डाक्टरों की हड़ताल से कराह उठा मेडिकल
देर शाम तक एसपी सिटी ने मेडिकल पहुंचकर डाक्टरों से वार्ता की। मंगलवार को हड़ताल जारी रह सकती है।
मेरठ: मेडिकल कालेज में डाक्टरों और कर्मचारी नेता विपिन त्यागी के बीच विवाद थमने के बजाय तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को डाक्टरों ने विपिन त्यागी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल कर दी। ओपीडी, आइसीयू व इमरजेंसी चिकित्सा सेवा चरमरा गई। डाक्टरों ने प्राचार्य का घेराव करते हुए धरना भी दिया। देर शाम तक एसपी सिटी ने मेडिकल पहुंचकर डाक्टरों से वार्ता की। मंगलवार को भी हड़ताल जारी रह सकती है। उधर, विपिन ने दोपहर कचहरी में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन किया।
विपिन का तबादला करो..मैं भी हटने के लिए तैयार हूं
मेडिकल ओपीडी के पास दस अगस्त को कुछ लोगों ने सीएमएस डा. अजीत पर हमला बोलकर उन्हें घायल कर दिया था। इस दौरान गोली भी चलाई गई। डा. अजीत ने विपिन त्यागी पर मारपीट एवं गोली चलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस कार्रवाई की माग की थी। उन्हें इमरजेंसी में भर्ती करवाकर इलाज किया गया। 11 तारीख को चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी डा. अजीत को देखने पहुंचे तो इससे मामला गरमाने लगा। आइएमए एवं पीएमएस के डाक्टर डा. अजीत के समर्थन में उतर आए। एसएसपी समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के पास डाक्टरों की टीम पहुंची, किंतु रविवार तक विपिन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया था। सोमवार को डाक्टरों ने हड़ताल की घोषणा करते हुए सभी ओपीडी को बंद कर दिया। जूनियर रेजीडेंट डाक्टर भी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। सुबह दस से 12 बजे तक प्राचार्य आफिस पर हंगामा एवं धरना चलता रहा। कार्यवाहक प्राचार्य डा. विनय अग्रवाल से मिलकर डा. अजीत ने कहा कि विपिन त्यागी को हटाइए, साथ में मेरा भी तबादला मंजूर है। आइएमए की ओर से डा. वीरोत्तम तोमर भी प्राचार्य से वार्ता करने पहुंचे थे।
सैकड़ों मरीज बिलखे..मासूम बच्चों का भी इलाज नहीं
हड़ताल के बहाने डाक्टर ओपीडी से निकल गए। हालांकि दावा है कि फैकल्टी ने मरीजों का इलाज किया, किंतु कैंपस में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। ओपीडी पर्ची काउंटर पर बड़ी भीड़ जुटी थी। डा. अजीत चौधरी ने ओपीडी में पहुंचकर खुद डाक्टरों को प्रदर्शन के लिए तैयार किया। आर्थो विभाग के डाक्टर धरने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे, जिससे झड़प भी हुई। हालांकि प्रदर्शन में रेजीडेंट डाक्टरों की बड़ी तादाद पहुंची। एकेडमिक ब्लाक में घंटों नारेबाजी के बाद डाक्टर घरों को चले गए। सैकड़ों मरीज ओपीडी, इमरजेंसी, आइसीयू से लेकर लैबों तक भटके, जिन्हें कोई इलाज नहीं मिला। सालभर से कम उम्र के दो मासूमों की पट्टी तक नहीं बदली गई। ..आज भी हो सकती है हड़ताल
सोमवार शाम रेजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन के साथ मीटिंग कर हड़ताल पर चर्चा की गई। अध्यक्ष डा. संकेत ने कहा कि मंगलवार को इमरजेंसी सेवाएं शर्तिया रूप में चालू रहेंगी, किंतु सामान्य ओपीडी को लेकर सुबह सात बजे निर्णय किया जाएगा। संभावना है कि डाक्टर काली पट्टी बांधकर ड्यूटी करें। इन्होंने कहा--
एसआइसी डा. राकेश दूबे, डा. ज्ञानेश्वर टांक एवं डा. एनके केसरी के रूप में तीन सदस्यीय जांच टीम जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। प्रकरण की पूरी निष्पक्षता से जांच की जा रही है। शासन से लगातार संपर्क में हूं। जूनियर डाक्टरों को मरीजों का तत्परता से इलाज करने के लिए कहा गया है।
डा. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कालेज