मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान, बोले- वह दिन दूर नहीं जब जमीयत के दोनों गुट होंगे एक
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों और हालात पर अपने अवार्ड वापस किए। प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नाराजगी जताई। कहा कि हम सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे अगर सरकार नहीं समझेगी तो देश बर्बाद हो जाएगा।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। देवबंद के ईदगाह मैदान पर चल रहे जमीयत उलमा ए हिंद (महमूद मदनी गुट) की राष्ट्रीय प्रबंधन कमेटी के दो दिवसीय इजलास के दूसरे सत्र में जमीयत उलेमा ए हिंद के दूसरे गुट के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी शामिल हुए। भतीजे महमूद मदनी ने चाचा अरशद मदनी का दिल खोलकर स्वागत दिया। इस दौरान अरशद मदनी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब जमीयत के दोनों गुट एक हो जाएंगे। सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई हिंदू भाइयों से नहीं, बल्कि सत्ता में बैठे उन लोगों से है जो धर्म के नाम पर देश को बर्बाद कर रहे हैं।
दोनों जमातों का एक ही मकसद
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अल्लाह करे ये इजलास जमीयत ए उलमा हिंद को एक करने का सबब बन जाए। हालात और मुसलमानों के दिलों की आवाज से हमें यकीन है कि वह दिन दूर नहीं है, जब जमीयत उलेमा ए हिंद के दोनों गुट एक हो जाएंगे। उन्होंने जमीयत उलेमा ए हिंद के बुजुर्गों की जिंदगी के मकसद पर रोशनी डाली और कहा कि दोनों जमातों का एक ही मकसद है। आने वाले दिन आप लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी होगी और हमें उम्मीद है कि जमीयत उलमा ए हिंद एक प्लेटफार्म से हालात का मुकाबला करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे उलेमा ने देश की आजादी से लेकर बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दों तक बड़ी कुर्बानियां दी हैं और कानूनी और संवैधानिक लड़ाई लड़ी है। हमारे बुजुर्ग कभी सड़कों पर नहीं उतरे, लेकिन उन्होंने देश के संवैधानिक तरीकों से लड़ाई लड़ी है। हमें भी उसी तरीके से हालात का मुकाबला करना है। अगर ऐसा न हुआ तो हम नाकाम हो जाएंगे।
हम कहीं बाहर से नहीं आए, यह देश हमारा
अरशद मदनी ने कहा कि हम कहीं बाहर से नहीं आए हैं, बल्कि यह देश हमारा है। लेकिन यह बदकिस्मती है कि देश की सत्ता में बैठे लोग धर्म के नाम पर देश के लोगों को नफरतों में बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। हमारा मुकाबला किसी हिंदू से नहीं है बल्कि उस सरकार से है जो धर्म के नाम पर लोगों को बांट कर देश को बर्बाद कर रही है। लेकिन हमें हालात का मुकाबला करना है लेकिन सड़कों पर उतरकर नहीं बल्कि प्यार और मोहब्बत के साथ।
बहुसंख्यक समाज से बढ़ाएं नजदीकियां
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इस्लाम धर्म के इंसानियत का संदेश देता है। हमें बहुसंख्यक समाज के लोगों से नजदीकियां बढ़ानी चाहिए और प्यार मोहब्बत के साथ हालात का मुकाबला करते हुए उन्हें अपने मदरसों और अपने स्कूलों के शिक्षा के निजाम के बारे में समझाना चाहिए।
.. तो फिर अल्पसंख्यक बचेंगे न बहुसंख्यक
मदनी ने कहा कि इस देश में ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों और हालात पर अपने अवार्ड वापस किए और प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई। कहा कि हम सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे अगर सरकार नहीं समझेगी तो देश बर्बाद हो जाएगा। अल्पसंख्यक बचेंगे न बहुसंख्यक। उन्होंने वर्तमान हालात का मुकाबला प्यार मोहब्बत से करते रहने का आह्वान किया।