ओपीडी के मरीजों की दवाओं में भारी कटौती, हर माह सिर्फ पांच लाख की दवा दे पाएगा मेडिकल Meerut News
मेडिकल कॉलेज में इनदिनों दवाओं को लेकर बहुत मारामारी है। हालात यह है कि ओपीडी में साधारण एंटीबायोटिक से लेकर पोस्ट आपरेटिव एंटीबायोटिक तक देनी बंद करनी पड़ रही है।
मेरठ, जेएनएन। रोजाना तीन हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज करने वाले मेडिकल कॉलेज के पास एंटीबॉयोटिक दवाओं का स्टाक नहीं बचा है। मेडिकल प्रशासन ने ओपीडी के मरीजों की दवाओं में भारी कटौती कर दी है। मार्च तक सिर्फ 25 लाख के बजट से काम चलाना होगा। शासन ने बजट की मांग को खारिज कर दिया है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता का कहना है कि 2017-18 में 15 करोड़, जबकि अगले साल यानी 2018-19 में दवाओं का बजट दस करोड़ कर दिया गया। करीब पांच करोड़ रुपये का बजट दवा कंपनियों को देना पड़ा।
प्राचार्य से कर चुके हैं शिकायत
अक्टूबर माह के पहले सप्ताह तक चार करोड़ के बकाया बजट से 3.75 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। महज 25 लाख के बजट से मार्च 2020 तक की दवा खरीद करनी पड़ेगी। गत माह प्रमुख सचिव के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग में मेडिकल प्रशासन ने अतिरिक्त बजट की मांग की थी, किंतु बात नहीं बनी। नतीजा ये रहा कि ओपीडी में साधारण एंटीबायोटिक से लेकर पोस्ट आपरेटिव एंटीबायोटिक तक देनी बंद करनी पड़ रही है। कई मरीज दवा न मिलने की शिकायत प्राचार्य से भी कर चुके हैं।
करनी पड़ी कटौती
सीएमएस डा. धीरज बालियान ने कहा कि इमरजेंसी से लेकर अन्य आपात विभागों में पर्याप्त दवाएं हैं, किंतु सामान्य मरीजों के लिए कटौती करनी पड़ रही है। अगर मार्च से पहले दवा का बजट मिला तो स्थिति बेहतर होगी। बता दें कि दो माह पहले मेडिकल प्रशासन ने ओपीडी के मरीजों को दवा बंद करने संबंधी एक पत्र शासन को भेजा था, किंतु अब तक कोई जवाब नहीं आया है।