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मेरठ : बच्चों के संस्कारों पर में गिरावट चिंता का विषय, 400 अभिभावकों ने किया मंथन

मेरठ के स्कूलों में 'माय सिटी माय प्राइड अभियान' के तहत अभिभावकों के साथ संवाद बढ़ाने का क्रम शुरू हो गया है।

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:00 AM (IST)
मेरठ : बच्चों के संस्कारों पर में गिरावट चिंता का विषय, 400 अभिभावकों ने किया मंथन

जागरण संवाददाता, मेरठ: अब शहर के स्कूलों में अभिभावकों के साथ संवाद बढ़ाने का क्रम शुरू हो गया है। आरजी इंटर कॉलेज ने पहल करते हुए अभिभावकों के लिए कार्यशाला की। इसमें करीब 400 से करीब अभिभावक उपस्थित रहे। सामान्यत: पैरेंट्स मीटिंग में ज‍िस कॉलेज में पांच फीसद भी अभिभावक नहीं आते थे, कार्यशाला में उनकी उपस्थिति उत्साहजनक रही। 'दैनिक जागरण' के 'माय सिटी माय प्राइड अभियान' के तहत शिक्षा में संस्कारों में आ रही गिरावट को लेकर भी चिंता जताई गई थी। इसमें स्कूल और अभिभावकों के सामंजस्यष से संस्कारों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। खास यह है कि इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। शुरुआत आरजी इंटर कॉलेज से की गई, जिसमें अभिभावकों को बताया गया कि वह अपने बच्चों में संस्कारों का बीज कैसे डाले। 

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मुख्य वक्ता के तौर पर रिटायर्ड कृषि अधिकारी और वैदिक साहित्यई के जानकार वीरेंद्र गौड़ पहुंचे । उन्होंने बच्चे का व्यक्तित्व का विकास कैसे हो,इसके बारे में बताया। गौड़ ने कहा कि साथ ही मोबाइल से होने वाले दुष्प्रभाव की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने अभिभावकों को बताया कि बच्चे कैसे क्राइम की घटनाओं से दूर रहें, इसके लिए भी टिप्स दिए।

दूसरे वक्ता के तौर पर पहुंचे विद्या भारती के प्रांतीय संगठन मंत्री तपन कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि गर्भ के समय महिला के मन में जैसा विचार होता है, उसका बच्चे पर वैसा ही असर पड़ता है। इसके लिए माताओं को गर्भ के समय खान-पान, आचार- व्यवहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्कूल की प्रधानाचार्य रजनीरानी शंखधर ने अभिभावकों के साथ शिक्षकों को प्रेरित किया कि वह किशोरावस्था में जाने वाले बच्चे को रचनात्मक कार्यों में लगाएं, जिससे वह भटकने से बच सकें। इसमें सकारात्मक संदेश को अपनी कक्षाओं में देने पर जोर दिया।

अन्य स्कूलों में भी संस्कारों की पढ़ाई
समाज में कई तरह की समस्याओं से बच्चे जूझ रहे हैं। इसमें नशा एक प्रमुख कारण है, अगली कार्यशाला में सामाजिक समस्याओं को पहचान करके उनसे बचाव के तरीके बताएं जाएंगे। कार्यशाला से जो भी प्रमुख बातें निकल रहीं हैं, उन्हें अन्य स्कूलों में भी भेजा जाएगा। ताकि वह बच्चों और अभिभावकों तक उसे पहुंचा सकें।
रजनी रानी शंखधर, प्रधानाचार्य, आरजी इंटर कॉलेज


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