LokSabha Election 2019 : 'मायाजाल' में उलझे वेस्ट यूपी की कई सीटों के समीकरण
मायावती की वेस्ट यूपी में आयोजित रैलियों के चलते कई सीटों के समीकरण बदल भी सकते हैं।उनकी जनसभा में उमड़ी भीड़ ने गठबंधन प्रत्याशियों में ऊर्जा भर दी है।
मेरठ, [अनुज शर्मा]। गठबंधन प्रत्याशियों के समर्थन में बसपा सुप्रीमो मायावती की सोमवार को मेरठ में आयोजित जनसभा ने पश्चिम की कई लोकसभा सीटों के समीकरण को उलझा दिया है। जनसभा में उमड़ी भीड़ ने गठबंधन प्रत्याशियों में ऊर्जा भर दी। वहीं भीड़ के सिर चढ़ा मायावती का जादू साफ दिखाई दिया। मायावती ने जहां दलितों के साथ मुस्लिम और जाट मतदाताओं को अपनेपन का अहसास कराया। वहीं इस सभा ने उन कयासों पर भी विराम लगा दिया कि स्टार प्रचारकों और जनसभा की दौड़ में गठबंधन पीछे रह गया है।
बदले नजर आए समीकरण
लोकसभा चुनाव-2019 के प्रथम चरण के प्रचार में अभी तक भाजपा ने बाजी अपने हाथ में रखी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम स्टार प्रचारक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। इसके चलते प्रचार में गठबंधन के पिछड़ जाने के कयास लगाए जाने लगे थे, लेकिन गठबंधन की दो दिन की लगातार जनसभाओं ने ऐसे कयासों पर विराम लगा दिया है।
माया का जादू सिर चढ़कर बोला
रविवार को सहारनपुर के देवबंद में संयुक्त रैली के बाद सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने मेरठ में बड़ी जनसभा की। जनसभा में रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और सपा के स्थानीय नेता भी मौजूद रहे,लेकिन माया का जादू सिर चढ़कर बोला। अपनी नेता को देखने और सुनने की चाहत में हजारों की भीड़ उमड़ी। उनके हाथों में सैकड़ों झंडे लहरा रहे थे। भीड़ में जोश इस कदर था कि हेलीकाप्टर दिखाई देते ही मायावती को देखने को आतुर हो उठी। आलम यह था कि हेलीपैड से मंच तक आने के बीच ही भीड़ ने सभास्थल पर की गई तमाम सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ डाला था। भीड़ वीआइपी और मीडिया गैलरी को पीछे छोड़कर मंच के सामने ‘डी’ तक जा पहुंची थी। उत्साह केवल इतना ही नहीं था, बल्कि मायावती के पूरे संबोधन में हर वाक्य पूरा होने के बाद भीड़ जमकर नारेबाजी कर रही थी।
किसी से कम नहीं गठबंधन
हालांकि मेरठ की जनसभा के मंच पर बिजनौर और बागपत के प्रत्याशी भी थे, लेकिन जनसभा में मौजूद भीड़ अधिकतर मेरठ की ही थी। इस भीड़ ने स्पष्ट संदेश दिया कि भले ही अन्य दलों ने पहले जनसभाएं कर ली हों, लेकिन गठबंधन भी किसी से कम नहीं है। मायावती की एक जनसभा ने ही ऐसे सभी कयासों पर विराम लगा दिया। दलितों के साथ मुस्लिम और रालोद समर्थकों की भी उपस्थिति जनसभा में दिखाई दी। गठबंधन की ताकत को भांपकर चुनावी जानकारों ने नए विश्लेषण शुरू कर दिए हैं। पश्चिम की कई सीटों पर समीकरण अब उलझते दिखाई दे रहे हैं।
अपनेपन का कराया अहसास
संबोधन के दौरान मायावती ने भी दलितों के साथ मुस्लिम व जाट वोटरों को भी अपनेपन का अहसास कराया। उन्होंने जहां बागपत सीट पर रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के समर्थन में वोट करने की अपील दलितों से की, वहीं जयंत से अपील कराई की सभी सीटों पर जाट वोटर गठबंधन को वोट दें। माया ने संबोधन के अंत में वादा किया कि गठबंधन की सरकार बनी तो पश्चिम उत्तर प्रदेश का ख्याल रखा जाएगा। मेरठ के लिए उन्होंने कहा कि यहां का विशेष ख्याल रहेगा।
सर्जिकल रैलियों की स्ट्राइक का करारा जवाब
भाजपा प्रथम चरण के चुनाव में सर्जिकल रैलियों की स्ट्राइक से माहौल को अपने पक्ष में करने का दंभ भर रही थी। इस बीच गठबंधन ने एक जनसभा से ही अपनी ताकत का अहसास करा दिया है।
खूब लगे नारे ‘चौकीदार चोर है’
मायावती की जनसभा में जैसे जैसे भीड़ जुटनी शुरू हुई वैसे ही लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। गठबंधन नेताओं के जिंदाबाद के नारे कम लग रहे थे और भीड़ की जुबां पर केवल एक ही नारा था ‘चौकीदार चोर है’ नारा लगाते लोगों को गठबंधन के किसी भी नेता ने न रोका और न ही टोका।