घायलों का इलाज कराए सरकार, दर्ज केस भी वापस हों : मौलाना कासमी
जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी शनिवार को दिल्ली से मेरठ पहुंचे और वे यहां पर कल हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के घर गए।
मेरठ, जेएनएन। जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी शनिवार को दिल्ली से मेरठ पहुंचे और वे यहां पर कल हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के घर गए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। उनका हालचाल जाना। इसके बाद हापुड़ अड्डे चौराहे पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जो भी लोग कल ही घटना में घायल हुए, सरकार उनका इलाज कराए। मृतकों के परिजनों को भी मुआवजा दिया जाए। जिन लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, पुलिस उन्हें बिना किसी शर्त के छोड़े। जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनके खिलाफ केस वापस लिया जाए।
जेल भरो आंदोलन हो सकता है शुरू
मौलाना कासमी ने कहा कि एनआरसी नागरिकता संशोधन कानून का ही एक पार्ट है। सरकार की योजना एनआरसी को भी लागू करने की है। इसके बाद तमाम मुसलमानों को बेदखल कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने आनन फानन में सीएए बनाया है। इस पर किसी प्रकार चर्चा नहीं की गई। जमीयत उलमा ए हिंद ने 13 दिसंबर को सरकार के पास देशभर से दो हजार ज्ञापन भिजवाए हैं। सरकार इस कानून को लेकर 70 सालों से हिंदुस्तान में रह रहे मुसलमानों को विश्वास नहीं दिला पा रही है। इसीलिए लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को मेरठ में पुलिस ने ज्यादती की है। जमीयत उलमा ए हिंद जल्द ही जेल भरो आंदोलन शुरू कर सकती है।