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Meerut Coronavirus News: ग्रामीणों में गजब की इच्छाशक्ति रंग लाई, मेरठ के गांव-देहात से वायरस साफ, थर्ड वेव से लड़ने की तैयारी

जी हां मेरठ के ग्रामीण इलाकों में इच्छाशक्ति काम आई। ग्रामीणों ने एक महीने में ही कोरोना को गांवों से विदा कर दिया है। गांव-देहात में हर दिन औसतन सौ से अधिक मरीजों ने संक्रमण को हराकर विजय प्राप्त की। अब तीसरी लहर से जंग की तैयारी है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 05:30 PM (IST)
Meerut Coronavirus News: ग्रामीणों में गजब की इच्छाशक्ति रंग लाई, मेरठ के गांव-देहात से वायरस साफ, थर्ड वेव से लड़ने की तैयारी
30 दिनों में मेरठ जनपद के 95 फीसदी गांवों से साफ हुआ कोरोना संक्रमण।

जागरण संवाददाता, मेरठ। कोरोना की दूसरी लहर ने इस बार शहर से लेकर गांवों में भी खूब लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया। घर-घर जांच के लिए चलाए गए अभियान के दौरान तीन हजार से अधिक संक्रमित मरीज गांवों में सामने आए। हालांकि सजगता और इच्छाशक्ति के कारण ग्रामीणों ने एक माह में ही कोरोना को गांवों से विदा कर दिया है। गांव-देहात में हर दिन औसतन सौ से अधिक मरीजों ने संक्रमण को हराकर विजय प्राप्त की।

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बरती गई सतर्कता

पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर का सबसे अधिक असर शहर और कस्बों में रहा। गांवों में काफी कम संख्या में संक्रमित रोगी सामने आए। लेकिन दूसरी लहर का बुरा असर गांव-देहात में रहने वाले लोगों की सेहत पर भी पड़ा और बड़ी संख्या में लोग संक्रमण की चपेट में आ गए। पंचायत चुनाव के बाद मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिले में घर-घर जांच के लिए दस दिवसीय अभियान चलाया गया। जिसमें तीन हजार से अधिक मरीज सामने आए। संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गांवों पर अधिक ध्यान केंद्रीय किया गया और उपचार शुरू कर तमाम सतर्कता बरती गई।

इच्छाशक्ति ने किया कमाल

ग्रामीणों की मजबूत प्रतिरोधक क्षमता और इच्छाशक्ति के कारण गांव-देहात में वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली। संक्रमण से पीडि़त अधिकांश मरीज अपने घर पर ही आइसोलेशन में ही ठीक हो गए। जबकि गिनती के मरीज ही उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे। गांव में संक्रमण से मौत का आंकड़ा भी न के बराबर ही रहा।

तैयार हो रहा सुरक्षा कवच

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते गांवों को संक्रमण से बचाने के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क करने के साथ गांव-देहात में स्थिति सीएचसी और पीएचसी पर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। साथ ही निगरानी समिति के साथ युवाओं को भी जोड़ा जा रहा है।

एक माह पहले की स्थिति

2705 -संक्रमित मरीज एक माह पहले गांवों में थे

513 - राजस्व गांवों में था कोरोना संक्रमण का प्रभाव

110 - औसतन हर दिन सामने आ रहे थे मरीज

125 - औसतन संक्रमित मरीज हर दिन हुए ठीक

वर्तमान स्थिति

55 - संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में हैं

533 - राजस्व गांव हो चुके हैं संक्रमण से मुक्त

03 - संक्रमण से पीडि़त मरीज पांच दिन में मिले

20 - औसतन मरीज हर दिन हो रहे ठीक

इनका कहना है

गांवों में जितनी तेजी से संक्रमण का प्रसार हुआ, उसे कहीं तेज ग्रामीणों ने वायरस को मजबूत इच्छाशक्ति से साफ कर दिया। गांव-गांव में विशेष अभियान चलाया गया। अब गांवों में तीसरी लहर की आशंका के चलते सुरक्षा कवच तैयार किया जा रहा है।

- शशांक चौधरी, सीडीओ


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