follow traffic rules : यातायात नियमों को बनाएं अपने जीवन का हिस्सा Meerut News
देश में एक समय सड़क दुर्घटनाओं में पहला स्थान महाराष्ट्र का था जो अब उत्तर प्रदेश का हो गया है। यातायात नियमोंं का पालन करके जीवन को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
By Edited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 09:15 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। देश में एक समय सड़क दुर्घटनाओं में पहला स्थान महाराष्ट्र का था, जो अब उत्तर प्रदेश का हो गया है। महाराष्ट्र ने यातायात नियमों पर सख्ती बरती और वहां के लोगों ने आगे बढ़कर उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाते हुए आत्मसात किया। तभी वहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई। दैनिक जागरण के यातायात जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला ने शनिवार को आरजी पीजी कॉलेज की छात्राओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने के कारण ही हमारे देश में बिना किसी बीमारी के 17 से 30 साल आयु वर्ग के सैकड़ों लोगों का बहुमूल्य जीवन समाप्त होता जा रहा है। जब तक लोग इन नियमों को स्वीकार नहीं करेंगे, इसे पूरी तरह से लागू करना मुश्किल होगा। हुए हैं दो अहम बदलाव सीओ दिनेश शुक्ला ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट-2019 में जुर्माना बढ़ाने के साथ ही प्रदेश में दो अहम बदलाव हुए हैं।
ये नियम सदैव याद रखें
पहला किसी भी एंबुलेंस आदि इमरजेंसी व्हीकल का रास्ता अवरुद्ध करने पर 10 हजार जुर्माना और 18 साल से कम आयु के बच्चे के वाहन चलाने पर परिजनों पर पहली बार 25 हजार का जुर्माना और फिर आइपीसी के तहत एफआइआर और तीन साल की कैद का प्रावधान है। बच्चे के खिलाफ भी जुवेनाइल एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई होगी। जुर्माना भरना कठिन, आसान है नियमों का पालन सीओ ने कहा कि भारी-भरकम जुर्माने का सभी विरोध कर रहे हैं। भुगतान भी कठिन माना जा सकता है, लेकिन नियमों का पालन करना तो बेहद आसान है। दुपहिया वाहन के साथ हेलमेट, लाइसेंस, आरसी, प्रदूषण और बीमा के कागजत रखें। चार पहिया वाहनों पर लाइसेंस, सीट बेल्ट, प्रदूषण, बीमा और गाड़ी के कागजात रखें। इसके बाद आपको कोई छू भी नहीं सकता। फायदा आपका है, चिंता भी स्वयं होनी चाहिए सीओ दिनेश शुक्ला ने कहा कि हेलमेट पहनने से आपका सिर सुरक्षित रहता है। सीट बेल्ट लगाने से दुर्घटना के समय स्टेय¨रग से सीना नहीं टकराता, शीशा तोड़कर बाहर नहीं जाएंगे। बीमा रहने से दुर्घटना के समय दोनों पार्टी को लाभ मिलता है। सड़क दुर्घटना में आप के कारण यदि किसी 25 साल के युवक की मृत्यु होती है तो उसके 60 सालों तक संभावित आय को जोड़कर करोड़ों रुपये जुर्माना लगता है।
सरकार कर्मी से दोगुना जुर्माना वसूलेंगे
