मेरठ में युधिष्ठिर दिखाएंगे राह, भीष्म बाहें फैलाए नजर आएंगे
महाभारतकालीन पात्रों के सहारे हस्तिनापुर के पर्यटन के विकास की नई इबारत लिखने का प्रयास शुरू होने वाला है।
हस्तिनापुर की गद्दी से बंधे भीष्म जल्द ही हस्तिनापुर के किसी चौराहे पर खड़े होकर बांहे फैलाए अतिथियों का स्वागत करते नजर आएंगे। कुछ दूर बढ़ते ही धर्मराज युधिष्ठिर रास्ता बताते मिल जाएंगे। चौंकिए मत...न तो किसी फिल्म की शूटिंग होने वाली है और न ही कोई नाटक खेला जाने वाला है। असल में डेढ़ दर्जन महाभारतकालीन पात्रों के सहारे हस्तिनापुर के पर्यटन के विकास की नई इबारत लिखने का प्रयास शुरू होने वाला है।
इस कड़ी में चौराहों के सौंदर्यीकरण होगा और महाभारत काल के पात्रों के नाम पर ही रखा जाएगा। दरअसल, माय सिटी माय प्राइड के तहत दैनिक जागरण की ओर से आयोजित राउंड टेबल कांफ्रेंस में पर्यटन के विकास के लिए सुझाए गए इन विचारों को पूरा करने का भरोसा हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक ने दिलाया है और इसकी खातिर आधिकारिक शुरुआत भी कर दी गई है।
हस्तिनापुर की नगर पंचायत द्वारा क्षेत्रीय विधायक दिनेश खटीक के प्रस्ताव पर बोर्ड में प्रस्ताव पास कर दिया गया है। फिलहाल नगर पंचायत के ईओ निषाद मधुरमय का कहना है कि इंजीनियरों के साथ मिलकर उन सभी स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर प्रतिमाएं लगाई जाएगी। इसके लिए जेई से स्टीमेट तैयार करने के लिए कहा गया है। शीघ्र ही स्टीमेट तैयार कर शासन को प्रेषित किया जाएगा।
...ताकि वाकिफ हो जाएं अपने गौरवमयी इतिहास से
अपनी पौराणिक पहचान खो रही शौर्य एवं धर्म की नगरी हस्तिनापुर में अब प्रवेश करते ही महाभारत काल की पुराने यादें ताजा हो जाएगी और उसके पौराणिक महत्व को भी लोग जानेंगे कि वे उसी महाभारत कालीन नगरी में अपने कदम रख रहे है जहां कभी कौरवों व पांडवों का राज हुआ करता था और भगवान कृष्ण की कर्म स्थली के रूप में जाने जानी वाली नगरी एवं कुरूवंश के पितामह भीष्म, गुरु द्रोण, अंगराज कर्ण, अर्जुन, भीम, धर्मराज युधिष्ठिर जैसे योद्धाओं के पग चिन्हों की आहट सुनाई पड़ेगी।
गीता के उपदेश देगा स्वागत द्वार
हस्तिनापुर नगरी के बाहर स्वागत द्वार बनाने का भी प्रस्ताव है। जिसमें भगवान कृष्ण, अर्जुन को गीता के उपदेश देते दिखाई देगे। जिससे आने वाले पर्यटकों को स्वयं एहसास होगा कि वे महाभारत की पौराणिक नगरी में प्रवेश कर रहे है। चेयरमेन अरूण कुमार ने बताया कि हस्तिनापुर के चौराहों पर महाभारत काल के पात्र पितामह भीष्म, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव आदि की प्रतिमाएं लगेगी और उन चौराहों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसी के साथ उन चौराहों का नाम भी महाभारत पात्रों के नाम पर ही रखा जाएगा। जिससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को एहसास होगा कि वे महाभारत काल की इनका कहना है महाभारत कालीन नगरी के विकास के लिए मैं कटिबद्ध हूं। इस नगरी को विकास के पथ पर आगे चलाकर पर्यटन के क्षेत्र में नई दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री से भी हस्तिनापुर के पर्यटन विकास को लेकर अपनी बात रखी है। उम्मीद है शीघ्र ही कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।