शहीद अजय के बेटे आरव ने कही ऐसी बात कि सभी की आंखें हो गईं नम
पुलवामा एनकाउंटर में शहीद हुए अजय कुमार की अंतिम विदाई के वक्त उनके मासूम बेटे आरव के बोल सुनकर वहां मौजूद हर किसी आंखें नम हो गईं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 11:58 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 11:58 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। ‘..तुमसे अच्छे चिप्स मेरे पापा लाएंगे..।’ पिता का साया उठ जाने से अनजान आरव ने जब ऐसी प्यारी बात अपने साथ खेल रहे नन्हे साथियों से कही तो आसपास खड़े लोगों के आंसू छलक आए। सुबह का समय था। छत पर महिलाएं रो रही थीं। घर के बाहर जमघट था। अजय का शव आने का इंतजार था। इसी गम भरे माहौल में ढाई साल का आरव घर के मुख्य दरवाजे के पास हमउम्र साथियों संग अपनी दुनिया में अलमस्त था। उसे यह भी नहीं पता था कि कुछ मिनट बाद ही उसे पिता की चिता को मुखाग्नि देनी है।
हर किसी आंख थी नम
वह समय भी आया। आरव को गोद में ले जाया गया और शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दिलाई गई। पिता की गोद सदा के लिए सपना हो गई। पिता अक्सर उसे गोद में लेकर बाजार जाया करते थे। दुर्भाग्य देखिए, जिसकी गोद में खेलना था,आज उसे ही अंतिम विदाई देनी पड़ी। दृश्य हृदय विदारक था। इतना मार्मिक कि अंत्येष्टि स्थल पर हर किसी के आंसू निकल पड़े।
कश्मीर समस्या का एक ही समाधान धारा 370 हटाओ
बेटे की शहादत पर गमगीन वीरपाल कुछ ही देर में गुस्से से भर जाते हैं। कहते हैं कि कश्मीर समस्या का एक ही समाधान है-धारा 370 को हटाना। वीरपाल सिंह बताते हैं, अपनी 17 साल की फौज की नौकरी में उन्होंने 12 साल कश्मीर में गुजारे। 1997 में रिटायरमेंट के करीब थे तो कश्मीर में में अखनूर,पुंछ,राजौरी,सांभा,छम सेक्टरों में तैनात रहे। उस वक्त फौजी पर पत्थर फेंकना तो दूर,तेज आवाज में बात करने की भी हिम्मत नहीं थी। बोले,दहशतगर्दो ने सैनिकों पर पत्थर फेंकने के लिए पांच-पांच रुपये भाड़े के पत्थरबाज रख लिए हैं। बंदूक की छोड़िए,सेना को पत्थरबाजों पर पैलेट गन चलाने तक की अनुमति नहीं है।
हर किसी आंख थी नम
वह समय भी आया। आरव को गोद में ले जाया गया और शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दिलाई गई। पिता की गोद सदा के लिए सपना हो गई। पिता अक्सर उसे गोद में लेकर बाजार जाया करते थे। दुर्भाग्य देखिए, जिसकी गोद में खेलना था,आज उसे ही अंतिम विदाई देनी पड़ी। दृश्य हृदय विदारक था। इतना मार्मिक कि अंत्येष्टि स्थल पर हर किसी के आंसू निकल पड़े।
कश्मीर समस्या का एक ही समाधान धारा 370 हटाओ
बेटे की शहादत पर गमगीन वीरपाल कुछ ही देर में गुस्से से भर जाते हैं। कहते हैं कि कश्मीर समस्या का एक ही समाधान है-धारा 370 को हटाना। वीरपाल सिंह बताते हैं, अपनी 17 साल की फौज की नौकरी में उन्होंने 12 साल कश्मीर में गुजारे। 1997 में रिटायरमेंट के करीब थे तो कश्मीर में में अखनूर,पुंछ,राजौरी,सांभा,छम सेक्टरों में तैनात रहे। उस वक्त फौजी पर पत्थर फेंकना तो दूर,तेज आवाज में बात करने की भी हिम्मत नहीं थी। बोले,दहशतगर्दो ने सैनिकों पर पत्थर फेंकने के लिए पांच-पांच रुपये भाड़े के पत्थरबाज रख लिए हैं। बंदूक की छोड़िए,सेना को पत्थरबाजों पर पैलेट गन चलाने तक की अनुमति नहीं है।
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