नियम से ऊपर कोई नहीं सीओ ने छात्राओं को बताया कि नियमों से ऊपर स्वयं पुलिस या अन्य सरकारी विभाग के लोग भी नहीं हैं। परिवहन नियमों में हुए संशोधन के तहत धारा 210-बी के अंतर्गत नियमों का पालन कराने वाले ट्रैफिक पुलिस, पुलिस, आरटीओ आदि यदि नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उनसे आम लोगों की तुलना में दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा। अब बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालों के खिलाफ धारा 304-ए के बजाय 304 में कार्रवाई होगी। 304-ए में जहां तीन साल की सजा है, वहीं 304 में 10 साल कैद का प्रावधान है। कॉलेज प्राचार्य डा. अर्चना शर्मा ने छात्राओं को ट्रैफिक नियमों का पालन करने और परिजनों को भी इसका अनुपालन कराने के लिए प्रेरित किया। आयोजन डा. सोनिका चौधरी ने किया। इस अवसर पर एडवोकेट एसके दीक्षित सहित कॉलेज की शिक्षिकाएं व छात्राएं उपस्थित रहीं।
इन नियमों को रखें याद, करें अनुपालन
बिना लाइसेंस कोई भी वाहन न चलाएं। - मोटरसाइकिल पर हेलमेट और कार में सीट बेल्ट जरूर लगाएं। - लाइसेंस, आरसी, प्रदूषण व बीमा के कागजात जरूर रखें। - हेलमेट चालक और पीछे बैठने वाले भी लगाएं। - 18 साल से कम आयु के बच्चों को वाहन न चलाने दें। - निजी वाहन की नंबर प्लेट काले रंग पर सफेद रंग से अंग्रेजी में ही नंबर लिखा हो। - कॉमर्शियल वाहन में पीले रंग की प्लेट पर काले रंग से अंग्रेजी में ही नंबर लिखा हो। - फोन पर बात करते हुए कोई भी वाहन न चलाएं। यह है नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना - एंबुलेंस को पास न देने पर 10 हजार रुपये जुर्माना - नाबालिग बच्चों को वाहन देने पर 25 हजार रुपये - खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये - बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर पांच हजार रुपये - बिना हेलमेट पांच सौ रुपये, तीन महीने के लिए लाइसेंस रद भी - बिना सीट बेल्ट वाहन चलाने पर एक हजार रुपये - अनावश्यक पार्किंग करने पर पांच सौ रुपये - शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये - मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करने पर 10 हजार रुपये।
छात्राओं व शिक्षिकाओं के सवाल व सीओ के जवाब
रास्ते पर बाइक व ई-रिक्शा अचानक सामने आ जाते हैं। इनके खिलाफ क्या कार्रवाई है? -डा. अमिता शर्मा, शिक्षिका यह खतरनाक तरीके से वाहन चलाने की कैटेगरी में आता है। इसमें 10 हजार जुर्माना है। अब ई-चालान के जरिए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ई-रिक्शा के कारण ट्रैफिक काफी धीमा हो जाता है। - रास्ते पर महिला को वाहन चलाता देख युवक गलत आचरण करते हैं और कार के सामने आ जाते हैं। इन पर कार्रवाई कैसे होगी? -डा. मंजू सिंह, शिक्षिका यह समाज की भ्रांति है कि महिला वाहन नहीं चला सकती। जबकि अब सर्विसेस में महिलाओं की भागीदारी 37.3 फीसद हो चुकी है। ऐसे लोगों पर भी नजर रखेंगे और मिलने पर जरूर कार्रवाई होगी। - नंबर प्लेट पर भी जुर्माना हो रहा है। नंबर प्लेट कैसी होनी चाहिए? -शिक्षा, शिक्षिका नंबर प्लेट छह इंच की हो। निजी वाहनों पर काले रंग की प्लेट पर सफेद से और कॉमर्शियल वाहन पर पीले रंग की प्लेट पर काले अक्षर में लिखा होना चाहिए। नंबर केवल अंग्रेजी में ही लिखे होने चाहिए। ऐसा न होने पर एक हजार रुपये का जुर्माना है। - सख्ती के नाम पर भ्रष्टाचार से सामना हो तो क्या करना चाहिए? -उपासना, छात्रा आपके पास कागजात हैं तो किसी को एक रुपया भी देने की जरूरत नहीं है। अब ई-चालान की व्यवस्था लागू हो रही है। इसमें सारी जानकारी ऑनलाइन होती है। वाहन के सभी कागजात साथ न हों तो उसकी फोटो भी मोबाइल में रखकर दिखा सकते हैं। - ऑटो रिक्शा बहुत तेज संगीत बजाते हैं। इनके खिलाफ क्या कर