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एमडीए का चाय-नाश्ता 20 लाख और टेलीफोन बिल 14 लाख का

आरटीआइ से मिली सूचना से पता चलता है कि मेरठ विकास प्राधिकरण जमकर खर्च करता है, मगर खुद पर। सिर्फ 20 लाख का तो चाय-नाश्ता कर लिया तीन साल में।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 04:04 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 04:04 PM (IST)
एमडीए का चाय-नाश्ता 20 लाख और टेलीफोन बिल 14 लाख का
एमडीए का चाय-नाश्ता 20 लाख और टेलीफोन बिल 14 लाख का

मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। एक आम आदमी सालभर में जितने रुपये कमा नहीं पाता, उससे ज्यादा एमडीए के अफसर चाय-नाश्ते पर खर्च कर देते हैं। मोबाइल फोन का बिल भी लाखों में आता है। ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि करोड़ों रुपये कमाने वाले एमडीए के रुपये कहां जा रहे हैं। इस बात की जानकारी एक आरटीआइ के जरिए सामने आई है।
आरटीआइ से मिली सूचना
आरटीआइ कार्यकर्ता व मिशन कंपाउंड निवासी मनोज चौधरी ने एमडीए से जनवरी 2016 से सितंबर 2018 तक की जानकारी मांगी थी। इसमें विभिन्न मदों से प्राप्त आय व विभिन्न मदों में खर्च के विस्तृत ब्योरे की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी गई। जवाब में वित्तीय वर्ष 2015-2016, 2016-2017 व 2017-2018 में आय व व्यय की जानकारी दी गई। किस मद में कितना खर्च हुआ इसे आंकड़ों की टेबिल में दर्शाया गया है।
लग्जरी गाड़ी से चलते हैं अधिकारी
एमडीए वीसी इनोवा से चलते हैं, जिसकी कीमत 13.35 लाख, सचिव होंडा सिटी से चलते हैं, जिसकी कीमत 10.32 लाख है। अन्य तीन वरिष्ठ अधिकारी बोलेरो से चलते हैं, जिसकी कीमत 21.24 लाख रुपये है। वहीं अन्य अधिकारियों को भी आने-जाने के लिए एंबेसडर या अन्य गाड़ी एमडीए की ओर से दी गई हैं, जिन्हें एमडीए स्वयं की गाड़ी मुहैया नहीं करा पाया है उन्हें किराए पर टैक्सी कार दी है। इन पर 2.50 करोड़ पेट्रोल-डीजल पर खर्च हुए।
वेतन भी खुद की कमाई से देता है एमडीए
एमडीए के वीसी से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक का वेतन एमडीए की कमाई से दिया जाता है। सरकार के खाते से एमडीए के स्टाफ को वेतन नहीं मिलता। संसाधन से लेकर अन्य व्यय तक सभी एमडीए अपनी कमाई से करता है। सड़क आदि के लिए भी सरकार से इसे धन नहीं मिलता। अलबत्ता समय-समय पर शहर में विभिन्न कार्य कराने के लिए कमिश्नर एमडीए की अवस्थापना निधि से करोड़ों रुपये खर्च कराते हैं।

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  • 2.50 करोड़ पेट्रोल-डीजल पर खर्च हुए
  • 14 लाख रुपये टेलीफोन बिल पर खर्च
  • 86.30 करोड़ रुपये वेतन व भत्ते पर खर्च
  • 07 लाख रुपये डाक व्यय
  • 6.50 करोड़ अन्य मदों में खर्च
  • 20 लाख रुपये चाय नाश्ते में खर्च हुए
  • 1.75 करोड़ रुपये न्यायिक मामलों में खर्च हुए

(सभी आंकड़े तीन साल के हैं)


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