सोतीगंज का वाहन कमेला बंद होने से कई अपराधिक घटनाओं पर अंकुश
सोतीगंज बाजार में वाहनों का कमेला बंद होने से कई अपराधिक घटनाओं पर रोक लग गई है। दिल्ली से चोरी होने वाली गाड़ियों को सोतीगंज लाकर फर्जी कागजात पर दूसरे राज्यों में ले लाया जाता था।
मेरठ, जेएनएन। सोतीगंज बाजार में वाहनों का कमेला बंद होने से कई अपराधिक घटनाओं पर रोक लग गई है। दिल्ली से चोरी होने वाली गाड़ियों को सोतीगंज लाकर फर्जी कागजात पर दूसरे राज्यों में ले लाया जाता था। उसके अलावा देश की सभी एक्सीडेंट हुई गाड़ियों को यहा के डीलर उठा रहे थे, जो सोतीगंज से उपकरण उठाकर एक्सीडेंट वाली गाड़ियों में लगा देते थे। पुलिस की गोपनीय जाच में सामने आया कि उक्त धंधा भी सोतीगंज के बंद होने से बंदी के मुहाने पर आ गया है। अब डीलरों ने एक्सीडेंट की गई गाड़ियों को खरीदना बंद कर दिया है।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि सोतीगंत के धंधे की गोपनीय तरीके से जाच कराई गई है। सामने आया कि सोतीगंज में चोरी के वाहनों का कटान कर उनके उपकरणों को दूसरे राज्यों में सप्लाई दी जाती थी। सबसे ज्यादा सप्लाई पंजाब को दी जा रही थी। पंजाब के कबाड़ी ही यहा से गाड़ियों के इंजन खरीदकर ले जाते थे, जो स्क्रैप में जाता था। उसके अलावा यहा से वाहनों के उपकरण खरीदकर एक्सीडेंटल गाड़ियों में लगाए जाते थे। देश के किसी भी कोने में एक्सीडेंट हुई गाड़ियों को मेरठ के डीलर खरीदारी करते थे। एक्सीडेंटल वाहनों में सोतीगंज से उपकरण लगाने के बाद उन्हें मोटे रेट पर बेच दिया जाता था। उससे भी अहम बात है कि दिल्ली और एनसीआर से वाहनों की चोरी कर सोतीगंज में लाया जाता था। यहा पर वाहनों के चेचिस और इंजन नंबर बदलकर दूसरे राज्यों में फर्जी कागजात पर बेच दिया जाता था। यानि एक नंबर पर दो से तीन गाड़िया संचालित की जाती थी। एसएसपी ने बताया कि सोतीगंज के बंद होने से कई अन्य अपराधिक घटनाओं पर भी ब्रेक लग गया है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि पुलिस की टीम अभी भी सोतीगंज की हकीकत को परखने के लिए लगाई हुई है। पुलिस जाच रही है कि अभी भी कौन कबाड़ी सोतीगंज से बाहर जाकर वाहन चोरी का धंधा कर रहा है।