पीएम 2.5 शाम को केवल एक घंटे तक 300 के नीचे रहा बाकी समय 300 से अधिक रहा।
वायुमंडल की ऊपरी गर्म हवा बनी अवरोधक
मेरठ कालेज के भूगोल विभाग के डा. परमजीत सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में चूंकि सूरज की किरणों की गर्मी पृथ्वी की सतह तक आते आते कम हो जाती है। निचली सतह ठंडी और जबकि ऊपर सतह पर गर्म हवा रहती है। ठंडी हवा में प्रदूषक कणों का जमाव निचले स्तर पर बन जाता है। ऊपर की गर्म हवा निचली ठंडी हवा और प्रदूषक कणों को ऊपर उठने से रोकती है। यही कारण है कि दिन में भी प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। गर्मियों में इसका उल्टा होता है।
मैदानी क्षेत्रों में रफ्तार कम
पिछले तीन दिनों में दो दिन पारा 10 डिग्री से नीचे रहा है। बुधवार को अधिकतम तापमान 22 डिग्री रहा। यह सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम रहा। हिमालय क्षेत्र से आ रही बर्फीली हवा एनसीआर और उत्तर भारत में ठंड ला रही है। खास बात यह है कि मैदानी क्षेत्रों में इसकी रफ्तार बेहद कम है। प्रदूषण की घनी चादर को भेद पाने यह असमर्थ है। वातावरण में आदृता का प्रतिशत बढ़ना भी प्रदूषण की स्थित खराब करने में योगदान दे रहा है। आदृता का अधिकतम प्रतिशत 90 तक पहुंच गया। हालांकि दिन में यह न्यूनतम 44 तक पहुंच गया। बतातें चलें कि ठंड बढ़ने से वायु मंडल में प्रदूषक कण और गैसें निचली परत में एकत्र हो जाते हैं।
कोहरे की आशंका प्रदूषण से राहत नहीं
मौसम विभाग ने आज सुबह हल्के कोहरे और कल घने कोहरे की आशंका जतायी है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों तक हवा की रफ्तार में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसके साथ ठंड भी जारी रहेगी।