रहे हैं? -सीमा प्रवीण, छात्रा ऐसे ऑटो चालकों के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। काफी हद तक सफलता भी मिली है। ज्यादा परेशानी होने पर डायल 100 पर फोन करें। ऑटो में अधिक भीड़ होने पर न बैठें। - वाट्सएप पर मैसेज चल रहा है कि कोई भी पुलिसकर्मी कागजात देखने भर के लिए नहीं रोक सकता। यह सही है या गलत? -शुभम त्यागी, शिक्षिका - यह पूरी तरह से गलत है। पुलिसकर्मी किसी भी समय आपको रोककर आपके वाहन के कागजात और आपका नाम-पता व जाने का कारण पूछ सकते हैं। कागजात दिखाना लोगों की जिम्मेदारी है। जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद करना भी आम लोगों की जिम्मेदारी है।
ये नियम सदैव याद रखें
पहला किसी भी एंबुलेंस आदि इमरजेंसी व्हीकल का रास्ता अवरुद्ध करने पर 10 हजार जुर्माना और 18 साल से कम आयु के बच्चे के वाहन चलाने पर परिजनों पर पहली बार 25 हजार का जुर्माना और फिर आइपीसी के तहत एफआइआर और तीन साल की कैद का प्रावधान है। बच्चे के खिलाफ भी जुवेनाइल एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई होगी। जुर्माना भरना कठिन, आसान है नियमों का पालन सीओ ने कहा कि भारी-भरकम जुर्माने का सभी विरोध कर रहे हैं। भुगतान भी कठिन माना जा सकता है, लेकिन नियमों का पालन करना तो बेहद आसान है। दुपहिया वाहन के साथ हेलमेट, लाइसेंस, आरसी, प्रदूषण और बीमा के कागजत रखें। चार पहिया वाहनों पर लाइसेंस, सीट बेल्ट, प्रदूषण, बीमा और गाड़ी के कागजात रखें। इसके बाद आपको कोई छू भी नहीं सकता। फायदा आपका है, चिंता भी स्वयं होनी चाहिए सीओ दिनेश शुक्ला ने कहा कि हेलमेट पहनने से आपका सिर सुरक्षित रहता है। सीट बेल्ट लगाने से दुर्घटना के समय स्टेय¨रग से सीना नहीं टकराता, शीशा तोड़कर बाहर नहीं जाएंगे। बीमा रहने से दुर्घटना के समय दोनों पार्टी को लाभ मिलता है। सड़क दुर्घटना में आप के कारण यदि किसी 25 साल के युवक की मृत्यु होती है तो उसके 60 सालों तक संभावित आय को जोड़कर करोड़ों रुपये जुर्माना लगता है।
सरकार कर्मी से दोगुना जुर्माना वसूलेंगे
नियम से ऊपर कोई नहीं सीओ ने छात्राओं को बताया कि नियमों से ऊपर स्वयं पुलिस या अन्य सरकारी विभाग के लोग भी नहीं हैं। परिवहन नियमों में हुए संशोधन के तहत धारा 210-बी के अंतर्गत नियमों का पालन कराने वाले ट्रैफिक पुलिस, पुलिस, आरटीओ आदि यदि नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उनसे आम लोगों की तुलना में दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा। अब बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालों के खिलाफ धारा 304-ए के बजाय 304 में कार्रवाई होगी। 304-ए में जहां तीन साल की सजा है, वहीं 304 में 10 साल कैद का प्रावधान है। कॉलेज प्राचार्य डा. अर्चना शर्मा ने छात्राओं को ट्रैफिक नियमों का पालन करने और परिजनों को भी इसका अनुपालन कराने के लिए प्रेरित किया। आयोजन डा. सोनिका चौधरी ने किया। इस अवसर पर एडवोकेट एसके दीक्षित सहित कॉलेज की शिक्षिकाएं व छात्राएं उपस्थित रहीं।
इन नियमों को रखें याद, करें अनुपालन
