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मेरठ की डेढ़ साल की मासूम ईशानी को दुर्लभ बीमारी, बचाने के लिए चाहिए 22 करोड़ रुपये का इंजेक्शन

मुंबई की तीरा की तरह ही मेरठ की डेढ़ साल की ईशानी भी दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से जूझ रही है। इस मासूम बच्ची का इलाज 22 करोड़ रुपये के जोल्जेंसमा इंजेक्शन से ही मुमकिन है लेकिन इतनी बड़ी धनराशि जुटा पाना परिवार के लिए संभव नहीं है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 12:33 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:13 AM (IST)
मेरठ की डेढ़ साल की मासूम ईशानी को दुर्लभ बीमारी, बचाने के लिए चाहिए 22 करोड़ रुपये का इंजेक्शन
मेरठ की बच्ची ईशानी को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी है।

मेरठ, जेएनएन। मुंबई की तीरा की तरह ही उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में ब्रह्मपुरी की डेढ़ साल की ईशानी भी दुर्लभ बीमारी एसएमए टाइप टू (स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी) से जूझ रही है। इस मासूम बच्ची का इलाज 22 करोड़ रुपये के जोल्जेंसमा इंजेक्शन से ही मुमकिन है, लेकिन इतनी बड़ी धनराशि जुटा पाना निम्न मध्यवर्गीय परिवार के लिए संभव नहीं है। इसके लिए परिवार ने डोनेशन के लिए इंटरनेट पर लिंक भी जारी किया है। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर ईशानी को बचाने के लिए पोस्ट साझा किए हैं। हालांकि अभी तक कोई ठोस मदद नहीं मिली है।

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मेरठ शहर के ब्रह्मपुरी में मास्टर कालोनी गली नंबर तीन निवासी अभिषेक वर्मा दिल्ली के द्वारका स्थित एसएसजी लाजिस्टिक कंपनी में साफ्टवेयर टेस्टिंग एग्जीक्यूटिव पद पर कार्यरत हैं। मां नीलम गृहणी हैं। काम के सिलसिले में अभिषेक द्वारका में ही विजय एन्क्लेव में रहते हैं। अभिषेक ने बताया कि ईशानी का जन्म 27 अगस्त, 2019 को हुआ था। जन्म के समय वह सामान्य बच्चे की तरह थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता उसकी परेशानी उभरने लगी। जब वह आठ-नौ माह की थी, तब उसे वाकर के सहारे स्वजन चलाने का प्रयास करते तो वह आगे नहीं बढ़ती। सहारे से बैठाने पर उसका सिर नीचे हो जाने पर वह स्वत: दोबारा सिर ऊपर नहीं कर पाती।

सर गंगाराम अस्पताल की सलाह पर कराई जांच : अभिषेक के अनुसार इस बीमारी के निदान के लिए स्वजन ने मेरठ के विभिन्न चिकित्सकों को दिखाया। पल्लवपुरम स्थित डॉ. एमके गुलाटी के पास भी गए। जहां उन्होंने ईशानी को किसी जटिल बीमारी से ग्रसित होने का अंदेशा जताया, लेकिन तब तक कोरोना काल शुरू होने के चलते उसे कहीं बाहर नहीं दिखा सके। बाद में जब स्थितियां थोड़ी सामान्य हुईं तो 26 दिसंबर को एम्स दिल्ली ले गए। जहां उन्हें जुलाई माह का समय दिया गया, लेकिन उसकी हालत को देखते हुए उसे सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली ले गए। वहां ईशानी को पीडियाट्रिक न्यूरोलाजिस्ट डॉ. प्रवीन कुमार ने देखा। उनके परामर्श पर कराई जांच में 12 जनवरी को ईशानी में एसएमए टाइप टू की पुष्टि हुई।

उम्र बढऩे के साथ बढ़ेगी समस्या : ईशानी के बाबा कुलदीप वर्मा ने बताया कि चिकित्सकों ने बताया है कि उम्र बढ़ने के साथ ही बच्ची की कठिनाइयां बढ़ जाएंगी। इसका असर ईशानी की उम्र बढ़ने के साथ परिवार को देखने को मिल भी रहा है, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई हैं।


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