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LokSabha Election 2019 : रैली में मायावती ने बताया अपना ‘पीएम प्लान’

सोमवार को गठबंधन की रैली में मायावती ने संकेत दिया कि कांग्रेसमुक्त गठबंधन की सरकार बनाने की स्थिति बनी तो वह प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 11:25 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 11:25 AM (IST)
LokSabha Election 2019 : रैली में मायावती ने बताया अपना ‘पीएम प्लान’
LokSabha Election 2019 : रैली में मायावती ने बताया अपना ‘पीएम प्लान’
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। बसपा अध्यक्ष मायावती ने मेरठ की रैली में बेहद सधे अंदाज में खुद को प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तुत किया। बिना कुछ कहे ‘पीएम प्लान’ भी बताया। संकेत दिया कि कांग्रेसमुक्त गठबंधन की सरकार बनाने की स्थिति बनी तो वह प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं। बसपा सुप्रीमो ने भाजपा-कांग्रेस को अवसर न देने की अपील की और सरकार बनने पर बेहतर काम कराने का वादा किया।
सपना किया सार्वजनिक
मायावती का यह कदम उन बातों का विस्तार है, जो उन्होंने एक ट्वीट में खुद के पीएम बनने का जिक्र किया था। बसपा नेता भी गाहे-बगाहे मायावती का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए उछालते रहते हैं। रैली में बहनजी ने केंद्र में सरकार बनाने का सपना सार्वजनिक किया। वादे गिनाए और बताया कि उनकी पार्टी घोषणा-पत्र जारी नहीं करती है। वह काम करने में विश्वास रखती हैं। उन्होंने बसपा और अपने शासनकाल के कामकाज का जिक्र किया।
‘अपनी सरकार’ शब्द का इस्तेमाल
कांग्रेस को जवाब देने के लिए वादा भी किया कि ‘अपनी सरकार’आएगी तो छह हजार महीने देने के बजाय नौकरी देंगी,सुविधाएं देंगी। उन्होंने ‘अपनी सरकार’शब्द का इस्तेमाल भी जानबूझकर उस कूटनीति के तहत किया कि जिससे उनके कार्यकर्ता ‘मायावती सरकार’ मानकर चलें। दरअसल, उनके समर्थकों व पार्टी के पदाधिकारियों ने रणनीति के तहत उनका नाम प्रधानमंत्री पद के लिए तभी उछालना शुरू कर दिया था, जब अखिलेश यादव की पार्टी से गठबंधन की बात शुरू होने वाली थी।
अखिलेश ने की थी बात घुमाने की कोशिश
तब बसपा कार्यकर्ताओं को मना कर दिया गया था कि वे कहीं भी मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की बात न करें,लेकिन जैसे ही गठबंधन तय हुआ उनके कार्यकर्ता व पदाधिकारी अलग-अलग मंचों पर मायावती का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए उछालने लगे। एक बार यह बात अखिलेश के समक्ष भी उठी तब उन्होंने मुस्कराकर बात घुमाने की कोशिश की थी,पर 20 मार्च का मायावती का ट्वीट व सोमवार को कही गई बातें ‘पीएम प्लान’ का हिस्सा लगती हैं। ट्वीट में उन्होंने लिखा था ‘जिस प्रकार 1995 में जब मैं पहली बार यूपी की सीएम बनी थी तब मैं यूपी के किसी भी सदन की सदस्य नहीं थी। ठीक उसी प्रकार केंद्र में भी पीएम / मंत्री को छह माह के भीतर लोकसभा / राज्यसभा का सदस्य बनना होता है। इसलिए अभी मेरे चुनाव न लड़ने के फैसले से लोगों को कतई मायूस नहीं होना चाहिए।’ 

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