Experts Advice: वैक्सीन से कई गुना कारगर स्तनपान, पढ़िए बाल रोग विशेषज्ञों ने क्या दी सलाह
मां का दूध शिशु के लिए अमृत ही है। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. अमित उपाध्याय ने स्तनपान सप्ताह के अवसर पर बताया कि आइसीयू केयर और सभी प्रकार के टीकाकरण से जितने शिशुओं की जान बचती है
जागरण संवाददाता, मेरठ। मां का दूध शिशु के लिए अमृत ही है। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. अमित उपाध्याय ने स्तनपान सप्ताह के अवसर पर बताया कि आइसीयू केयर और सभी प्रकार के टीकाकरण से जितने शिशुओं की जान बचती है, उससे करीब तीन गुना सुरक्षा मां के दूध से मिलती है। माताओं को छह माह तक नियमित रूप से स्तनपान करवाना चाहिए।
न्यूटिमा अस्पताल में आयोजित प्रेस वार्ता में डा. अमित ने बताया कि मां का दूध निमोनिया, डायरिया समेत सभी बीमारियों का रिस्क कम करता है। डब्ल्यूएचओ ने इस बार नई थीम दी है, जिसमें साफ किया गया है कि स्तनपान के प्रति जागरूकता सिर्फ बाल रोग और स्त्री रोग विशेषज्ञों का जिम्मा नहीं है। सभी विधि के डाक्टरों को सामने आना चाहिए। डा. अमित उपाध्याय ने बताया कि प्री-मेच्योर बच्चों को ऊपर का दूध पिलाने से आंतों के खराब होने का खतरा होता है।
9357 ने लगवाया कोरोना से बचाव का टीका
शनिवार को जिले में 9357 लोगों ने कोरोना संक्रमण से बचाव का टीका लगवाया। इसमें कुल 5537 लोगों को शहर में टीका लगाया गया। इनमें 3189 लोगों ने टीका की पहली डोज लगवाई। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 3820 लोगों को टीका लगा। ग्रामीण क्षेत्रों में हुए कुल टीकाकरण में पहली डोज लगवाने वालों के लक्ष्य 4100 में से 2927 यानी 71.4 फीसद लोगों ने टीका लगवाया। जोकि शहर में प्रथम डोज के लक्ष्य के सापेक्ष हुए टीकाकरण प्रतिशत से अधिक है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण कुमार गौतम ने बताया कि जिले में कुल 9357 लोगों को टीका लगाया गया। जिसमें 6931 को कोविशील्ड व 2426 को कोवैक्सीन लगाई गई। शहर में चले टीकाकरण अभियान में नगरीय स्वास्थ्य केंद्र लक्खीपुरा, मलियाना में सौ फीसद से अधिक टीकाकरण हुआ। वहीं, मेडिकल कालेज, ड्राइ¨वग स्कूल आइटीआइ, जिला महिला अस्पताल में टीकाकरण कमजोर रहा।
5297 सैंपलों की जांच में एक भी संक्रमित नहीं
शनिवार को 5297 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि शुक्रवार की तुलना में शनिवार को जिले में कोरोना संक्रमण के एक्टिव केसों की संख्या घटकर 10 ही रह गई है। इसमें पांच मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत हैं, जबकि दो मरीज होम आइसोलेशन पर हैं। चार मरीज के स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।