मेरठः शिक्षा की तस्वीर बदलने को बढ़े कदम
इसके अलावा परीक्षितगढ़ नारंगपुर कन्या गुरुकुल में गरीब लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए निशुल्क व्यवस्था शुरू कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। शहर की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर करने की आवाज शहर के लोगों ने भी उठाई है। सरकारी सहयोग के साथ जनसहभागिता से भी शिक्षा की तस्वीर बदलने की कोशिश की जा रही है। शहर में संसाधन की कमी से जूझ रहे कॉलेजों के संसाधन भी मुहैया करने के लिए भी लोगों ने इच्छा जताई है। जिस पर कुछ जगह काम भी शुरू कर दिया गया है।
दैनिक जागरण के माय सिटी माय प्राइड अभियान के तहत शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे रियल हीरो ने अपने कार्य से समाज में एक संदेश देने की कोशिश की, तो दूसरी ओर विशेषज्ञों ने उसमें बेहतरी के लिए सुझाव रखा। इसके साथ ही शहर के गणमान्य लोग शिक्षा के क्षेत्र में योगदान करने के लिए आगे बढ़कर आए।
शहर में नागरिकों की सहभागिता से तीन बिंदुओं पर काम करने का खाका खींच लिया गया है। इसमें लोगों के सहयोग से एक संस्था बनाई जा रही है। शहर के एक सीए ने संस्था बनाने की जिम्मेदारी ली है। इस संस्था से अन्य लोगों को जोड़ा जा रहा है। यह संस्था शहर में जरूरतमंद गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान करेगी, जिन बच्चों को अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा।
अगले शैक्षणिक सत्र यानी अप्रैल 2019 से यह संस्था अपना काम शुरू करेगी। इसके अलावा परीक्षितगढ़ नारंगपुर कन्या गुरुकुल में गरीब लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए निशुल्क व्यवस्था शुरू कर दी गई है। अन्य जरूरतमंद बच्चों को इस आवासीय गुरुकुल से जोड़ने की पहल जारी है।
शहर के कुछ स्कूल और एनजीओ की मदद से गांव में सोशल क्लब बनाने की योजना बनाई गई है। इस पर काम भी शुरू हो गया है। सोशल क्लब बच्चों को प्रेरित करेगा कि वह अच्छी किताबें पढ़ें। शिक्षा के सुधार और सभी तक उसकी रोशनी पहुंचाने की कोशिश लोग अपने प्रयास से कर रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए शासन प्रशासन के सहयोग की जरूरत है।
माय सिटी माय प्राइड में जो बिंदु उठाए गए थे। उसमें ऐसे बच्चे जो स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनके पास बीटीसी प्रशिक्षुओं को भेजने की योजना है। इसके लिए एक प्रस्ताव बनाकर बेसिक शिक्षा विभाग को भेजना है। जहां से शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। बैठक में इसकी जिम्मेदारी लेने वाले शिक्षक इसका प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।