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वीवीपैट की पर्चियों से मिलान..याद आया पुराना 'इम्तिहान'

पांच-पांच बूथों की वीवीपैट पर्चियों की गणना ने पुरानी चुनाव प्रक्रिया की याद दिला दी जिसमें चुनाव कागज के मतपत्र से होता था। जनपद की सातों विधानसभा में पांच-पांच बूथों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 08:00 AM (IST)
वीवीपैट की पर्चियों से मिलान..याद आया पुराना 'इम्तिहान'
वीवीपैट की पर्चियों से मिलान..याद आया पुराना 'इम्तिहान'

मेरठ। पांच-पांच बूथों की वीवीपैट पर्चियों की गणना ने पुरानी चुनाव प्रक्रिया की याद दिला दी, जिसमें चुनाव कागज के मतपत्र से होता था। जनपद की सातों विधानसभा में पांच-पांच बूथों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया गया। इसके बाद वीवीपैट पर्चियों की गणना करके परिणाम का मिलान ईवीएम से प्राप्त आंकड़ों से कराया गया। सभी पर्चियों की संख्या ईवीएम के आंकड़ों से पूर्ण रूप से मिलान कर गई।

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अलग बना बूथ, जाल के भीतर हुई गणना

वीवीपैट पर्चियों की गणना कराने के लिए प्रत्येक विधानसभा के मतगणना हॉल में विशेष केबिन तैयार किया गया था। इसे चारों ओर जाली लगाकर बनाया गया था। यहां तक कि उसकी छत पर भी लोहे की जाली लगाकर बंद किया गया था। चार मतगणना कर्मचारी पर्चियों की छंटाई और गणना के लिए तैनात थे। उन्होंने वीवीपैट पर्चियों की गणना के लिए सबसे पहले चयनित बूथों की वीवीपैट की सील खोलकर उनके भीतर से पर्चियों निकाली। पर्चियों की छंटाई के लिए एक विशेष बॉक्स बनाया गया था, जिसमें 11 प्रत्याशियों के नाम के अलग अलग खाने बने थे। सबसे पहले पर्चियों की छंटाई की गई। इसके बाद 50-50 पर्चियों के बंडल तैयार किए गए। इसके बाद उनकी गणना करके परिणाम तैयार किया गया।

एक मशीन में आधा घंटा, कुल ढाई घंटे

एक वीवीपैट पर्चियों की छंटाई और गणना करके परिणाम तैयार करने में आधा घंटा का समय लग रहा था। कुछ स्थानों पर काम तेजी से चला, लेकिन पांचों बूथों की वीवीपैट पर्चियों की गिनती में औसतन दो से ढाई घंटे का समय लगा।

मिलान कर गए परिणाम

जनपद की सभी सात विधानसभाओं में पांच-पांच बूथों की वीवीपैट की गणना करके आंकड़ों का मिलान ईवीएम के आंकड़ों से किया गया। गनीमत रही कि सभी विधानसभा के बूथों के आंकड़े आपस में मिलान कर गए। जानकारों की मानें तो आंकड़ों में अंतर मिलते ही विधानसभा के सभी बूथों की मतगणना वीवीपैट की पर्चियों से करानी होती, जिसमें दो दिन का समय कम से कम लगता।

प्रेक्षकों की निगरानी में गणना

जनपद की सात विधानसभाओं के लिए चुनाव आयोग ने पांच प्रेक्षकों की तैनाती की थी। वीवीपैट पर्चियों की गणना और आंकड़ों का मिलान प्रेक्षकों की मौजूदगी में कराया गया।

इन बूथों की हुई वीवीपैट की गणना

विधानसभा बूथ संख्या

सिवालखास 190, 326, 334, 350, 363

सरधना 94, 310, 321, 336, 341

हस्तिनापुर 42, 67, 167, 232, 455

किठौर 279, 284, 288, 331, 343

मेरठ कैंट 260, 372, 376, 409, 412

दक्षिण 274, 281, 286, 314, 338

मेरठ शहर 54, 130, 138, 294, 334

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