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Martyr Major Mayank: मेरठ में शहीद को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई, उमड़ा जनसैलाब

जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मोर्चा लेते शहीद हुए मेजर मयंक विश्नोई को रविवार को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सूरजकुंड श्मशान स्थल पर अंतिम संस्कार में शहीद की एक झलक के लिए काफी भीड़ रही।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 05:33 PM (IST)
Martyr Major Mayank: मेरठ में शहीद को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई, उमड़ा जनसैलाब
शहीद मेजर मयंक विश्नोई की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब।

जागरण संवाददाता, मेरठ। जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मोर्चा लेते शहीद हुए मेजर मयंक विश्नोई को रविवार को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सूरजकुंड श्मशान स्थल पर अंतिम संस्कार में शहीद की एक झलक के लिए काफी भीड़ रही। भारत माता की जय, वंदे मातरम, पाकिस्तान मुर्दाबाद, हंिदूुस्तान जिंदाबाद, भारतीय सेना की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा मेजर तेरा नाम रहेगा, जैसे जयकारे गूंजते रहे। सैनिक सम्मान के बीच पिता रिटायर्ड सूबेदार वीरेंद्र विश्नोई ने शहीद बेटे को मुखाग्नि दी।

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कश्मीर में 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात मेजर मयंक 27 अगस्त को आतंकी हमले में घायल हुए थे। शनिवार को वह वीरगति को प्राप्त हो गए। रविवार को जम्मू कश्मीर से दिल्ली विमान ने उनका पार्थिव शरीर लाया गया। जहां से सड़क मार्ग से मेरठ लाया गया। कंकरखेड़ा में शिवलोकपुरी स्थित आवास पर मेजर मयंक विश्नोई के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम रहा। मुख्यमंत्री की ओर से 50 लाख रुपये का चेक कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल और सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने स्वजन को सौंपा। शाम को पार्थिव शरीर सूरजकुंड श्मशान स्थल पहुंचा। सेना के पश्चिम यूपी के जीओसी, डिप्टी जीओसी सहित अन्य सेना के अधिकारियों ने शहीद मेजर को सलामी दी। फिर पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद मेजर को विदाई दी गई। अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिनिधि के तौर पर कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य लोग, जन सामान्य, युवा, महिलाएं, बच्चे और प्रशासनिक अधिकारी शरीक रहे।

तिरंगे को सीने से लगाकर निहारती रहीं वीरनारी : शहीद मेजर मयंक विश्नोई की पत्नी स्वाति भी पति को अंतिम विदाई देने सूरजकुंड पहुंचीं। तिरंगे से लिपटे पार्थिव शरीर को सेना के जवानों ने चिता पर लिटाया, फिर उनके पार्थिव शरीर पर लिपटे तिरंगे को मेजर की पत्नी को दिया। तिरंगे को अपने सीने से लगाकर स्वाति एकटक पति की जलती चिता को निहारती रहीं।

शहीद मेजर मयंक विश्नोई के नाम पर होगी मेरठ की एक सड़क : योगी

जम्मू कश्मीर में कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए मेरठ निवासी सेना के मेजर मयंक विश्नाई के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने शहीद के स्वजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। साथ ही शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने तथा जिले की एक सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की घोषणा भी की है। शहीद के स्वजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से शहीद के परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।

2013 में बने थे अफसर

कंकरखेड़ा की शिवलोकपुरी कालोनी निवासी रिटायर्ड सूबेदार वीरेंद्र विश्नोई के बेटे मयंक विश्नोई 2013 में आइएमए देहरादून से पास आउट हैं। लेफ्टिनेंट बनने के बाद मयंक कई यूनिटों में तैनात रहे। मयंक की बहन तनु और अनु विश्नोई के अनुसार 2019 में मयंक प्रमोशन पाकर मेजर बने थे। मेजर की पहली पोस्‍टिंग 44 आरआर में हुई। वर्तमान में तैनाती जम्मू कश्मीर के शोपियां में थी। आरआर में दो वर्ष की ड्यूटी हो चुकी थी, एक वर्ष बाद आरआर से वापस अपनी यूनिट में तैनाती मिलनी थी।

शहीद के स्‍वजनों को मिलेंगे 50 लाख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद मेजर मयंक विश्नोई की शहादत पर 50 लाख रुपये स्वजनों को देने, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। साथ ही शहीद के नाम से एक सड़क की भी घोषणा की गई है।

भैया को देखने रविवार को अस्पताल जाना था

शहीद मेजर मयंक की बहन मुरादाबाद निवासी तनु और साहिबाबाद निवासी अनु ने बताया कि रविवार को ऊधमपुर अस्पताल में अपने भाई को देखने जाना था, जिसके लिए दोनों बहनें शुक्रवार शाम को ही कंकरखेड़ा घर पर आ गई थी। मगर, शुक्रवार रात करीब डेढ़ बजे सेना के अफसर ने फोन पर सूचना दी कि घायल मेजर मयंक विश्नोई शहीद हो गए हैं। उसके बाद से बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल सहित कई भाजपा नेता व क्षेत्रवासी शहीद के घर पहुंचे और सांत्वना दी।

18 अप्रैल 2018 को हुई थी शादी

मेजर मयंक विश्नोई 18 अप्रैल 2018 को हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर टीला निवासी स्वाति संग विवाह के बंधन में बंधे थे। 14 अप्रैल को मेजर एक माह के अवकाश पर घर आए थे। इसी दौरान मेजर के पिता वीरेंद्र कुमार विश्नोई, माता मधु विश्नोई और पत्नी स्वाति कोरोना पाजिटिव हो गए थे। मेजर ने सभी की देखभाल की और उपचार कराने के बाद सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके 13 मई को मेजर मयंक पत्नी संग ससुराल हिमाचल प्रदेश पहुंचे। वहां पत्नी को छोड़कर ड्यूटी पर चले गए थे। 


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