एमडीए ने फिर निकाली कैटल कालोनी की फाइल
डेयरियों को एक स्थान पर स्थापित करने को कैटल कालोनी विकसित करने के लिए एमडीए ने फिर से पत्रावली निकाली है। इससे पहले कैटल कालोनी की योजना पर स्टे हो गया था।
मेरठ, जेएनएन। डेयरियों को एक स्थान पर स्थापित करने को कैटल कालोनी विकसित करने के लिए एमडीए ने फिर से पत्रावली निकाली है। इससे पहले कैटल कालोनी की योजना पर स्टे हो गया था।
डेयरियों को शहर से बाहर किया जाना है। इसके लिए डेयरी संचालक लंबे समय से कैटल कालोनी विकसित करने की लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। लाकडाउन से पहले जिला प्रशासन ने एमडीए को दो स्थान सुझाए थे। ये हैं रेसना और अलीपुर जिजमाना। इसमें अलीपुर जिजमाना पर बात नहीं बनी थी। बाद में तय हुआ कि रेसना में कालोनी विकसित की जाएगी। अलीपुर जिजमाना में बूचड़खाना भी है। इसलिए यहां प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पाई। रेसना की जमीन पर कालोनी बसाने को योजना पर काम चलता कुछ व्यक्तियों ने कोर्ट से स्टे ले लिया। यह जमीन अर्बन सीलिग की है। एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल ने बताया कि उच्चतम न्यायालय का आदेश हाल ही में आया है कि जिन प्रकरणों पर छह माह से अधिक का स्टे है, उसे नए सिरे से निस्तारित किया जाए। ऐसे में उच्चतम न्यायालय के आदेश का अवलोकन कर रेसना में कैटल कालोनी की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी।
अक्टूबर अंतिम सप्ताह में जारी हो जाएगा इंडेंट : जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि आगामी पेराई सत्र 2020-21 में जिले की सभी छह चीनी मिलें अक्टूबर अंतिम सप्ताह में इंडेंट जारी कर देंगी। बताया कि कोरोना से रोकथाम व बचाव के लिए गन्ना समितियों द्वारा पर्चियां प्रिट नहीं की जाएंगी। इसलिए सभी गन्ना किसानों से अपील की गई है कि वह अपना मोबाइल नंबर गन्ना समितियों में अपडेट करा लें या रजिस्टर करा दें। उन्होंने बताया कि मोबाइल में पुराने मैसेज डिलीट कर दें, जिससे इनबाक्स खाली रहे।