बिना लाइसेंस कोई भी वाहन न चलाएं। - मोटरसाइकिल पर हेलमेट और कार में सीट बेल्ट जरूर लगाएं। - लाइसेंस, आरसी, प्रदूषण व बीमा के कागजात जरूर रखें। - हेलमेट चालक और पीछे बैठने वाले भी लगाएं। - 18 साल से कम आयु के बच्चों को वाहन न चलाने दें। - निजी वाहन की नंबर प्लेट काले रंग पर सफेद रंग से अंग्रेजी में ही नंबर लिखा हो। - कॉमर्शियल वाहन में पीले रंग की प्लेट पर काले रंग से अंग्रेजी में ही नंबर लिखा हो। - फोन पर बात करते हुए कोई भी वाहन न चलाएं। यह है नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना - एंबुलेंस को पास न देने पर 10 हजार रुपये जुर्माना - नाबालिग बच्चों को वाहन देने पर 25 हजार रुपये - खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये - बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर पांच हजार रुपये - बिना हेलमेट पांच सौ रुपये, तीन महीने के लिए लाइसेंस रद भी - बिना सीट बेल्ट वाहन चलाने पर एक हजार रुपये - अनावश्यक पार्किंग करने पर पांच सौ रुपये - शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपये - मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करने पर 10 हजार रुपये।
छात्राओं व शिक्षिकाओं के सवाल व सीओ के जवाब
रास्ते पर बाइक व ई-रिक्शा अचानक सामने आ जाते हैं। इनके खिलाफ क्या कार्रवाई है? -डा. अमिता शर्मा, शिक्षिका यह खतरनाक तरीके से वाहन चलाने की कैटेगरी में आता है। इसमें 10 हजार जुर्माना है। अब ई-चालान के जरिए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ई-रिक्शा के कारण ट्रैफिक काफी धीमा हो जाता है। - रास्ते पर महिला को वाहन चलाता देख युवक गलत आचरण करते हैं और कार के सामने आ जाते हैं। इन पर कार्रवाई कैसे होगी? -डा. मंजू सिंह, शिक्षिका यह समाज की भ्रांति है कि महिला वाहन नहीं चला सकती। जबकि अब सर्विसेस में महिलाओं की भागीदारी 37.3 फीसद हो चुकी है। ऐसे लोगों पर भी नजर रखेंगे और मिलने पर जरूर कार्रवाई होगी। - नंबर प्लेट पर भी जुर्माना हो रहा है। नंबर प्लेट कैसी होनी चाहिए? -शिक्षा, शिक्षिका नंबर प्लेट छह इंच की हो। निजी वाहनों पर काले रंग की प्लेट पर सफेद से और कॉमर्शियल वाहन पर पीले रंग की प्लेट पर काले अक्षर में लिखा होना चाहिए। नंबर केवल अंग्रेजी में ही लिखे होने चाहिए। ऐसा न होने पर एक हजार रुपये का जुर्माना है। - सख्ती के नाम पर भ्रष्टाचार से सामना हो तो क्या करना चाहिए? -उपासना, छात्रा आपके पास कागजात हैं तो किसी को एक रुपया भी देने की जरूरत नहीं है। अब ई-चालान की व्यवस्था लागू हो रही है। इसमें सारी जानकारी ऑनलाइन होती है। वाहन के सभी कागजात साथ न हों तो उसकी फोटो भी मोबाइल में रखकर दिखा सकते हैं। - ऑटो रिक्शा बहुत तेज संगीत बजाते हैं। इनके खिलाफ क्या कर रहे हैं? -सीमा प्रवीण, छात्रा ऐसे ऑटो चालकों के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। काफी हद तक सफलता भी मिली है। ज्यादा परेशानी होने पर डायल 100 पर फोन करें। ऑटो में अधिक भीड़ होने पर न बैठें। - वाट्सएप पर मैसेज चल रहा है कि कोई भी पुलिसकर्मी कागजात देखने भर के लिए नहीं रोक सकता। यह सही है या गलत? -शुभम त्यागी, शिक्षिका - यह पूरी तरह से गलत है। पुलिसकर्मी किसी भी समय आपको रोककर आपके वाहन के कागजात और आपका नाम-पता व जाने का कारण पूछ सकते हैं। कागजात दिखाना लोगों की जिम्मेदारी है। जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद करना भी आम लोगों की जिम्मेदारी है।
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