छोटी-सी कहासुनी पर की थी दोस्त की हत्या, मिली 10 साल की सजा
दस साल पहले एक युवक ने कहासुनी में दोस्त की हत्या कर डाली थी। कोर्ट ने अभियुक्त को हत्या का दोषी पाते हुए दस साल की सजा सुनाई है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 01:50 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 02:07 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। 10 साल पुराने आपराधिक मानव वध के मामले में न्यायालय ने एक आरोपित को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है।
बहस बनी मौत का कारण
अभियोजन के अनुसार, वादी हारून पुत्र सईद निवासी लक्खीपुरा ने एक जनवरी-2009 को थाना लिसाड़ी गेट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसका कहना था कि जाहिद उर्फ जद्दो निवासी लक्खीपुरा अपने दोस्त जावेद पुत्र सलीम के साथ मोहल्ला जाकिर कालोनी में मदीना मस्जिद के पास अपनी दूसरी पत्नी सितारा के घर गया था, जहां दोनों ने घर के बाहर शराब पी। दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। शोर सुनकर जाहिद की पत्नी सितारा जब बाहर गई तो उसने देखा कि पति के सिर में चोट लगी थी। जाहिद ने बताया कि जावेद ने उसका सिर दीवार से लड़ा दिया था । इसके बाद वह बेहोश हो गया। जाहिद को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
छह गवाह प्रस्तुत किए
पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में पेश किया। सरकारी वकील सर्वेश शर्मा ने वादी समेत छह गवाह अदालत में प्रस्तुत किए। अभियुक्त ने अपने बयान में कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है। मृतक जाहिद उसका अच्छा दोस्त था, लेकिन अभियुक्त कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया। साक्ष्यों के आधार पर सुनवाई करते हुए अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट राजीव कुमार पालीवाल ने अभियुक्त जावेद पुत्र सलीम को 10 साल की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।
बहस बनी मौत का कारण
अभियोजन के अनुसार, वादी हारून पुत्र सईद निवासी लक्खीपुरा ने एक जनवरी-2009 को थाना लिसाड़ी गेट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसका कहना था कि जाहिद उर्फ जद्दो निवासी लक्खीपुरा अपने दोस्त जावेद पुत्र सलीम के साथ मोहल्ला जाकिर कालोनी में मदीना मस्जिद के पास अपनी दूसरी पत्नी सितारा के घर गया था, जहां दोनों ने घर के बाहर शराब पी। दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। शोर सुनकर जाहिद की पत्नी सितारा जब बाहर गई तो उसने देखा कि पति के सिर में चोट लगी थी। जाहिद ने बताया कि जावेद ने उसका सिर दीवार से लड़ा दिया था । इसके बाद वह बेहोश हो गया। जाहिद को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
छह गवाह प्रस्तुत किए
पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में पेश किया। सरकारी वकील सर्वेश शर्मा ने वादी समेत छह गवाह अदालत में प्रस्तुत किए। अभियुक्त ने अपने बयान में कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है। मृतक जाहिद उसका अच्छा दोस्त था, लेकिन अभियुक्त कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाया। साक्ष्यों के आधार पर सुनवाई करते हुए अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट राजीव कुमार पालीवाल ने अभियुक्त जावेद पुत्र सलीम को 10 साल की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।
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